लोकसभा चुनाव के पहले गीता पाठ का ज़बाब अब टीएमसी देंगी चंडी पाठ से
कोलकाता: लोकसभा चुनाव को लेकर बंगाल में जहां भाजपा पुरी तैयारी में जुट गई है वहीं तृणमूल कांग्रेस इस बार भाजपा को कम से कम सीटों पर रोकने की तैयारी में है। इसके लिए एक और जहां पार्टी सुप्रीमो अल्पसंख्यक समुदाय को एकजुट होने का आह्वान कर रही है वहीं दूसरी ओर गीता पाठ के जवाब में चंडी पाठ का आयोजन की तैयारी भी कर रही है।तीन विधानसभा चुनाव राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में बीजेपी की जबरदस्त जीत के बाद लोकसभा चुनाव के पहले हिंदु वोटों के ध्रुवीकरण की सियासत तेज हो गई है। पश्चिम बंगाल में बीजेपी समर्थित संगठन अखिल भारतीय संस्कृत परिषद की पहल पर 24 जनवरी को कोलकाता के ब्रिगेड मैदान में ‘गीता पाठ’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे और एक लाख लोग एक साथ गीता का पाठ करेंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार पीएम मोदी भी खुद मंच से ‘गीता पाठ’ कर सकते हैं। दूसरी ओर, बीजेपी के गीता पाठ के आयोजन के जवाब में टीएमसी ‘चंडी पाठ’ कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारी कर रही है। टीएमसी की पहल पर पश्चिम बंगाल राज्य सनातन ब्राह्मण ट्रस्ट कोलकाता में चंडीपाठ सभा आयोजित करने की इच्छा जताई है। अभी तारीख तय नहीं है, लेकिन हाल में संगठन के नेताओं ने राज्य के दो मंत्रियों अखिल गिरी और फिरहाद हकीम से बात की। लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दलों ने सियासी कार्ड खेलने शुरू कर दिये हैं। हाल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कोलकाता के विक्टोरिया हाउस के सामने सभा की थी। उस सभा से ममता बनर्जी पर जोरदार हमला बोला था। कुछ दिन पहले नेताजी इंडोर स्टेडियम में पार्टी की बैठक में ममता बनर्जी ने चार विधायकों को जेल में डालने के जवाब में बीजेपी के आठ को जेल भेजने की धमकी दी थी। इसके जवाब में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा था कि नेताजी इंडोर स्टेडियम हेयर स्ट्रीट पुलिस स्टेशन क्षेत्र में स्थित है। वह वहां जाएंगे और ममता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे।।हाल ही में, तृणमूल कांग्रेस ने कथित तौर पर ‘ममता चोर’ लिखे कपड़े पहनने और विधानसभा परिसर में नारे लगाने के लिए हेयर स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में भाजपा विधायकों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
गीता पाठ बनाम चंडी पाठ: इस बार राज्य में गीता पाठ बनाम चंडी पाठ की लड़ाई शुरू हो रही है। बीजेपी ममता बनर्जी पर मुस्लिमों के तुष्टिकरण का आरोप लगाते रही है। बीजेपी का आरोप है कि टीएमसी राज्य मेंमुस्लिमों के तुष्टिकरण का खेल खेलती है और हिंदुओं की अवहेलना करती रही है। हालांकि ममता बनर्जी इस आरोप को खारिज करती रही हैं। बीजेपी राज्य में सरस्वती पूजा पर बैन लगाने का संगीन आरोप ममता बनर्जी पर लगाया था। इसके जवाब में ममता बनर्जी ने कहा है कि वह खुद एक ब्राह्माण परिवार से हैं और उन्हें बीजेपी नहीं सिखाए। ममता बनर्जी ने दुर्गा पूजा के दौरान हर साल सैंकड़ों दुर्गा पूजा पंडालों का उद्घाटन करती हैं और चंडी पाठ भी करती सुनाई देती हैं। ममता बनर्जी ने मस्जिदों के इमामों को भत्ता देना शुरू किया, तो मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगा। आरोप के बाद ममता बनर्जी ने न केवल पुरोहितों को भत्ता देना शुरू किया, बल्कि दुर्गा पूजा के दौरान पूजा पंडालों को आर्थिक मदद देनी शुरू की। हालांकि 2021 के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद ममता बनर्जी का यह बयान काफी सुर्खियां बंटोरी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि दूध देने वाली गाय की लात खाने को तैयार हैं। उनके कहने का तात्पर्य निकाला गया था कि चूंकि साल 2021 के चुनाव में ममता बनर्जी को मुस्लिमों ने पूरा समर्थन किया था। इस कारण वह उन्हें किसी कीमत पर उनके समर्थन को तैयार हैं. राज्य में करीब 32 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं और राज्य में सत्ता में बने रहने के लिए मुस्लिमों का समर्थन जरूरी है और ममता बनर्जी मुस्लिमों समुदाय का समर्थन किसी भी कीमत पर खोना नहीं चाहती हैं। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को राज्य के अल्पसंख्यक समुदाय से एकजुट रहने का आह्वान किया है। उनका कहना है कि किसी भी तरह के विभाजन से भाजपा को मजबूत होने में मदद मिलेगी। ममता बनर्जी ने कहा, बहुत नकारात्मक प्रचार हो रहा है। उस पर विश्वास मत करो। यदि आप विभाजित हो गए तो उस विभाजन से भाजपा को फायदा होगा। इसलिए आज एकजुट रहने की शपथ लेने का दिन है। मुख्यमंत्री ने यह बात एक मोबाइल मैसेज में कही, जिसे बुधवार दोपहर तृणमूल कांग्रेस के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की बैठक में सुनाया गया। ममता ने इस अवसर पर बोलते हुए खेला होबे (खेल होगा) नैरेटिव का भी जिक्र किया, जो उनकी पार्टी के युवा नेतृत्व द्वारा गढ़ा गया था और 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों से पहले बेहद लोकप्रिय हुआ था। “आप एकजुट रहें और फिर से खेल होगा।”
विपक्ष एकजुट रहेगा तो भाजपा को हराया जा सकता है। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में भाजपा की भारी जीत के लिए एक बार फिर कांग्रेस को दोषी ठहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, इन तीन राज्यों में विपक्षी वोटों के विभाजन के कारण भगवा खेमे ने चुनावी लाभ उठाया। ममता ने कहा कि वह सही मायनों में भाजपा की जीत नहीं थी। विपक्ष एकजुट रहेगा तो भाजपा को हराया जा सकता है। बंगाल भाजपा की हार चाहता है। बंगाल की नजर किसी कुर्सी पर नहीं है। वह सिर्फ आम लोगों के लिए संघर्ष करेगा। भाजपा हमेशा लोगों को बांटना चाहती है। हमें एकजुट रहकर इसे विफल करना है। इस मौके पर उन्होंने भाजपा पर धर्म के नाम पर लोगों को गुमराह करने का भी आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने कहा, हम सभी धार्मिक स्थलों का सम्मान करते हैं। लेकिन हम उन धार्मिक स्थलों के नाम पर राजनीति करने के खिलाफ हैं। अब हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण की कवायद: लेकिन जिस तरह से बीजेपी राज्य में हिंदु और आदिवासी कार्ड खेल रही है और पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान आदिवासी कार्ड खेलते हुए राज्य की 42 में से 18 लोकसभा सीटों पर कब्जा कर लिया था. उसके बाद ममता बनर्जी कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहती हैं और उसने भी सॉफ्ट हिंदुत्व की रणनीति अपनाई है और बीजेपी के हिंदु कार्ड का लगातार करारा जवाब दे रही है और बीजेपी के गीता पाठ के जवाब में तृणमूल कांग्रेस का चंडी पाठ का आयोजन करना इसकी ही एक कड़ी मानी जा रही है। चंडी पाठ आयोजन करने वाली संस्था पश्चिम बंगाल राज्य सनातन ब्राह्मण ट्रस्ट के तपनकुमार का कहना है कि इसके जनवरी में होने की संभावना है। हम कोलकाता के रानी रासमणि रोड पर कार्यक्रम आयोजित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वे लोग पूरे साल अलग-अलग जगहों पर सार्वजनिक शादियां, सार्वजनिक गोद लेने आदि कार्यक्रम करते हैं। इस बार बंगाली संस्कृति की रक्षा, लोगों के कल्याण और विश्व शांति की कामना के लिए कोलकाता में यज्ञ और चंडी पाठ की योजना है। उन्होंने कहा कि यह देश का मामला नहीं है. यह राज्य का मामला है। अत: वह प्रधानमंत्री को नहीं, केवल मुख्यमंत्री को राज्य के प्रशासनिक प्रमुख के रूप में आमंत्रित करना चाहते हैं। रिपोर्ट अशोक झा