राशन वितरण घोटाले में मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक के आवास पर ईडी की छापामारी

राशन भ्रष्टाचार की जड़ों को खोजने में जुटी है टीम

सिलीगुड़ी: बंगाल के मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक के आवास पर ईडी ने छापेमारी की है। ईडी के अधिकारी गुरुवार सुबह बंगाल के वन मंत्री के आवास पहुंचे। यह छापेमारी कथित राशन घोटाले से जुड़ी है जिसकी जांच ईडी कर रही है। कड़ी सुरक्षा के बीच चल रही छापामारी में राशन घोटाला से संबंधित कुछ अहम सुराग खोजे जा रहे है। बता दें कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के मंत्रियों पर पहले भी छापेमारी होती रही है। ईडी के अधिकारी गुरुवार सुबह बंगाल के वन मंत्री के आवास में दाखिल हुए हैं। यह छापेमारी कथित राशन घोटाले से जुड़ी है जिसकी जांच ईडी कर रही है। अधिकारी ने बताया कि निदेशालय के अधिकारियों ने केंद्रीय बलों की एक टीम के सहयोग से कोलकाता साल्ट लेक इलाके में स्थित राज्य के वन मंत्री मलिक के दो फ्लैट पर छापा मारा। उन्होंने बताया कि मलिक के पूर्व निजी सहायक के मकानों सहित आठ अन्य फ्लैट पर भी छापा मारा गया। प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी ने कहा, ”छापेमारी के दौरान मंत्री वहां नहीं थे। वह बाद में आए और उनका फोन ले लिया गया है। (फ्लैट के) अंदर आठ अधिकारी हैं।हम उनके पूर्व निजी सहायक के दमदम स्थित आवास और कुछ अन्य स्थानों पर भी तलाशी ले रहे हैं। अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी पहले ही एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर चुकी है, जिसके सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और मलिक के साथ कथित तौर पर करीबी संबंध हैं।ज्योतिप्रिय मलिक वन मंत्री बनने से पहले खाद्य मंत्री का कार्यभार संभाल रहे थे। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने इस कथित घोटाले में चावल मिल मालिक बकीबुर रहमान को गिरफ्तार किया था।।2004 में एक चावल मिल मालिक के रूप में अपना करियर शुरू करने वाले रहमान ने अगले दो वर्षों में तीन और कंपनियां खड़ी कर लीं। ईडी अधिकारियों के अनुसार, रहमान ने कथित तौर पर शेल कंपनियों की श्रृंखला खोली और पैसे निकाले। कुछ दिन पहले हुई है बकीबुर रहमान की गिरफ्तारी
ईडी के सूत्रों के अनुसार, रहमान ने खाद्य विभाग में गहरे में अपनी जड़ें जमाईं और राशन विभाग में अपने रैकेट के जरिए, जनता के लिए आवंटित खाद्यान्न को अवैध रूप से बेचकर पैसे की हेराफेरी की। ईडी के अधिकारियों ने कहा है कि रहमान के पास कोलकाता और बेंगलुरु में होटल और बार हैं और उन्होंने विदेशी कारें खरीदी हैं। उन्हें कुछ दिन पहले ही ईडी ने गिरफ्तार किया था। ईडी सूत्रों के मुताबिक, जिस समय बकीबुर रहमान कथित तौर पर घोटाले में शामिल थे, उस दौरान ज्योतिप्रिय मलिक खाद्य मंत्री थे. ईडी पहले ही नौकरी घोटाले में मौजूदा खाद्य मंत्री रथिन घोष से पूछताछ कर चुकी है।एजेंसी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि रहमान, उनके परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और करीबी सहयोगियों के नाम पर पंजीकृत कुल 95 संपत्तियों का ईडी के अधिकारियों ने पता लगाया है। इन संपत्तियों का संयुक्त मूल्य 100 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।जांच से यह भी पता चला है कि जो संपत्तियां परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और करीबी सहयोगियों के नाम पर पंजीकृत थी, उसके पीछे वास्तविक निवेश रहमान ने ही किया था। हालांकि, सूत्रों ने कहा है कि रहमान ने अभी तक ऐसी संपत्तियों और परिसंपत्तियों के पीछे निवेश किए गए धन के स्रोतों के बारे में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया है। संपत्तियों और परिसंपत्तियों में राज्य के विभिन्न हिस्सों में फैले कई भूखंडों में लगभग 51 एकड़ जमीन शामिल है और जिनमें से अधिकांश मुर्शिदाबाद और उत्तर 24 परगना जिले में हैं। संपत्ति में रहमान के नाम पर पंजीकृत कुल 7,000 वर्ग फुट के नौ आवासीय फ्लैट भी शामिल हैं।।इसके अलावा, केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने रहमान के स्वामित्व वाले एक होटल, एक हाई-एंड बार-कम-रेस्तरां और तीन चावल-मिलों का भी पता लगाया है। इसके अलावा ईडी ने दुबई में दो हाई-एंड आवासीय फ्लैटों का भी पता लगाया है जो रहमान के नाम पर पंजीकृत हैं। ईडी के अधिकारियों को इस बात के पक्के सबूत मिले हैं कि कारोबारी ने इन विदेशी संपत्तियों को खरीदने के लिए हवाला का रास्ता अपनाया था। हालांकि ये वे संपत्तियां हैं जो सामने आई हैं, ईडी के अधिकारियों का मानना है कि और भी ऐसी संपत्तियां हैं जो अभी सामने आनी बाकी हैं।केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को इस बात के भी सुराग मिले हैं कि रहमान आय को इधर-उधर करने के लिए अपनी पत्नी और साले के बैंक खातों का इस्तेमाल कर रहा है। जांच अधिकारियों ने इन खातों से बेहद कम अंतराल में कई इनवर्ड और आउटवर्ड धन का पता लगाया है। @रिपोर्ट अशोक झा

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