नीतीश कुमार की NDA में एंट्री को सुशील मोदी की हरी झंडी, बताई BJP की रणनीति

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इंडिया अलायंस से बढ़ती दूरी के बीच बिहार की राजनीति से एक और बड़ी खबर है। पूर्व उपमुख्यमंत्री और वर्तमान भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि अगर केंद्रीय नेतृत्व चाहता है कि नीतीश कुमार की एनडीए में एंट्री हो, तो राज्य ईकाई इस फैसले को मानेगी। इसके साथ ही सुशील मोदी ने परिवारवाद को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिए बयान को लेकर उनकी तारीफ की है। सुशील कुमार मोदी ने कहा कि परिवारवाद पर पहली बार नीतीश कुमार ने सही बात कही है। परिवारवाद का विरोध भाजपा की नीति है और सीएम नीतीश कुमार भी इसी विचारधारा के हैं। बता दें कि कर्पूरी जयंती पर रैली में अपने संबोधन में सीएम नीतीश ने परिवारवाद पर निशाना साधा था। इसे परोक्ष रूप से लालू परिवार और राहुल गांधी पर लक्ष्य माना गया था। सुशील मोदी ने कहा कि भाजपा की यही नीति है और पीएम मोदी तो इसके (परिवारवाद) सबसे बड़े विरोधी हैं। कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने को लेकर नीतीश कुमार ने जो ट्वीट डिलीट करने और बाद में पीएम मोदी को धन्यवाद कहने के लिए उनका नाम जोड़ने को सुशील मोदी ने राजनीतिक सुचिता से जोड़ा। सुशील नमोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देना उनकी राजनीतिक सदाचारिता दिखाती है। यह धन्यवाद उन्हें देना ही चाहिए था और यह राजनीति में होना ही चाहिए। बता दें कि इससे पहले केन्द्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने भी बड़ा बयान देते हुए आगामी 31 जनवरी तक बिहार में कुछ बड़ा हो सकता है। उनका संकेत सत्ता गठबंधन में बदलाव को लेकर था। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर ऐसी स्थिति बिहार में बनती है कि नीतीश कुमार एनडीए का हिस्सा होना चाहते हों, तो एनडीए गठबंधन के सहयोगी दलों को इस पर कोई ऐतराज नहीं होगा। नीतीश का बयान भी गड़बड़ का कर रहा इशारा: कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने के ऐलान के बाद नीतीश कुमार ने एक कार्यक्रम में कहा कि हम भी कर्पूरी ठाकुर की तरफ परिवारवाद को बढ़ावा देने के खिलाफ हैं और हमने भी ऐसा काम नहीं किया। उनके इस बयान को लालू परिवार पर सीधा हमला माना जा रहा है। कहा जा रहा है रोहिणी आचार्य ने गुरुवार को अपने एक पोस्ट में नीतीश कुमार के इसी बयान पर पलटवार किया है। रोहिणी आचार्य ने लिखा है, ‘खीज जताए क्या होगा, जब हुआ न कोई अपना योग्य, विधि का विधान कौन टाले जब खुद की नीयत में ही हो खोट’बीजेपी किन शर्तों पर नीतीश को एनडीए में वापस ले सकती हैं?बिहार की सियासत पर नजर रखने वालों की मानें तो नीतीश कुमार बीजेपी की तरफ लौट सकते हैं लेकिन भगवा खेमा पुरानी शर्तों के साथ शायद ही उन्हें आगे बढ़ाए। कहा जा रहा है कि बीजेपी इस बार बिहार सीएम पद से कम किसी भी शर्त पर शायद ही नीतीश कुमार से समझौता करे। बिहार में नीतीश कुमार और बीजेपी ने मिलकर 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था। तब यह गठबंधन राज्य की 40 सीटों में से 39 सीटें जीता था। रिपोर्ट अशोक झा

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