सेला सुरंग बढ़ाएगा चीन की टेंशन, पीएम मोदी ने किया उद्घाटन

सिलीगुड़ी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अरुणाचल प्रदेश में दुनिया की सबसे लंबी ट्विन-लेन सुरंग सेला सुरंग का उद्घाटन किया। 13,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित, रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सेला सुरंग अरुणाचल प्रदेश के तवांग तक हर मौसम में कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगी। यहां बता दें कि सेला सुरंग चीन बॉर्डर के बहुत करीब है और भारत के लिए सुरक्षा के लिजाह से बहुत ही खास है. आइए सेला सुरंग की खास बातें जानते हैं।पीएम मोदी ने किया कांग्रेस पर प्रहार: सुरंग का उद्घाटन करने के बाद पीएम मोदी ने एक जनसभा को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कांग्रेस पर जमकर प्रहार किया। पीएम मोदी ने कहा कि परिवारवादियों को केवल अपने परिवार की चिंता रहती है. कांग्रेस की सरकार केवल घोटाले करने में व्यस्त थी। अरुणाचल कह रहा है- हर घर मोदी का परिवार। अरुणाचल में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कहा कि पूर्वोत्तर राज्य दक्षिण एशिया और पूर्वी एशिया के साथ व्यापार, पर्यटन, अन्य क्षेत्रों में देश के संबंधों में मजबूत कड़ी बनने जा रहा है. हमने पूर्वोत्तर में पिछले पांच वर्ष में जो किया है उसे करने में कांग्रेस को 20 साल लग जाते. उन्होंने कहा कि पूरा पूर्वोत्तर देख रहा है कि मोदी की गारंटी कैसे काम कर रही है। सेना को मिलेगी ताकत: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरुणाचल प्रदेश में सेला टनल को देश को समर्पित किया जिससे अब तवांग तक हर मौसम में आवाजाही आसान हो जाएगी। अभी तक सर्दियों में बर्फबारी की वजह से तवांग तक पहुंचने का सड़क मार्ग बंद होने की वजह से दिक्कत आती थी। यदि मौसम खराब हो तो इस इलाके में हेलिकॉप्टर भी उड़ान भरने में सक्षम नहीं होते। सेना की ताकत बढ़ाने के लिहाज से इस सुरंग को अहम माना जा रहा है क्योंकि पड़ोसी मुल्क चीन हमेशा भारत को परेशान करता रहा है. इस सुरंग से सेना का मूवमेंट तेज हो जाएगा।खास बातें: सेला सुरंग करीब 825 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की गई है।
2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तवांग तक हर मौसम में सड़क सुविधा बनाने के लिए सेला सुरंग प्रोजेक्ट की आधारशिला रखने का काम किया था। तवांग तक जाने का एक ही रास्ता है जो सेला पास यानी सेला दर्रे से होकर गुजरता है. यह 13000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। मौसम खराब होने की वजह से तवांग से आगे लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (भारत-चीन बॉर्डर) पर तैनात भारतीय सेना के मूवमेंट में परेशानी होती है।
हर मौसम में सेना का मूवमेंट रहे इसके लिए सेला सुरंग पर काम शुरू किया गया। सुरंग के बन जाने के बाद तवांग तक की दूरी करीब 6 किलोमीटर कम हो जाएगी। सुरंग को स्नो लाइन से इतने नीचे बनाया गया है ताकि सर्दियों में बर्फबारी के दौरान बर्फ हटाने की आवश्यकता ना पड़े। इस परियोजना की बात करें तो इसमें दो सुरंगें शामिल हैं। पहली 980 मीटर लंबी सिंगल-ट्यूब सुरंग है जबकि दूसरी 1.5 किमी लंबी है। भारत के इस कदम से तमतमाया चीन: इस बीच चीन की ओर से एक बयान दिया गया है। उसने कहा है कि विवादित सीमा पर और सैनिक तैनात भारत की ओर से किया जा रहा है जिससे तनाव कम नहीं होगा। आपको बता दें कि भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख की सीमा पर पिछले कई सालों से तनाव की स्थिति बनी हुई है. भारत ने चीन की हरकतों को देखते हुए और सैनिकों की तैनाती करने का निर्णय लिया है जिससे चीन तमतमा गया है। चीनी के विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने शुक्रवार को कहा कि विवादित सीमा पर और सैनिक तैनात करने का भारत का कदम तनाव कम करने के लिए अनुकूल नहीं है। रिपोर्ट अशोक झा

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