मनाया जा रहा है गुरु नानक जयंती पर प्रकाश पर्व, मेयर भी माथा टेकने पहुंचे
अशोक झा, सिलीगुड़ी: कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुरु नानक जयंती भी मनाई जाती है। जिसे प्रकाश पर्व या गुरु पर्व के नाम से भी जाना जाता है।सिलीगुड़ी गुरुद्वारा में भव्य कार्यक्रम आयोजित हो रहे है। शहर के मेयर गौतम देव अपने सहयोगियों के साथ माथा टेकने पहुंचे। पंगत में बैठकर लंगर ग्रहण किया।कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर गुरु नानक जयंती मनाई जाती है। इस साल 15 नवंबर 2024 को गुरु नानक जयंती है। यह सिख धर्म के लोगों का महत्वपूर्ण पर्व है, जो गुरु नानक देव जी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जा रहा है। इस वर्ष गुरु नानक जी की 555 वीं जयंती मनाई जा रही है, जो सभी के लिए बेहद ही खास है। बता दें गुरु नानक जी सिख धर्म के संस्थापक है। उन्हें सिख समुदाय के पहले गुरु के रूप में भी पूजा जाता है। उनकी पहचान समाज सुधारक, कवि, देशभक्त और दार्शनिक के रूप में भी की जाती है। धार्मिक ग्रंथों में इसे ‘गुरुपर्व’ या ‘प्रकाश पर्व’ भी कहा जाता है। गुरु नानक जयंती के उपलक्ष्य में गुरुद्वारों को भव्य तरीके से सजाया जाता है। इस दौरान कीर्तन, प्रवचन, पाठ व लंगर जैसे कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है। इस दिन सभी एक दूसरे को इस पर्व की शुभकामनाएं भी देते हैं, जो रिश्तों को और मजबूत करता है। ऐसे में आप इन संदेशों के माध्यम से अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और प्रियजनों को गुरु नानक जयंती की शुभकामनाएं दे सकते हैं।कहते हैं कि इस दिन सिखों के पहले गुरु माने जाने वाले गुरु नानक साहब का जन्म हुआ था और उन्होंने ही सिख धर्म की स्थापना की थी. इस दिन गुरुद्वारों में विशेष उत्सव मनाया जाता है. जगह-जगह प्रभाव फेरियां निकलती हैं और सबद कीर्तन का आयोजन होता है. गुरु नानक देव ने अपने जीवन में कई ऐसे उपदेश दिए हैं जो कि आपकी हर मुश्किल को आसान कर सकते हैं. गुरु नानक के ये अनमोल वचन आपको जीवन की सही राह दिखाएंगे।गुरु नानक देव के 10 उपदेश: गुरु नानक देव का सिख धर्म का संस्थापक कहा जाता है और उन्होंने ‘इक ओंकार’ मंत्र दिया था. उनका कहना था कि ईश्वर एक है और सभी जगह मौजूद है. हम सबका पिता वही है इसलिए सबके साथ प्रेम पूर्वक रहना चाहिए.
गुरु नानक देव ने लोगों को कल्याण के कार्य करने की सलाह दी और लोभ त्यागकर नीतिपूर्वक धन कमाने का उपदेश दिया. उनका कहना था कि धन कमाकर मानवता के कल्याण में उसका उपयोग करना चाहिए। गुरु नानक देव ने लोगों को सिखाया कि कभी भी किसी का हक नहीं छीनना चाहिए. बल्कि मेहनत और ईमानदारी की कमाई में से जरूरतमंदों की भी मदद करनी चाहिए. साथ ही उनका कहना था कि अपना हक लेना भी न्याय की बात है। उन्होंने उपदेश दिया था कि धन को हमेशा जेब तक ही सीमित रखना चाहिए. उसे कभी अपने हृदय में स्थान नहीं देना चाहिए. जो व्यक्ति धन को हृदय में जगह देता है वह स्वंय का ही नुकसान करता है। गुरु नानक देव का मानना था कि हमेशा स्त्री जाति का आदर-सम्मान करना चाहिए. गुरु नानक देव स्त्री व पुरुष सभी को एक समान मानते थे। गुरु नानक देव ने एक महत्वपूर्ण उपदेश यह भी दिया था कि मनुष्य को हमेशा तनाव मुक्त रहकर अपना काम निरंतर करते रहना चाहिए और सदैव प्रसन्न रहना चाहिए। गुरु नानक देव का कहना था कि संसार को जीतने से पहले स्वयं अपने विकारों पर बुराईओं पर विजय पाना आवश्यक है. यानि मनुष्य को अपने भीतर मौजूद बुराइयों को खत्म करना चाहिए। अहंकार मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन है और इसलिए कभी अहंकार नहीं करना चाहिए. बल्कि विनम्र होकर सेवा भाव से अपना जीवन व्यतीत करें। गुरु नानक देव पूरे संसर को एक घर मानते थे और उनका मानना था कि संसार में रहने वाले लोग परिवार का हिस्सा हैं। गुरु नानक देव ने लोगों को प्रेम, एकता, समानता, भाईचारा और आध्यात्मिक ज्योति का संदेश दिया।