हिंदी स्कूल के मैदान में पानी की टंकी निर्माण , आदिवासियों और गोरखाओ में आक्रोश

हिंदी स्कूल के मैदान में पानी की टंकी निर्माण , आदिवासियों और गोरखाओ में आक्रोश
कहा, राज्य सरकार नहीं चाहती की यहां के बच्चे खेल -कूद मैदान से रहे वंचित
अशोक झा, सिलीगुड़ी: पश्चिम बंगाल सरकार लोकसभा चुनाव में दार्जिलिंग सीट जीतने के लिए सरकार में आने के बाद से ही लगातार प्रयासरत है लेकिन सफल नहीं हो पाई है। इसका सबसे बड़ा कारण आदिवासी, गोरखा और हिंदी भाषियों की उपेक्षा माना जाता है। इसका ज्वलंत उदाहरण मिलनमोड में देखने को आया है। यहां कराईबाड़ी जोत हिंदी प्राइमरी स्कूल के मैदान को पीएचई विभाग को सौप वहां पानी की टंकी का निर्माण बनाया जा रहा है। इसको लेकर स्थानीय आदिवासी और गोरखा के साथ हिन्दी भाषी समाज के लोगों में आक्रोश है। निर्माण के खिलाफ मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक, शिक्षा विभाग समेत जिला प्रशासन से शिकायत की है।
यह है पूरी घटना: कराईबाड़ी जोत हिंदी प्राइमरी स्कूल का निर्माण 1965 में हुआ था। यह कराइबाडी मौजा चंपासारी में है। इस स्कूल में माटीगाड़ा नक्सलबाड़ी विधानसभा क्षेत्र 25 के दो बूथ संख्या 199, 200 पर मतदान होता है। राज्य सरकार का द्वारे सरकार भी यहां लगाया जाता है। इस स्कूल मैदान में जहां आदिवासी बच्चे खेलकूद करते है। वही दूसरी ओर यहां भानु जयंती की सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होती है। अचानक यहां इस मैदान में लोगों के सहमति के बिना जबरन पानीटकी का निर्माण शुरू किया गया है। इसके कारण बच्चों का खेलकूद बंद हो गया है। लोगों के आक्रोश को देखते हुए सथनीय विधायक आनंदमय बर्मन ने क्षेत्र का दौरा किया। उन्होंने राज्य सरकार पर आदिवासी, राजवंशी, गोरखा और हिंदी भाषी समाज के साथ भेदभाव का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जानती है की उनकी उपेक्षा के कारण ही लोकसभा और विधानसभा में भाजपा की जीत हुई है। अब वह इसका ही द्वेषपूर्ण कर कर मतदाताओं से बदला ले रहे है। अगर इस कार्य को सरकार नहीं रोकती है तो आने वाले दिनों में इसको लेकर आंदोलन किया जाएगा।
रिपोर्ट अशोक झा

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