ममता सरकार में मंत्री रथिन घोष के आवास पर सुबह से प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी


सिलीगुड़ी: एक और तृणमूल कांग्रेस का राजभवन अभियान तो दूसरी ओर बंगाल की ममता सरकार में मंत्री रथिन घोष के आवास पर सुबह छह बजे से प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापेमारी की है।
ये कार्रवाई नगर पालिका भर्ती घोटाले में कथित संलिप्तता को लेकर की गई है। बताया जा रहा है कि रथिन के कोलकाता आवास समेत 13 ठिकानों पर छापेमारी की गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रथिन घोष मध्यमग्राम नगर पालिका के अध्यक्ष हैं। उन पर सरकारी नौकरियों में अयोग्य उम्मीदवारों की भर्ती के घोटाले में शामिल होने का आरोप है। ईडी इस मामले की जांच कर रही है कि घोष और उनके सहयोगियों ने नौकरियों के बदले उम्मीदवारों से रिश्वत ली थी । फिलहाल, ईडी की तलाशी जारी है और अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। केंद्रीय जांच एजेंसियों का आरोप घोटाला 200-250 करोड़ रुपये का
राज्य सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट के 15 जून 2023 के आदेश की वैधता को चुनौती दी, जिसमें एकल पीठ द्वारा नगरपालिका भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच के आदेश को बरकरार रखा गया था। केंद्रीय जांच एजेंसियों का आरोप है यह घोटाला 200-250 करोड़ रुपये का हैं, क्योंकि नगरपालिकाओं में भर्ती के लिए प्रत्येक पद के लिए रिश्वत की रकम तय की गयी थी। भर्तियों में अनियमितता का यह मामला विभिन्न नगर पालिकाओं में क्लर्क, सफाई कर्मचारी, चपरासी, ड्राइवर आदि से संबंधित था।
11 नगर पालिकाएँ उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना और नादिया के तीन जिलों में फैली हुई हैं। ईडी ने, जो मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के साथ समानांतर जांच कर रहा है, दक्षिण 24 परगना जिले में डायमंड हार्बर नगर पालिका को नोटिस भेजकर 2016 में कुछ भर्तियों पर स्पष्टीकरण मांगा था।
पर्यवेक्षकों के अनुसार, 11 अन्य नगर पालिकाओं को नोटिस भेजना स्पष्ट संकेत है कि केंद्रीय एजेंसियां करोड़ों रुपये के नगर पालिकाओं के भर्ती घोटाले में अपनी जांच की गति तेज करने के लिए पूरी तरह तैयार कीया था।उन्हें यह भी लगता है कि जांच की त्वरित गति संभवतः इस सप्ताह कलकत्ता उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा की एकल-न्यायाधीश पीठ के हालिया आदेश से प्रेरित है, जिसमें निर्देश दिया गया है कि अब से नगर पालिकाओं की भर्ती मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी द्वारा की जाएगी।उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों को इस मामले में जांच की गति तेज करने और कथित घोटाले के पीछे के सरगनाओं को पकड़ने का भी निर्देश दिया। मामले में केंद्रीय एजेंसी से जांच का मूल आदेश कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने दिया था।बाद में यह मामला न्यायमूर्ति सिन्हा की अदालत में भेजा गया। उन्होंने भी पहले के आदेश को बरकरार रखा था। हालाँकि, राज्य सरकार ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। लेकिन, हाल ही में शीर्ष अदालत ने भी कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेशों को बरकरार रखा है और केंद्रीय एजेंसियों को मामले में अपनी जांच जारी रखने का निर्देश दिया है। @रिपोर्ट अशोक झा

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