प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज 85,000 करोड़ से अधिक की लागत से विभिन्न रेल परियाजनाओं (लगभग 6,000) का शिलान्यास/उद्घाटन/लोकार्पण करेंगे
वाराणसी ; प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 12 मार्च को रू. 85,000 करोड़ से अधिक की लागत से विभिन्न रेल परियाजनाओं (लगभग 6,000) का शिलान्यास/उद्घाटन/लोकार्पण करेंगे तथा 10 नई वंदे भारत एवं 04 वंदे भारत एक्सप्रेस के मार्ग विस्तार तथा अन्य ट्रेनों का शुभारम्भ करेंगे। इसके लिये वीडियो काँन्फ्रेंसिग के माध्यम से 764 स्थल जुड़े रहेंगे जहाँ पर समारोह आयोजित किये जायेंगे। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा भारतीय रेल के स्टेशनों पर ‘एक स्टेशन एक उत्पाद‘ के 1,500 से अधिक स्टॉल, 50 स्टेशनों पर प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र, 51 गति शक्ति मल्टीमाडल कार्गो टर्मिनल, रेलवे गुड्स शेडों, 16 रेलवे कारखानों/लोको शेडों/पिट लाइन/कोचिंग डिपो, 975 स्थलों पर स्टेशन भवनों एवं सर्विस भवनों पर सोलर प्लांट, 35 रेल कोच रेस्टोरेंट, विभिन्न रेल खंडों (2,135 किमी.) के विद्युतीकरण, 100 खंडों पर 1500 किमी. के दोहरीकरण/तीसरी लाइन/आमान परिवर्तन, इस्टर्न डडीकेटेड फ्रेट कोरिडोर के न्यू खुर्जा-सहनेवाल (401 किमी.) खंड, वेस्टर्न डडीकेटेड फ्रेट कोरिडोर के न्यू मकरपुरा-न्यू घोलवड (244 किमी.) खंड, वेस्टर्न डडीकेटेड फ्रेट कोरिडोर के आॅपरेशन कंट्रोल सेंटर, 2,646 स्टेशनों के डिजिटल कंट्रोलिंग, 80 खंडों में 1045 किमी. के आॅटोमेटिक सिंगनलिंग खंडों का लोकार्पण तथा 19 रेलवे कारखानों/लोको शेडों/पिट लाइनों/कोचिंग डिपो, फल्टन-बारामती नई लाइन एवं इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन सिस्टम के उन्नयन कार्य का शिलान्यास किया जायेगा।
‘एक स्टेशन एक उत्पाद‘ आउटलेट- भारतीय रेल के स्टेशनों पर स्थापित रू. 160 करोड़ की लागत से 1,500 से अधिक एक स्टेशन एक उत्पाद के स्टॉल का लोकार्पण किया जायेगा। इसमें पूर्वोत्तर रेलवे के विभिन्न स्टेशनों पर स्थापित 54 स्टॉल सम्मिलित हैं। इस अवसर पर विभिन्न स्टेशनों 14 श्रेणियों के 6,00,000 विश्वकर्मा प्रधानमंत्री महोदय के कार्यक्रम से सीधे जुड़ेंगे।
इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में पड़ने वाले बनारस,सारनाथ एवं वाराणसी सिटी रेलवे स्टेशनों पर एक स्टेशन एक उत्पाद स्टॉलों का लोकार्पण,बनारस स्टेशन पर (PMBJK)प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र का लोकार्पण एवं वाराणसी सिटी स्टेशन पर स्थापित रेल कोच रेस्टोरेंट का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल 12 मार्च,2024 मंगलवार को सुबह आठ बजे बटन दबाकर वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से करेंगे । इस अवसर पर बनारस,सारनाथ एवं वाराणसी सिटी रेलवे स्टेशनों पर क्षेत्रीय जन प्रतिनिधि गण,गणमान्य नागरिक एवं स्थानीय जनता की भागीदारी भी होगी । ज्ञातव्य हो एक उत्पाद योजना के अंतर्गत बनरस स्टेशन पर ब्लैक पॉटरी,लकड़ी के खिलौनों व बनारसी सादी,सारनाथ स्टेशन पर फ़ूड प्रोडक्ट(मिठाई)व मौसमी फल एवं वाराणसी सिटी रेलवे स्टेशन पर फ़ूड प्रोडक्ट्स(पापड़)मूंग के लड्डू,लकड़ी के खिलौने व साड़ी का स्टॉल लगाया गया है । जिससे यात्रियों को स्टेशन पर ही सजावटी सामान परिधान एवं अल्प आहार उपलब्ध हो रहा है ।
प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र (PMBJK)- रू. 05 करोड़ की लागत से भारतीय रेल के 50 स्टेशनों पर स्थापित प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र का लोकार्पण किया जायेगा। इसमें पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल के बनारस स्टेशन पर स्थापित प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र सम्मिलित हैं। रेलवे स्टेशनों पर आने वाले यात्रियों की भलाई और कल्याण को बढ़ाने के प्रयास में, भारतीय रेलवे ने स्टेशनों के सर्कुलेटिंग क्षेत्रों और कॉन्कोर्स में प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र (पीएमबीजेके) स्थापित करने के लिए एक नीति ढांचे की संकल्पना की, जो लाइसेंसधारियों द्वारा संचालित होते हैं।
वाराणसी मंडल के वाराणसी सिटी रेलवे स्टेशन पर स्थापित रेल कोच रेस्टोरेंट का लोकार्पण भी प्रधानमंत्री जी द्वारा किया जायेगा । रेल कोच रेस्तरां- भारतीय रेल रू. 02 करोड़ की लागत से प्रारम्भ 35 रेल कोच रेस्टोरेंट का लोकार्पण किया जायेगा। यात्रियों को एक अनोखा भोजन माहौल प्रदान करने के लिए, भारतीय रेलवे अपने प्रमुख स्टेशनों और बिंदुओं पर रेल कोच रेस्तरां खोल रहा है।
रेल मंत्रालय ने भारत सरकार के ‘वोकल फॉर लोकल‘ दृष्टिकोण को बढ़ावा देने, स्थानीय/स्वदेशी उत्पादों के लिए बाजार प्रदान करने और हाशिए पर रहने वाले समाज के वर्गों के लिए अतिरिक्त आय के अवसर पैदा करने के उद्देश्य से ‘वन स्टेशन वन प्रोडक्ट‘ (ओएसओपी) योजना शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य देश भर के रेलवे स्टेशनों पर बिक्री आउटलेट के प्रावधान के माध्यम से स्थानीय कारीगरों, कुम्हारों, बुनकरों/हथकरघा बुनकरों, शिल्पकारों आदि को आजीविका के बेहतर अवसर प्रदान करना है। योजना का उद्देश्य रेलवे स्टेशनों पर बिक्री आउटलेट के प्रावधान के माध्यम से स्थानीय कारीगरों, कुम्हारों, बुनकरों/हथकरघा बुनकरों, शिल्पकारों आदि को आजीविका के बेहतर अवसर प्रदान करना है।