संतो का अपमान अब नहीं सहेगा हिंदुस्तान, सिलीगुड़ी की सड़को पर संतों ने दिखाया अपना स्वाभिमान

मुख्यमंत्री के बयान की तीव्र भाषा में किया विरोध, कहा ईश्वर उन्हें सदबुद्धि दे


सिलीगुड़ी: बंगीय सन्यासी समाज के बैनर तले शुक्रवार को सिलीगुड़ी के मुख्यमार्ग पर अपना स्वाभिमान बचाने के लिए पदयात्रा किया। जिस संत समाज ने अपना घर परिवार , धन संपति छोड़कर समाज और राष्ट्र की सेवा में स्वंय को समर्पित किया उनका कई राज्यों में अपमान हो रहा है। उन्हें जाति संप्रदाय और राजनीति से जोड़कर अपमानित करने का काम हो रहा है। सिलीगुड़ी बघाजतीन पार्क में एकत्र हुए विभिन्न मठ और मंदिरों से आए साधु समाज का समाज के लोगों द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किया गया। महिलाओं ने शंख बजाकर उनके स्वाभिमान के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चलने का संकल्प दोहराया। स्वाभिमान पदयात्रा अधरानंद महाराज स्वामी के नेतृत्व में सिलीगुड़ी एसडीओ कार्यालय पहुंचा। वहां मांगपत्र दिया गया। उसमे कहा गया की बंगाल की माननीय मुख्यमंत्री द्वारा देश के समस्त साधु-संतों के अभूतपूर्व अपमान के विरोध में हम बंगीय सन्यासी समाज के सदस्य ऐसी अपमानजनक भाषा के प्रयोग के विरुद्ध अपना कड़ा विरोध दर्ज कराते हैं। हम यह नहीं समझ पा रहे हैं कि उन्हें देश के साधु समाज की गरिमा और सभ्यता का इतना खुला उल्लंघन करने का अधिकार क्या है। क्या वह कभी उन संस्थानों के संस्थापकों के स्तर तक पहुंच पाएगी जिन्हें वह अपवित्र करने का प्रयास करती है। क्या उनमें इतनी समझ है कि वे सनातन धर्म के मूलभूत सिद्धांतों को भी समझ सकें, उन्हें आत्मसात करने की तो बात ही दूर है। हम हमेशा राजनीति से दूर रहे हैं और विशेष रूप से ऐसे संदिग्ध व्यवसाय से दूर रहे हैं जिसमें वह शामिल होने का प्रयास करती है। हम, बंगीय सन्यासी समाज यह स्पष्ट रूप से बताते हैं कि समाज सेवा और राष्ट्र के प्रति समर्पण में कोई भी मुख्यमंत्री तो क्या हमारी बराबरी नहीं कर सकता, क्योंकि ऐसे लोगों को हमारी आलोचना करना तो दूर, हमारे बारे में टिप्पणी करने का भी कोई अधिकार नहीं है। हमने मोक्ष प्राप्त करने के लिए घर, परिवार, धन, सत्ता हर चीज की निंदा की है और एक अत्यंत विवादित व्यक्तित्व का उपदेश सुनने को तैयार नहीं हैं। कीचड़ उछालना हमारी संस्कृति नहीं है, शायद यह राजनेताओं के कुछ वर्गों को पसंद आता है। हम उनके बयानों का खंडन करते हैं क्योंकि वे ज्ञान की कमी और निहित और परोक्ष मकसद से दिए गए हैं और ये पूरी तरह से झूठ हैं। चेतावनी की एक आखिरी पंक्ति, यदि वह अपने तरीकों को सुधारने में विफल रहती है तो सनातन धर्म अपनी पूरी ताकत से अपनी रक्षा के लिए खड़ा रहेगा और वह इसके लिए पूरी तरह से जिम्मेदार होगी। संतो ने कहा कि देश मुगलों का गुलाम नहीं है अब संतों का अपमान हिंदुस्तान किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करने वाला है।
वही दूसरी ओर सेवक रोड स्थित राम कृष्ण मिशन आश्रम की जमीन पर जबरन कब्जा को लेकर चौकाने वाली बाते सामने आई है। शहर के मेयर गौतम देव उक्त जमीन का म्यूटेशन और होल्टिंग नंबर के साथ आश्रम पहुंच उन्हें सौप दिया। रिपोर्ट अशोक झा

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