बंगाल में राहत संग आफत की बरसात छह की मौत

राहत के साथ आफत, बारिश आंधी तूफान में छः लोगों की मौत


कोलकाता: कोलकाता समेत दक्षिण बंगाल के विभिन्न जिलों में सोमवार को हुई भारी बारिश गर्मी से बड़ी राहत के साथ आफत भी साथ लेकर आई। पुरुलिया में आकाशीय बिजली गिरने से दो लोगों की मौत हो गई।वहीं नदिया के नक्काशीपाड़ा में दीवार गिरने से दो लोगों की जान चली गई। विभिन्न जगहों पर अभी तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन उमस ने परेशानी बढ़ा दी राखी थी। अलीपुर मौसम विभाग के अनुसार लगभग सभी दक्षिणी जिलों में बारिश (Rain) होने का अनुमान था। कहा गया था कि चार जिलों में भारी बारिश हो सकती है।दरसल,आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि भारी बारिश और तूफान से नादिया, पुरुलिया और पूर्व बर्धमान जिले सहित दक्षिण बंगाल के विभिन्न जिलों में एक विवाहित जोड़े सहित छह लोगों की मौत हो गई। साथ ही तेज बारिश के कारण पूर्वी रेलवे के सियालदह डिवीजन की सियालदह-कैनिंग लाइन पर उपनगरीय ट्रेन सेवाएं एक घंटे से अधिक समय तक प्रभावित रहीं, क्योंकि आंधी के दौरान केले की पत्तियां ओवरहेड इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन तार पर गिर गईं।दक्षिणी जिलों में बारिश का अनुमान-मौसम विभाग ने कहा, चक्रवात दक्षिण झारखंड और आसपास के इलाकों में मौजूद है। इसके मद्देनजर बंगाल की खाड़ी से जलवाष्प हवा तेजी से आ रही है। इसके परिणामस्वरूप सोमवार को उत्तर 24 परगना, नदिया, मुर्शिदाबाद, पूर्वी बर्दवान, बीरभूम में गरज के साथ बारिश हो सकती है। इसके साथ ही 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं भी चल सकती हैं।नदिया, मुर्शिदाबाद, उत्तर 24 परगना में भारी बारिश की संभावना-इनमें नदिया, मुर्शिदाबाद, उत्तर 24 परगना में भारी बारिश हो सकती है। इन जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी। दक्षिण बंगाल के शेष जिलों में गरज के साथ बारिश होने की संभावना है। 40 से 50 किलोमीटर की रफ्तार से हवा चल सकती है। वहां येलो अलर्ट जारी किया गया है। पूर्वी मेदिनीपुर, दक्षिण 24 परगना में भारी बारिश हो सकती है। दक्षिणी जिलों के बाकी हिस्सों में भी गरज के साथ बारिश होने की संभावना है। दक्षिण बंगाल के लगभग सभी जिलों के कुछ हिस्सों में बुधवार को बारिश होने की संभावना है।अधिकारियों ने कहा कि मिजोरम-म्यांमार-बंगलादेश सीमा पर राज्य के दक्षिणी भाग में स्थित लांगतलाई जिला सर्वाधिक प्रभावित हुआ है, जहां गुरुवार को ओलावृष्टि और तेज हवाओं के कारण कम से कम 209 इमारतें और ढांचे तबाह हो गए। तबाह हुए 209 इमारतों और ढ़ाचों में से 62 म्यांमार शरणार्थियों के राहत शिविर हैं। सिर्फ तुइथुम्हनार गांव में ही कम से कम 78 घर क्षतिग्रस्त हुए (18 राहत शिविरों सहित), जबकि चामदूर पी-1 और वावम्बुक-2 में क्रमश: 25 और 24 घर क्षतिग्रस्त हुए।वही दूसरी ओर भारत म्यांमार सीमा के वाथुआमपुई गांव में बंगलादेशी शरणार्थियों के लगभग 21 अस्थायी घर और हमावंगबू और लुंगहौका गांवों में क्रमश: 12 और 10 घर के साथ-साथ जिले के आठ अन्य गांवों में 41 आवासीय घर ओलावृष्टि और तेज हवाओं के कारण क्षतिग्रस्त हो गए। सोमवार को आइजोल पहुंची एक रिपोटर् के अनुसार, गुरुवार को मणिपुर सीमा पर सैतुअल जिले के उत्तरी खावलेक गांव में ओलावृष्टि और तेज हवा से 90 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो गए। सबसे बुरी तरह प्रभावित जिलों में से एक उत्तरपूर्वी ख्वाज़ावल जिला है, जहां ओलावृष्टि और तेज हवाओं से 128 घर तबाह हो गए।

कम से कम 68 घर क्षतिग्रस्त हो गए, जिसमें सियालहॉक गांव में पांच घर पूरी तरह से नष्ट हो गए और त्लांगपुई गांव में 55 घर क्षतिग्रस्त हो गए। सियालहॉक के ग्राम नेताओं ने कहा कि अनानास और संतरे की खेती के बड़े क्षेत्र तबाह हो गए और गांव, जो राज्य में फलों का प्रमुख उत्पादक रहा है, प्रकृति के रोष के कारण इस वर्ष अनानास और संतरे की फसल में प्रतिकूल प्रभाव देखने का अनुमान है। आइजोल जिले में ओलावृष्टि, तेज हवा और आंधी के कारण एक अप्रैल से कम से कम 40 घर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। राज्य के सभी 11 जिले तेज हवा और ओलावृष्टि के साथ मानसून पूर्व आंधी से प्रभावित हुए हैं।रिपोर्ट अशोक झा

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