यह सम्मान मेरा व्यक्तिगत नहीं, यह भारत और 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान: मोदी


नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शुक्रवार (22 मार्च) को भूटान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित होने वाले पहले विदेशी शासनाध्यक्ष बनकर इतिहास रच दिया। प्रधानमंत्री मोदी को भूटान के राजा द्वारा उनकी राजकीय यात्रा के दौरान यह पुरस्कार दिया गया।इस दौरान उन्होंने कहा कि, ‘यह सम्मान मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, यह भारत और 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है। प्रधानमंत्री ने थिम्पू में पुरस्कार समारोह के दौरान कहा, मैं भूटान की इस महान भूमि में सभी भारतीयों की ओर से विनम्रतापूर्वक इस सम्मान को स्वीकार करता हूं और इस सम्मान के लिए आप सभी को तहे दिल से धन्यवाद देता हूं। आज मेरे जीवन का बहुत बड़ा दिन है, मुझे भूटान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया गया है। हर पुरस्कार विशेष होता है, लेकिन जब आपको किसी दूसरे देश से पुरस्कार मिलता है, तो इससे पता चलता है कि दोनों देश सही रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं। मैं प्रत्येक भारतीय की भावना के आधार पर इस सम्मान को स्वीकार करता हूं और इसके लिए आपको धन्यवाद देता हूं।”

प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अनुसार, ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो भूटान में सर्वोच्च सम्मान है। यह जीवन भर की उपलब्धियों के लिए दिया जाता है और इसे अन्य सभी सम्मानों, अलंकरणों और पदकों से ऊपर रैंकिंग वाला सबसे महत्वपूर्ण पुरस्कार माना जाता है। अपनी स्थापना के बाद से, यह पुरस्कार केवल चार प्रतिष्ठित हस्तियों को प्रदान किया गया है। पीएम मोदी भूटान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान पाने वाले पहले विदेशी शासनाध्यक्ष हैं। पुरस्कार के पिछले प्राप्तकर्ताओं में 2008 में रॉयल क्वीन दादी आशी केसांग चोडेन वांगचुक शामिल हैं; 2008 में जे थ्रिज़ुर तेनज़िन डेंडुप (भूटान के 68वें जे खेंपो) और 2018 में जे खेंपो ट्रुलकु न्गवांग जिग्मे चोएद्रा। जे खेंपो भूटान के केंद्रीय मठ निकाय के मुख्य मठाधीश हैं।
भूटानी युवाओं के एक समूह ने प्रधानमंत्री के लिखे एक गरबा गीत पर नृत्य किया
पारंपरिक भारतीय पोशाक पहने भूटानी युवाओं के एक समूह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का शुक्रवार को देश में स्वागत करते हुए उनके द्वारा लिखे एक गरबा गीत पर नृत्य किया।
गुजराती लोकनृत्य को और अधिक सुंदर बनाते हुए युवाओं ने वहां की पारंपरिक घाघरा-चोली और कुर्ता पाजामा पहना था. बता दें कि यह कार्यक्रम पीएम मोदी के भारतीय प्रवासियों और भूटान के स्थानीय लोगों के साथ बातचीत के बाद किया गया.
भूटान में गरबा देख मंत्रमुग्ध हुए पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम स्थल पर आए हुए तमाम लोगों और अधिकारियों का अभिवादन किया। भारतीय समुदाय के लोग पीएम मोदी से मुलाकात के बाद खुश नजर आए और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से मिलकर वे सम्मानित महसूस कर रहे हैं. इससे पहले पीएम मोदी का भूटान में गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए लोग बड़ी संख्या में पहुंचे थे।
1949 में हुई थी दोनों देशों के बीच संधि: भारत और भूटान के बीच आपसी राजनयिक संबंध 1968 में स्थापित किए गए थे. इससे पहले 1949 में दोनों देशों के बीच दोस्ती को लेकर संधि हुई थी. जिसके बाद से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध अनुकरणीय है. भारत ने भूटान की विदेश नीति में कभी दखलंदाजी नहीं की है। 8 लाख की आबादी वाले भूटान की गुटनिरपेक्ष नीति को मानता है। भूटान के अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस और रूस के साथ राजनयिक संबंध नहीं हैं. भारत-भूटान में विदेश नीति, सुरक्षा और व्यापार को लेकर 1949 में संधि हुई थी. हालांकि 2007 में विदेश नीति का प्रावधान हटा दिया गया. जिसके बाद अब भारत, भूटान का सबसे बड़ा आर्थिक और राजनयिक साथी है। रिपोर्ट अशोक झा

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