बंगाल में राज्यपाल के खिलाफ आरोप लगाने वाली महिला टीएमसी से है जुड़ी 

कोलकाता: राजभवन की एक अस्थायी महिला कर्मी द्वारा लगाए गए छेड़खानी के आरोप को बंगाल के राज्यपाल डा सीवी आनंद बोस ने फिर एक बार साजिश करार दिया। उन्होंने सनसनीखेज दावा करते हुए यह भी कहा कि राजभवन में एक और व्यक्ति को गलत इरादे से बिठाकर रखा गया है। राज्यपाल ने आडियो संदेश जारी करके कहा- यह सिर्फ एक चुनावी हथकंडा है। इससे भ्रष्टाचार व हिंसा के विरुद्ध मेरी लड़ाई नहीं रुकेगी। मुझपर आगे और भी आरोप लगाए जाएंगे। जितने हथियार हैं, सब तान लीजिए। मैं उनका सामना करने के लिए तैयार हूं। एक दिन मुझे कोलकाता में 1946 में हुए सांप्रदायिक दंगों के लिए भी जिम्मेदार ठहरा दिया जाएगा। बंगाल की राजनीतिक ताकतों का यही चरित्र है। भाजपा व माकपा ने इस पर सवाल उठाते हुए इसे साजिश बताया है।पता चला है कि महिला पूर्व मेदिनीपुर जिले की रहने वाली है। वह 2019 से राजभवन में काम कर रही थी। 2002 में उसकी मां ने तृणमूल के टिकट से चुनाव लड़ा था और माकपा प्रत्याशी से हार गई थी। माकपा के पूर्व मेदिनीपुर जिला सचिव निरंजन सिही ने बताया कि भ्रष्टाचार के मामलों व संदेशखाली कांड से लोगों का ध्यान हटाने के लिए तृणमूल की यह साजिश है।भ्रष्टाचार व हिंसा के विरुद्ध लड़ाई रोकने की साजिश: मालूम हो कि महिला ने गत गुरुवार को राज्यपाल पर आरोप लगाते हुए थाने में शिकायत की थी। राज्यपाल ने इसे भ्रष्टाचार व हिंसा के विरुद्ध उनकी लड़ाई रोकने की साजिश करार दिया है। इस बीच हेयर स्ट्रीट थाने की ओर से राजभवन परिसर में स्थित पुलिस आउटपोस्ट के थानेदार से मामले की जांच के लिए राजभवन का वीडियो फुटेज मांगा गया है।राज्यपाल की छवि खराब करने की कोशिश कर रही टीएमसी: वहीं भाजपा के जिला नेता देबब्रत पटनायक ने कहा कि तृणमूल गढ़ी गई घटना के जरिए राज्यपाल की छवि खराब करने की कोशिश कर रही है। इसके जवाब में स्थानीय तृणमूल नेता असित बंद्योपाध्याय ने कहा,’पीड़िता अथवा उसके परिवार के हमारी पार्टी से जुड़े होने का यह मतलब नहीं है कि उसके साथ गलत आचरण किया जा सकता है।’ बंगाल विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी से इस प्रकरण के बारे में पूछे जाने पर कहा कि राष्ट्रपति अथवा राज्यपाल के विरुद्ध कोई मामला दर्ज नहीं हो सकता। रिपोर्ट अशोक झा

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