केंद्र ने मांगा बंगाल के आइएएस व आइपीएस अधिकारियों की संपत्ति का ब्योरा

कोलकाता: केंद्र ने राज्य सरकार के अधीन कार्यरत आइएएस व आइपीएस अधिकारियों को अपनी संपत्ति का लेखा-जोखा जमा करने का निर्देश दिया है। गत वर्ष 18 दिसंबर को केंद्र सरकार के प्रशिक्षण व कार्मिक विभाग मंत्रालय की ओर से अपर सचिव दीप्ति उमाशंकर ने राज्य के तत्कालीन मुख्य सचिव हरिकृष्ण द्विवेदी को पत्र भेजा था। पत्र में कहा गया है कि राज्य में कार्यरत सभी आइएएस अपनी चल-अचल संपत्ति की जानकारी दें। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी आइपीएस अधिकारियों की संपत्ति का ब्योरा तलब किया है। 31 जनवरी तक देनी होगी चल-अचल संपत्तियों की जानकारी: केंद्र ने इन संपत्तियों की जानकारी देने के लिए एक विशेष समय-सीमा भी तय की है. उस पत्र में 31 जनवरी तक संपत्ति का हिसाब-किताब जमा करने को कहा गया है। केंद्र से पत्र मिलने के बाद राज्य सचिवालय नबान्न में गतिविधि शुरू हो गयी थीं, लेकिन हरिकृष्ण 31 दिसंबर को मुख्य सचिव पद से रिटायर हो गये. उनके स्थान पर बीपी गोपालिका ने मुख्य सचिव का कार्यभार संभाला था। आइएएस अधिकारियों ने अपनी संपत्ति का लेखा-जोखा दाखिल करने की तैयारी कर दी शुरू : जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार के कार्मिक और प्रशासनिक सुधार विभाग की सतर्कता सेल द्वारा एक निर्देश जारी किया गया था, जिसमें राज्य के सभी अधिकारियों को 31 जनवरी तक केंद्र सरकार के पोर्टल पर चल और अचल संपत्ति के सभी खाते जमा करने के लिए कहा गया है। नबान्न सूत्रों के मुताबिक, यह निर्देश मिलने के बाद राज्य के समस्त आइएएस अधिकारियों ने अपनी संपत्ति का लेखा-जोखा दाखिल करने की तैयारी शुरू कर दी है।
हर साल ही देना होता है अपनी संपत्ति का हिसाब : राज्य प्रशासन के एक अधिकारी के मुताबिक, हर साल एक निश्चित समय पर राज्य के आइएएस अधिकारियों को केंद्र और राज्य सरकारों को अपनी संपत्ति की घोषणा करनी होती है। उस नियम के मुताबिक वे इस साल भी अपनी संपत्ति का हिसाब देंगे। प्रशासनिक स्तर पर भी यह एक परंपरा है। इसलिए इस गाइडलाइन में कोई नयी बात नहीं दिखनी चाहिए। हालांकि, केंद्र सरकार के एक सूत्र का कहना है कि इस साल लोकसभा चुनाव के कारण केंद्र सरकार काफी सतर्क है, इसलिए वोट की घोषणा से पहले राज्य प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों के बारे में सारी जानकारी रखना चाहता है। चुनाव में सरकारी अधिकारियों की नियुक्ति के संबंध में चुनाव आयोग को सही जानकारी दी जा सके। क्योंकि चुनाव आयोग राज्य में काम करने वाले अधिकारियों के साथ मिलकर काम करता है। आइएएस अधिकारियों की तरह राज्य में कार्यरत आइपीएस पुलिस अधिकारियों को भी केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपनी संपत्ति घोषित करने का निर्देश दिया है। उन्हें अपनी संपत्ति का ब्योरा भी जनवरी के आखिरी दिन तक गृह मंत्रालय द्वारा निर्देशित पोर्टल पर अपलोड करना होगा। रिपोर्ट अशोक झा

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