ईडी रिमांड पर लेकर ज्योति प्रिय मलिक से करेगी पूछताछ,सामने होंगे बकीबुर रहमान
दक्षिण बंगाल से उत्तर बंगाल में मचा है हर काम पहाड़ पर राशन वितरण की भी गड़बड़ी की बात रही है सामने
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कोलकाता: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पश्चिम बंगाल में कई करोड़ रुपये के
कथित राशन वितरण घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में
राज्य के मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को गिरफ्तार कर लिया है। केंद्रीय एजेंसी की ओर से यह जानकारी दी गई है। गिरफ्तारी के बाद मलिक को मेडिकल चेकअप के लिए ले जाया गया। ईडी उसे रिमांड पर लेकर इस घोटाले से जुड़ी कड़ियों को खोलने का प्रयास करेगी। पूर्व खाद्यमंत्री के गिरफ्तारी के बाद दक्षिण बंगाल से उत्तर बंगाल तक हरकंप मचा हुआ है। कहते है की मल्लिक का उत्तर बंगाल के कई मिल मालिकों से सीधा संपर्क था जिसके माध्यम से हिल्स में राशन वितरण में व्यापक घोटाला होता रहा था। इसकी जानकारी भी पूछताछ में सामने आ सकती है। ईडी के पास यह शिकायत पहुंची है की पहाड़ में राशन वितरण के लिए गेंहू की पिसाई जिस मिल में होती है उसका बिजली बिल ही जांच कर लिया जाय तो सारी सचाई सामने होगी? इस पूरे राशन घोटाला पर बीजेपी की प्रतिक्रिया आई है। पश्चिम बंगाल बीजेपी के महासचिव और विधायक अग्निमित्र पॉल ने कहा है कि यह तो होना ही था। इसकाहम इंतजार कर रहे थे. बहुत बड़ा घोटाला हुआ है. उन्होंने कहा कि सीएम ममता बनर्जी को इसकी जिम्मेदारी लेने की जरूरत है।ज्योतिप्रिय मलिक से पूछताछ के पहले ममता बनर्जी से पूछताछ करने की जरूरत है क्योंकि वह मुख्यमंत्री हैं और उनके रहते ये सब हुआ। क्या प्रदेश की मुख्यमंत्री को इसके बारे में कुछ नहीं पता होगा? वह सीएम पद क्यों हैं ?अग्निमित्र पॉल ने कहा कि ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर घर में बैठना चाहिए, लेकिन इससे पहले उनसे पूछताछ की जानी चाहिए। ईडी की ओर से जो जानकारी दी गई है। उसके अनुसार, मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को 17-18 घंटे से अधिक पूछताछ के बाद शुक्रवार को तड़के धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया। ईडी अधिकारियों ने बताया कि मलिक को तड़के साढ़े तीन बजे कोलकाता के बाहरी इलाके में स्थित सॉल्ट लेक में उनके आवास से यहां केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय लाया गया। मलिक को एक स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा जहां ईडी उनकी रिमांड की मांग करेंगे।
ज्योतिप्रिय मलिक हैं शुगर पेशेंट:
मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक के बारे में जो बात सामने आई है उसके अनुसार वे शुगर पेशेंट हैं. उन्हें कई अन्य बीमारियां भी हैं। उन्हें कोलकाता के दक्षिणी भाग में जोका के एक ईएसआई अस्पताल ले जाया गया जहां उनका डॉक्टरों ने चेकअप किया। ईडी के एक अधिकारी ने मामले के संबंध में बताया कि राज्य के मंत्री की जांच की जा रही है। यह नियमित जांच है। हम उन्हें स्थानीय अदालत में पेश करेंगे। अदालत से हम उनकी हिरासत का अनुरोध करेंगे।
इस बीच कथित राशन वितरण घोटाला से संबंधित मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद तृणमूल कांग्रेस के मंत्री ने कहा कि मैं बहुत बड़ी साजिश का शिकार हुआ हूं। मलिक ने यह भी आरोप लगाया कि यह साजिश बीजेपी और उसके नेता शुभेंदु अधिकारी ने रची है जो पहले टीएमसी में पूर्व सहयोगी थे।।मलिक ने कहा कि यह एक साजिश है। बीजेपी हम सब के खिलाफ नापाक साजिशें रचने में सक्रियता से शामिल रही है। मलिक वर्तमान में राज्य के वन मंत्री हैं और इससे पहले वह खाद्य एवं आपूर्ति विभाग का जिम्मा संभाल रहे थे।
आमने-सामने बैठाकर हो सकती है पूछताछ: आपको बता दें कि ईडी ने इससे पहले मंत्री बकिबुर रहमान के एक विश्वासपात्र को गिरफ्तार किया था जिसकी रिमांड इस सप्ताह खत्म होने वाली है. सूत्रों की मानें तो केंद्रीय एजेंसी मामले में घटनाक्रमों के बारे में दोनों का बयान जानने के लिए उन्हें आमने-सामने बैठाकर पूछताछ कर सकती है. भ्रष्टाचार के मामलों के संबंध में केंद्रीय एजेंसी द्वारा टीएमसी के एक कैबिनेट मंत्री को पकड़े जाने के बाद मलिक की गिरफ्तारी इस तरह की दूसरी घटना है. पिछले साल राज्य के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी को ईडी ने स्कूल भर्ती घोटाला से संबंधित मामले में गिरफ्तार किया था।
क्यों ईडी के निशाने पर आए पूर्व खाद्यमंत्री : ईडी ने बकीबुर रहमान के पास से 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का पता लगाया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 53 घंटे की तलाशी और 11 घंटे की पुछताछ के बाद मंत्री के करीबी माने जाने वाले रहमान को गिरफ्तार किया गया था।।उसने 2004 में एक चावल मिल मालिक के रूप में अपना व्यापार शुरू किया था। रहमान ने अगले दो सालों में तीन और कंपनियां बना लीं। ED के अधिकारियों के हवाले से लिखा है कि रहमान ने पैसे निकालने के लिए कथित तौर पर शेल कंपनियों की श्रृंखला खोली थी। रहमान ने खाद्य विभाग में अपने रैकेट के जरिए अवैध रूप से राशन बेचकर पैसों की हेराफेरी की थी। जिस समय बकीबुर रहमान कथित तौर पर घोटाले में शामिल थे, उस दौरान ज्योतिप्रिय मलिक खाद्य मंत्री का कार्यभार संभाल रहे थे। @रिपोर्ट अशोक झा