बस्ती रेंज की साइबर क्राइम पुलिस टीम ने बीमा पॉलिसी की मेच्योरिटी दिलाने के नाम पर फ्राड करने वाले दो आरोपी को किया गिरफ्तार
बस्ती रेंज की साइबर क्राइम पुलिस टीम ने बीमा पॉलिसी की मेच्योरिटी दिलाने के नाम पर फ्राड करने वाले दो आरोपी को किया गिरफ्तार
उप्र बस्ती जिले में बीमा पॉलिसी की मेच्योरिटी की धनराशि दिलाने के नाम पर देश के विभिन्न प्रांतों में ठगी करने वाले भरतपुर (राजस्थान) के गैंग का बस्ती रेंज के साइबर क्राइम थाने की टीम ने खुलासा किया है। टीम ने मुखबिर की सूचना पर इस गैंग के दो गुर्गों को गाजियाबाद के प्रताप विहार बाजार सेक्टर-12 से रविवार को दबोच लिया। सोमवार को दोनों शातिरों को लेकर टीम बस्ती पहुंची। साइबर थाना प्रभारी विकास यादव ने बताया कि देश के विभिन्न प्रांतों में करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले गैंग के आधा दर्जन से अधिक बैंक खातों को सीज कर दिया गया है। घटना में प्रयुक्त मोबाइल, सिम कार्ड, फर्जी आधार कार्ड, एटीएम व अन्य कागजात बरामद किए गए हैं। बस्ती रेंज की साइबर क्राइम थाने में 12 दिसंबर 22 को हरिहर प्रसाद निवासी चिरैयाडाड़ ने तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने तहरीर में बताया कि उनकी छह पॉलिसियां चल रही थीं, जिसमें पांच की केवल एक ही किस्त जमा थी। बंद पॉलिसी के बारे में एक व्यक्ति ने फोन कर कहा कि आपकी पॉलिसी चालू कराने के साथ ही इसकी मेच्योरिटी कराकर धनराशि दिला दी जाएगी। झांसे में आकर प्रोसेसिंग फीस, जीएसटी आदि के नाम पर धीरे-धीरे करके कई बार में विभिन्न खातों में छह लाख 52600 रुपये जमा कर दिए थे। ठगी का एहसास होने के बाद केस दर्ज कराया था।
आईजी आरके भारद्वाज की निर्देश पर प्रभारी निरीक्षक विकास यादव ने इलेक्ट्रानिक सर्विलांस, सीडीआर एनालिसिस व अन्य साइबर तकनीक का प्रयोग करते हुए साक्ष्य जुटाना शुरू किया। इस बीच उन एटीएम की फुटेज टीम के हाथ लगी, जहां से जालसाजों ने पैसा निकाला था। इसमें उनकी पहचान होने के बाद से टीम उनकी तलाश में जुटी थी। इंस्पेक्टर विकास ने बताया कि आरोपी सगे भाई रोहित सिंह परमार और अरविन्द परमार निवासी बहताना थाना डींग जिला भरतपुर राजस्थान को मुखबिर की सूचना पर गाजियाबाद से दबोच लिया गया। इस गैंग के तीसरे सदस्य गौरव कश्यप की तलाश की जा रही है।
गाजियाबाद के मकान को बनाया था कंट्रोल रूम
गैंग गाजियाबाद में एक किराए पर कमरा लिया था। गौरव कश्यप फर्जी नाम पते से सिम निकलवाकर मोबाइल की व्यवस्था करता था। इसके बाद रोहित और अरविन्द बीमा आदि के भुगतान का लालच देकर लोगों से आधार कार्ड आदि डिटेल ले लेते थे। इसकी मदद से दूसरे के नाम व पते पर जालसाज खाता खोलवा लेते थे और एटीएम भी मंगवा लेते थे। इससे अपना फर्जी लिंक कर लेते थे। जालसाजी से मिलने वाली रकम को एटीम से निकाल लेते थे।
गैंग गाजियाबाद में एक किराए पर कमरा लिया था। गौरव कश्यप फर्जी नाम पते से सिम निकलवाकर मोबाइल की व्यवस्था करता था। इसके बाद रोहित और अरविन्द बीमा आदि के भुगतान का लालच देकर लोगों से आधार कार्ड आदि डिटेल ले लेते थे। इसकी मदद से दूसरे के नाम व पते पर जालसाज खाता खोलवा लेते थे और एटीएम भी मंगवा लेते थे। इससे अपना फर्जी लिंक कर लेते थे। जालसाजी से मिलने वाली रकम को एटीम से निकाल लेते थे।