बंगाल के राज्यपाल पहुंचे चोपड़ा पीड़ित परिवार वालों से मिलकर जाना हाल

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में संदेशखाली हिंसा को लेकर तनावपूर्ण स्थिति बना हुआ है। इसी बीच राज्यपाल सीवी आनंद बोस आज उत्तर दिनाजपुर के चोपड़ा पहुंचे। राज्यपाल उन चार बच्चों के परिवार के सदस्यों से मिले हैं जिनकी भारत-बांग्लादेश सीमा के पास जल निकासी नाले के विस्तार के दौरान कथित तौर पर मिट्टी धंसने से मौत हो गई थी।वहां उनकी मुलाकात निःसंतान माता-पिता से हुई। उन्होंने उन्हें उनके साथ होने का आश्वासन दिया। 12 फरवरी को भारत-बांग्लादेश सीमा पर कंटीले तारों की बाड़ वाली सड़क के नीचे नयनजुली में भूस्खलन में चार बच्चों की मौत हो गई। घटना के अगले दिन से ही बीएसएफ को तैनात कर दिया गया था और मुआवजे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया था
.चेतनगाछ बीएसएफ चौकी के सामने एक सप्ताह से धरना चल रहा है. सोमवार को चेतनगाछा आईं राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने चारों बच्चों की मौत के लिए व्यावहारिक तौर पर बीएसएफ को जिम्मेदार ठहराया. उनकी टिप्पणी, ‘बीएसएफ की उदासीनता, इस घटना को बच्चों की जीवित कब्र कहा जा सकता है।’ मंत्री गुलाम रब्बानी, विधायक हमीदुल रहमान और अन्य लोग कल चंद्रिमा के साथ थे। चोपड़ा पहुंचे ने बाद पत्रकारों के पूछने पर राज्यपाल ने कहा कि वह बीएसएफ अधिकारियों के साथ कर सकते है बैठक और जरुरत पड़ी तो इस मामले में रिपोर्ट मांग सकते है। बता दें कि यह घटना 12 फरवरी की है, जब पांच से 12 साल के चार बच्चे चोपड़ा ब्लॉक के चेतनागाछ गांव में मिट्टी का टीला ढहने से उसी में दब गए थे। चोपड़ा प्रखंड के चेतनगाछ गांव में 12 फरवरी को खुदाई के दौरान मिट्टी धंसने से उसके नीचे दब कर पांच से 12 साल की उम्र के चार बच्चों की मौत हो गई थी। निर्माण कार्य सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) द्वारा किया गया था। इस दुर्घटना ने उस वक्त राजनीतिक मोड़ ले लिया जब तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चार नाबालिगों की मौत के लिए लापरवाही का आरोप लगाते हुए बीएसएफ को जिम्मेदार ठहराया। तृणमूल के एक दल ने राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात कर हादसे की जांच की मांग की थी। उन्होंने बोस से चोपड़ा का दौरा करने का भी आग्रह किया था। रिपोर्ट अशोक झा

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