डेमेज कंट्रोल करने में लगी टीएमसी, आज संदेशखाली पर सुप्रीम फैसला आज

कोलकाता : बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में बवाल के बाद टीएमसी नेता की गिरफ्तारी हुई है। जिससे संदेशखाली में टीएमसी के लिए सियासी संकट पैदा हो गया है। इसे देखते हुए तीन टीएमसी मंत्रियों को संदेशखाली भेजा गया है। मंत्रियों ने सवाल किया कि क्या भाजपा शासित राज्यों में उत्पीड़न के आरोप लगने के बाद सरकार ने कार्रवाई की है। संदेशखालि में पिछले कुछ दिन से विरोध-प्रदर्शन हैं। वरिष्ठ मंत्री सुजीत बोस ने पूछा कि उत्तर प्रदेश और मणिपुर की भाजपा सरकारों ने वहां कथित अत्याचार के मामलों में क्या कार्रवाई की है।दल में शामिल मंत्री पार्थ भौमिक ने दावा किया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्य में 2021 विधानसभा चुनाव से पहले 42 बार पश्चिम बंगाल आए, लेकिन ”यहां के लोगों को इसकी परवाह नहीं है कि वह क्या कहते हैं।” उन्होंने कहा कि टीएमसी में ”किसी भी गलत काम को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाता।” मंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा पश्चिम बंगाल को निशाना बना रही है। भौमिक ने पत्रकारों से कहा, ”यह ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस है, भाजपा नहीं, अगर कोई कुछ भी गलत करता पाया जाता है तो हम कार्रवाई करते हैं।” रविवार को नयी दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में अपने संबोधन के दौरान शाह ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा के दौरान भाजपा के सैकड़ों कार्यकर्ता मारे गए।इससे पहले दिन में मंत्री पार्थ भौमिक, सुजीत बोस और बीरबाहा हांसदा लोगों की शिकायतों के बारे में बात करने के लिए कालीनगर गांव पहुंचे थे। संदेशखालि से टीएमसी के विधायक सुकुमार महता भी उनके साथ थे। बोस ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम यहां के लोगों और स्थानीय पार्टी नेतृत्व से बात करने आए हैं।’ उन्होंने कहा कि वे (तीनों मंत्री) उन स्थानों का दौरा कर रहे हैं, जहां दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू नहीं की गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार के मंत्रियों समेक विपक्षी दल के नेताओं को प्रशासन ने संदेशखालि जाने से रोक दिया था। संदेशखालि में 19 स्थानों पर पांच या उससे अधिक लोगों के एकजुट होने पर पाबंदी है।संदेशखालि के गांवों में फरवरी के पहले सप्ताह से महिलाओं के यौन उत्पीड़न और जमीन कब्जाने के आरोपों को लेकर विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। बोस ने दावा किया कि संदेशखालि में कुछ स्थानों पर इस तरह के आरोप लगाए गए हैं, जिसके अंतर्गत 16 पंचायत क्षेत्र आते हैं। उन्होंने कहा, ‘हम किसी की भी आवाज को दबाने की कोशिश नहीं कर रहे। आरोपी व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।’ पुलिस ने लोगों के आरोपों पर स्थानीय टीएमसी नेता शिवप्रसाद हाजरा उर्फ शिबू और उत्तम सरदार को गिरफ्तार कर लिया है। मजिस्ट्रेट के सामने एक कथित पीड़िता द्वारा दिये गये बयान के बाद दोनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के सामूहिक बलात्कार और हत्या के प्रयास से जुड़ी धाराओं को जोड़ा गया है। पुलिस के मुताबिक, सरदार को एक सप्ताह पहले गिरफ्तार किया गया था वहीं हाजरा को इन धाराओं के जोड़े जाने के बाद शनिवार को गिरफ्तार किया गया। टीएमसी नेता शेख शाहजहां को ग्रामीणों पर अत्याचार का मुख्य आरोपी बताते हुए राज्य के विपक्षी दल उसकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।कालीनगर गांव में एकत्र हुए पीड़ित लोगों से मिलने के बाद अग्निशमन सेवा मंत्री सुजीत बोस, सिंचाई मंत्री पार्थ भौमिक और वन मंत्री बीरबाहा हांसदा ने कहा कि टीएमसी पीड़ितों के लिए धन जुटाएगी और उन लोगों को मुआवजा देगी जिन्हें टीएमसी नेताओं के कारण नुकसान हुआ है। इस बारे में बोलते हुए बोस ने कहा, “हम यहां शिकायतें सुनने और अपने स्थानीय नेताओं से मिलने आए हैं। आरोपी व्यक्तियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। शनिवार को संदेशखाली कांड के मद्देनजर तृणमूल नेता शिवप्रसाद हाजरा (शिबू) को गिरफ्तार कर लिया गया। वह जिला परिषद के सदस्य होने के साथ-साथ पार्टी के ब्लॉक अध्यक्ष भी हैं। हालांकि, शिबू के खिलाफ पार्टी की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है, लेकिन सत्तारूढ़ तृणमूल ने घोषणा की है कि उनकी अनुपस्थिति में संगठन की देखभाल कौन करेगा। राज्य के तीन मंत्री पार्थ भौमिक, सुजीत बोस और बीरबाहा हांसदा रविवार को संदेशखाली पहुंचे। पार्टी कार्यक्रम के बाद सुजीत ने मीडिया को बताया कि शिबू संदेशखाली 2 ब्लॉक के अध्यक्ष हैं। संदेशखाली के तृणमूल विधायक सुकुमार महतो अब अपने क्षेत्र में संगठन देखेंगे। शाहजहां शेख के ‘शिष्य’ शिबू और उत्तम सरदार का नाम पिछले हफ्ते हुई हिंसा में सामने आया। इसके बाद तृणमूल ने उत्तम को छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया। इसके बाद उत्तम को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। लेकिन पार्टी की ओर से शिबू के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी। शनिवार को शिबू की गिरफ्तारी के बाद सत्ताधारी दल की नजर इलाके में संगठन पर पड़ गयी है। सुजीत ने कहा, ”संदेशखाली विधायक सुकुमार मताहो शिबप्रसाद के क्षेत्र में पार्टी का संगठन देखेंगे।” इस सवाल के जवाब में कि क्या पार्टी शिबू के खिलाफ कोई कार्रवाई करेगी, मंत्री ने कहा, ”शिवप्रसाद के खिलाफ जांच चल रही है। जांच पूरी होने पर अगला फैसला किया जाएगा।” तृणमूल सूत्रों के मुताबिक, गौर रॉय नाम के एक स्थानीय नेता को धृत उत्तम के इलाके की जिम्मेदारी दी गई है। शनिवार को पुलिस ने उत्तम और शिबू के खिलाफ दर्ज मुकदमे में सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के प्रयास की धारा जोड़ दी। इसके बाद शिबू को न्याजात थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार गुरुवार को बशीरहाट कोर्ट में संदेशखाली की एक युवती का गुप्त बयान लिया गया। उनके पति एक प्रवासी श्रमिक हैं। युवती अपने बच्चों के साथ अकेली रहती है। पुलिस ने कहा कि वह शिवप्रसाद के खिलाफ सीधी शिकायत करने वाले पहले व्यक्ति थे। हालाँकि, यौन उत्पीड़न की शिकायत पहले पुलिस में दर्ज की गई थी, लेकिन अदालत में एक गुप्त बयान देने के बाद मामले में सामूहिक बलात्कार और हत्या के प्रयास को जोड़ा गया।साथ ही मंत्रियों ने सवाल किया कि क्या भाजपा शासित राज्यों में उत्पीड़न के आरोप लगने के बाद सरकार ने कार्रवाई की है। संदेशखालि में पिछले कुछ दिन से विरोध-प्रदर्शन हैं। वरिष्ठ मंत्री सुजीत बोस ने पूछा कि उत्तर प्रदेश और मणिपुर की भाजपा सरकारों ने वहां कथित अत्याचार के मामलों में क्या कार्रवाई की है। दल में शामिल मंत्री पार्थ भौमिक ने दावा किया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्य में 2021 विधानसभा चुनाव से पहले 42 बार पश्चिम बंगाल आए, लेकिन ”यहां के लोगों को इसकी परवाह नहीं है कि वह क्या कहते हैं।” उन्होंने कहा कि टीएमसी में ”किसी भी गलत काम को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाता।”मंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा पश्चिम बंगाल को निशाना बना रही है। भौमिक ने पत्रकारों से कहा, ”यह ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस है, भाजपा नहीं, अगर कोई कुछ भी गलत करता पाया जाता है तो हम कार्रवाई करते हैं।” रविवार को नयी दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में अपने संबोधन के दौरान शाह ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा के दौरान भाजपा के सैकड़ों कार्यकर्ता मारे गए। इससे पहले दिन में मंत्री पार्थ भौमिक, सुजीत बोस और बीरबाहा हांसदा लोगों की शिकायतों के बारे में बात करने के लिए कालीनगर गांव पहुंचे थे। संदेशखालि से टीएमसी के विधायक सुकुमार महता भी उनके साथ थे। बोस ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम यहां के लोगों और स्थानीय पार्टी नेतृत्व से बात करने आए हैं।’उन्होंने कहा कि वे (तीनों मंत्री) उन स्थानों का दौरा कर रहे हैं, जहां दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू नहीं की गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार के मंत्रियों समेक विपक्षी दल के नेताओं को प्रशासन ने संदेशखालि जाने से रोक दिया था। संदेशखालि में 19 स्थानों पर पांच या उससे अधिक लोगों के एकजुट होने पर पाबंदी है।संदेशखालि के गांवों में फरवरी के पहले सप्ताह से महिलाओं के यौन उत्पीड़न और जमीन कब्जाने के आरोपों को लेकर विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। बोस ने दावा किया कि संदेशखालि में कुछ स्थानों पर इस तरह के आरोप लगाए गए हैं, जिसके अंतर्गत 16 पंचायत क्षेत्र आते हैं। उन्होंने कहा, ‘हम किसी की भी आवाज को दबाने की कोशिश नहीं कर रहे। आरोपी व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।’ पुलिस ने लोगों के आरोपों पर स्थानीय टीएमसी नेता शिवप्रसाद हाजरा उर्फ शिबू और उत्तम सरदार को गिरफ्तार कर लिया है। मजिस्ट्रेट के सामने एक कथित पीड़िता द्वारा दिये गये बयान के बाद दोनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के सामूहिक बलात्कार और हत्या के प्रयास से जुड़ी धाराओं को जोड़ा गया है। पुलिस के मुताबिक, सरदार को एक सप्ताह पहले गिरफ्तार किया गया था वहीं हाजरा को इन धाराओं के जोड़े जाने के बाद शनिवार को गिरफ्तार किया गया। टीएमसी नेता शेख शाहजहां को ग्रामीणों पर अत्याचार का मुख्य आरोपी बताते हुए राज्य के विपक्षी दल उसकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।वकील आलोक अलख श्रीवास्तव की तरफ से दायर याचिका में संदेशखाली के पीड़ितों के लिए मुआवजे की मांग की गई है। साथ ही अपनी जिम्मेदारी ठीक तरह से न निभाने के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस के खिलाफ कार्रवाई करने को भी कहा गया है।
दो जजों की खंडपीठ में सुनवाई होगी
संदेशखाली मामले पर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ सुनवाई करेगी। इससे पहले रविवार को उत्पीड़न मामले के मुख्य आरोपियों में से एक शिबू हाजरा को आठ दिन की पुलिस हिरासत में भेजने की खबर आई। तृणमूल कांग्रेस नेता शिबू हाजरा को एक दिन पहले ही गिरफ्तार किया गया था। शिबू को हिरासत में भेजने का फैसला बशीरहाट सबडिवीजन कोर्ट ने सुनाया। इनके खिलाफ संदेशखाली में जमीन हड़पने और महिलाओं के उत्पीड़न के आरोप लगे हैं।’संदेशखाली को कुछ लोग तिल का ताड़ बना रहे’: पूरे घटनाक्रम और राज्य की पुलिस पर लग रहे गंभीर आरोपों को लेकर सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि संदेशखाली में एक घटना घटी। पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम को भेजा गया। इसके बाद उनके मित्र भाजपा के लोग घुसे। फिर तिल का ताड़ बनाया गया। उन्होंने कार्रवाई और पीड़ितों को इंसाफ का आश्वासन देते हुए कहा, ‘मैं अफसरों को भेजूंगी, जिनकी शिकायत हो बताएं। अगर किसी ने कुछ लिया है, तो सब कुछ वापस किया जाएगा।’
क्या है मामला: बता दें कि संदेशखाली जाते वक्त प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को रोके जाने की घटना सामने आई थी। मजूमदार पुलिस कर्मियों के साथ झड़प में घायल हो गए। संदेशखाली इलाके में बड़ी संख्या में महिलाओं के तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाए जाने के बाद से तनाव व्याप्त है। रिपोर्ट अशोक झा