तृणमूल महासचिव अभिषेक बनर्जी की मैनागुडी में चुनावी रैली आज

उत्तर बंगाल में टीएमसी को जीत दिलाना बना प्रतिष्ठा का प्रश्न

सिलीगुड़ी: तृणमूल कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए जलपाईगुड़ी से धुपगुड़ी के विधायक निर्मल चंद्र राय को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। तृणमूल महासचिव अभिषेक बनर्जी उनके समर्थन में चुनावी रैली करने गुरुवार को मैनागुड़ी टाउन क्लब मैदान में एक सभा करने का कार्यक्रम है।तृणमूल महासचिव अभिषेक बनर्जी कल उत्तर बंगाल के जलपाईगुड़ी के मैनागुड़ी टाउन क्लब मैदान में जनसभा को संबोधत करेंगे। जनसभा की तैयारी पूरी कर ली गयी है। सभास्थल के बगल में बने हेलीपैड पर हेलीकॉप्टर का ट्रायल रन संपन्न किया गया। हेलीकाप्टर पायलट समेत प्रशासनिक अधिकारी व कर्मचारियों ने हेलीपैड की जाँच की । आज दोपहर पौने दो बजे ट्रायल रन के लिए हेलीकाप्टर हेलीपैड पर उतरा। बाद में हेलीकॉप्टर पुन: दूसरे स्थान के लिए रवाना हो गया। उससे ठीक पहले स्थानीय भाजपा नेतृत्व ने आरोप लगाना शुरू कर दिया है कि अभिषेक की सभा के लिए सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को स्कूलों में रखा जा रहा है और इस वजह से मैनागुड़ी में चार स्कूल बंद कर दिए गए हैं। स्थानीय भाजपा नेतृत्व ने उन स्कूलों के सामने भी विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा नेता चंचल रॉय ने अपने कहा, ”सरकारी शिक्षा बंद करके, छात्रों का भविष्य बर्बाद करके, स्कूल बंद करके जबरदस्ती का परिचय दिया गया है। बच्चों का भविष्य बर्बाद हो रहा है। उन्होंने दावा किया कि कल से स्कूल खोले जाने चाहिए, अन्यथा चंचल रॉय ने बड़े आंदोलन की चेतावनी दी। भाजपा के मयनागुड़ी टाउन मंडल के युवा अध्यक्ष सुजन मित्रा ने भी कहा कि स्कूल बंद करके छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। मैनागुड़ी में चार स्कूलों को बंद कर लिया गया है।।हालांकि, तृणमूल ब्लॉक अध्यक्ष मनोज रॉय भाजपा के इस आरोप को तूल नहीं देना चाहते। तृणमूल के ब्लॉक अध्यक्ष ने पलटवार करते हुए कहा कि चुनाव से पहले इलाके में इतने केंद्रीय बल क्यों लाये जा रहे हैं। इस बीच, स्कूल अधिकारियों ने भाजपा के आरोप पर लगभग चुप्पी साध रखी है। मामले से जिला विद्यालय निरीक्षक बालिका गोल को भी अवगत कराया गया। उन्होंने यह भी कहा कि मैंने सुना है कि मैनागुड़ी में तीन स्कूल आज बंद हैं। लेकिन उन्हें नहीं पता कि स्कूल क्यों बंद है। हालांकि, जलपाईगुड़ी के पुलिस अधीक्षक उमेश खंडबहाले ने स्पष्ट किया है कि बल को रहने के लिए कोई स्कूल नहीं लिया गया है। अगर इस बार तृणमूल कांग्रेस के 42 उम्मीदवारों की लिस्ट देखें तो उसमें बिहारी नेताओं को भी जगह मिली है और बंगाल के बाहर के लोगों पर भी दांव खेला गया है। यही नहीं, भाजपा से दल-बदल करके आए 7 नेताओं को भी ममता ने अपनी पार्टी का टिकट थमा दिया है। 2021 में बंगाल विधानसभा चुनावों के दौरान टीएमसी सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी पर यूपी-बिहार से गुंडे लाने का आरोप भी लगा दिया था। ममता ने कहा था ‘यूपी-बिहार से गुंडे लाए’
उन्होंने कहा था, ‘मुझ पर जो ‘हमला’ हुआ वह नंदीग्राम के किसी आदमी ने नहीं किया, बल्कि आप तो यूपी, बिहार से आए गुंडे लेकर आए। यदि वो (भाजपा कार्यकर्ता) आते हैं, तो महिलाओं को बर्तनों से उन्हें पीट देना चाहिए।’66% मुस्लिम वोटर वाले बहरामपुर में यूसुफ पठान को टिकट, कैसे ममता ने अधीर रंजन चौधरी से ले लिया बदला? बंगाल गुजरात नहीं है’: 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को निशाने पर ले रखा था। तब शाह बंगाल में भारतीय जनता पार्टी की बड़ी जीत की रणनीति बनाने में जुटे थे। तब टीएमसी चीफ ने भाजपा नेताओं पर हमला करते हुए कहा था कि वो जान लें कि ‘बंगाल गुजरात नहीं है’।एंटी-इंकंबेंसी से बचने के लिए आधे से ज्यादा उम्मीदवार बदले
अगर रविवार को जारी टीएमसी उम्मीदवारों की लिस्ट देखें तो 42 में से आधे से ज्यादा प्रत्याशी पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। मतलब, साफ है कि ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी ने मौजूदा सांसदों के खिलाफ एंटी-इंकंबेंसी से निपटने के लिए उनको नए चेहरे से बदल देने में ही भलाई समझी है। टीएमसी के अंदर के लोगों के इशारों को समझें तो सभी नाम पर अंतिम मुहर तो पार्टी सुप्रीमो ने ही लगाई है, लेकिन बहुत सारे लोगों को टिकट इसलिए दिया गया है, क्योंकि वे उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी के करीबी हैं। ममता बनर्जी ने 26 नए चेहरों को दिया लोकसभा टिकट, जानें कौन-कौन हैं ये प्रत्याशी, कई तो पहली बार लड़ेंगे चुनाव। पूर्व ‘भाजपाइयों’ पर भी ममता मेहरबान: अगर टीएमसी की 42 प्रत्याशियों की लिस्ट को देखें तो इनमें 7 या 17% पूर्व भाजपाई हैं। मसलन, शत्रुघ्न सिन्हा दो-दो बार भाजपा के टिकट पर पटना साहिब का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। उन्हें पार्टी ने फिर से आसनसोल सीट दी है।इसी तरह से कीर्ति आजाद दरभंगा के पूर्व भाजपा सांसद हैं। उन्हें बर्दवान-दुर्गापुर से टीएमसी ने उम्मीदवार बनाया है। इसी तरह पार्टी ने रायगंज की भाजपा एमएलए कृष्णा कल्याणी को रायगंज से लोकसभा में उतारा है। राणाघाट दक्षिण से बीजेपी विधायक मुकुट मणि अधिकारी को भी राणाघाट से ही उम्मीदवार बनाया है। पार्टी ने बिष्णुपुर में भाजपा सांसद सौमित्र खान की सीट पर उनकी पूर्व पत्नी सुजाता मंडल को उतारा है तो बनगांव उत्तर के पूर्व एमएलए बिस्वजीत दास बनगांव लोकसभा सीट पर टीएमसी से लड़ेंगे।इसी तरह से मंत्री और हरिरामपुर के मौजूदा विधायक और पूर्व भाजपा नेता बिप्लव मित्रा बालुरघाट से बीजेपी के प्रदेश सुकांत मजूमदार की सीट पर ताल ठोकेंगे।टीएमसी ने बिहारियों को भी दिया टिकट: शत्रुघ्न सिन्हा और कीर्ति आजाद दोनों ही बिहार के रहने वाले हैं। सिन्हा बिहार में सांसद बनने से पहले लंबे समय तक भाजपा की राजनीति कर चुके हैं।वहीं पूर्व क्रिकेटर आजाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद के बेटे हैं। वे पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली से मतभेदों की वजह से बीजेपी से बाहर हुए थे और 2019 में कांग्रेस के टिकट पर झारखंड की धनबाद सीट पर चुनाव हारते हुए बंगाल में तृणमूल तक पहुंचे हैं।शॉटगन की उम्मीदवारी पर बीजेपी का निशाना, कहा-टीएमसी है महिला विरोधी, शत्रुघ्न को बताया रेपिस्ट!इस बार गुजराती पर भी लगाना पड़ा दांव: इसी तरह से ममता बनर्जी की पार्टी ने पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान को मुस्लिम बहुल बहरामपुर सीट से उम्मीदवार बनाया है, जो गुजराती हैं। वे वडोदरा के रहने वाले हैं, जहां से 2014 पीएम मोदी भी लोकसभा का चुनाव रिकॉर्ड मतों से जीत चुके हैं। रिपोर्ट अशोक झा

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