15 दिसंबर को सिलीगुड़ी में होगा सनातन संस्कृति संसद का महाकुंभ

लाखों लोग एक स्वर में करेंगे श्रीमद भागवत गीता का पाठ

– 50 हजार महिलाएं करेंगी शंख का वादन, सुरक्षा के व्यापक इंतजाम
अशोक झा, सिलीगुड़ी: सनातन संस्कृति संघ की ओर से सिलीगुड़ी कावाखाली मैदान, रविवार 15 दिसंबर 2024 को एक लाख लोग एक साथ एक स्वर में गीता का पाठ करेंगे। इसकी जानकारी आयोजन कमेटी के बंधु गौरव ब्रह्मचारी, धर्मानंद महाराज, भक्ति वेदांत सजन महाराज ,राधाबल्लम जी महाराज तथा प्रकाश ब्रह्चारी ने दी। इसके लिए तैयारी के साथ सुरक्षा के भी व्यापक इंतजाम किए जा रहे है। बताया की बंगाल अपनी स्थापना के समय से ही एक पवित्र भूमि रही है और भारत के सबसे महत्वपूर्ण राज्यों में से एक है। और अतीत में भारत के प्रमुख प्रदेशों में से एक जो संस्कृति, भाषा और इतिहास के साथ-साथ धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक विशेषताओं को भी अपने साथ लिए हुए है। बंगाल की यह पवित्र भूमि भगवान श्री चैतन्य महाप्रभु, श्री श्री रामकृष्णदेव, स्वामी विवेकानन्द, युगाचार्य स्वामी प्रणवानन्द, प्रभु जगदबन्धु सुन्दर, श्रील प्रभुपाद, ऋषि अरबिंदो जैसे अनेक पवित्र व्यक्तित्वों की जन्मस्थली और कर्मभूमि है। लेकिन अब हमारी पवित्र भूमि की हालत गंभीर है.हमने बंगाल, भारत और पूरे विश्व में भाईचारे, मानवता और प्रेम की सच्ची भावना को बढ़ावा देने और फैलाने के लिए “गीता” का सहारा लिया है, यह “गीता” वर्तमान समाज और राज्य जीवन के संकट से राहत दिला सकती है।इसलिए वर्तमान समय के आह्वान पर पूरे पश्चिम बंगाल के सभी मठों, आश्रमों, विभिन्न संगठनों और शैक्षणिक संस्थानों के साथ-साथ हजारों गीता-प्रेमी नागरिक लाखों लोग एक स्वर में कार्यक्रम का आयोजन करने जा रहे हैं।सभी सनातनी गीता प्रेमियों से हमारा करबद्ध अनुरोध है कि वे इस भव्य आयोजन में सक्रिय रूप से भाग लें और इस ऐतिहासिक आयोजन को सफल बनाने में पूर्ण सहयोग दें।
क्यों जीवन में गीता पाठ का विशेष महत्व : हिंदू धर्म में श्रीमद्भागवत गीता का बहुत अधिक महात्म्य बताया गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जिस भी घर में गीता का नियमित रूप से पाठ होता है, वहां पर कभी किसी तरह की कोई नेगेटिव शक्ति नहीं आ सकती। उस घर में न कोई अकाल मृत्यु होती है और न ही कोई ग्रह दोष या वास्तु दोष प्रभावी हो पाता है। जो भी भक्त गीता का पाठ करता है, उसके जीवन में सब कुछ मंगल ही मंगल होता है। जानिए गीता पाठ करने से क्या लाभ होते हैं।गीता पाठ करने से होते हैं ये लाभ :
जो भी भक्त अपने घर में गीता का नियमित रूप से पाठ करता है, उसके तथा उसके परिवार के सभी सदस्यों की जन्मकुंडली के सारे ग्रह दोष समाप्त हो जाते हैं। गीता का पाठ करने से भूत, प्रेत, पिशाच, चुड़ैल, जिन्न जैसी समस्त नकारात्मक शक्तियां व ऊपरी बाधाएं व्यक्ति से दूर भागती हैं। जिस भी स्थान पर श्रीमद्भागवत गीता का पाठ होता है, वहां के सभी वास्तु दोष एवं अन्य सभी दोष स्वत: ही समाप्त हो जाते हैं। इसके पाठ से शत्रु भी परास्त होने लगते हैं। यदि कोई तंत्र-मंत्र का प्रयोग किया गया हो तो वह भी गीता पाठ से पलट जाता है और भक्तों को सुरक्षा प्राप्त होती है। भगवान श्रीकृष्ण तथा श्रीहरि को प्रसन्न करने के लिए गीता के पाठ से बढ़कर अन्य कोई उपाय नहीं है। गीता के किसी भी एक पाठ का नियमित रूप से पाठ करने पर भगवान विष्णु के साक्षात दर्शन होते हैं। जो भी भक्त गीता का नियमित रूप से पाठ करते हैं, उनके जीवन में कभी कोई समस्या नहीं आती वरन उनके सभी बिगड़े काम अपने आप ही बनते चले जाते हैं। यदि गीता के पाठ के साथ-साथ गीता के श्लोकों से हवन करवाया जाए तो उस घर में होने वाली अकाल मृत्यु का दोष भी खत्म होता है। इसके अलावा असाध्य बीमारियां भी इससे दूर होती हैं। बताया की संगीत कार्यक्रम प्रातः 9-00 बजे से प्रातः 10-30 बजे तक, प्रातः 10-30 बजे से 11-00 बजे तक जुलूस एवं ध्वजारोहण, रिसेप्शन 11-00 से 12-00 बजे तक मंगलाचरण 12-00 से 12-15 बजे, स्वागत भाषण:- 12-15 से 12-30 बजे तक, 12-30 बजे से 12-50 बजे तक मुख्य अतिथि का भाषण सह गीत “हे पार्थसारथी”: 12-50 से 1-00 बजे, गीता पाठ: 1-00 से 2-00 बजे, शंखनाद एवं गीता आरती 2-00 से 2-15 बजे ,अध्यक्ष का भाषण: 2-15 से 2-45 बजे धन्यवाद ज्ञापन: 2-45 से 3-00 बजे होगा।

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