पीएम के रोड शो में साधु संत संत स्वाभिमान यात्रा” निकाल ममता के बयान का करेंगे विरोध

शुक्रवार को साधु-संत उत्तर कोलकाता के गिरीश एवेन्यू से विवेकानंद के जन्मस्थान तक मार्च निकालेंगे


अशोक झा

सिलीगुड़ी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी छठे चरण के मतदान से पहले उत्तरी कोलकाता में रोड-शो करने वाले हैं। उनके आगे-आगे साधु-संत नंगे पैर उस रास्ते से पदयात्रा करेंगे। रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ जैसे प्रतिष्ठित धार्मिक संस्थाओं के खिलाफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टिप्पणी के विरोध में यह पदयात्रा होगी। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) सूत्रों के मुताबिक, छठे चरण के मतदान से ठीक पहले शुक्रवार को साधु-संत उत्तर कोलकाता के गिरीश एवेन्यू से विवेकानंद के जन्मस्थान तक मार्च निकालेंगे। इस यात्रा को ”संत स्वाभिमान यात्रा” नाम दिया गया है।मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर झाड़ग्राम की सभा में मोदी ने कहा था कि रामकृष्ण मिशन, इस्कॉन, भारत सेवाश्रम संघ बंगाल की आध्यात्मिक पहचान हैं। अब मुख्यमंत्री हिंदू संतों को धमकी दे रही हैं। जलपाईगुड़ी के रामकृष्ण मिशन आश्रम पर ममता बनर्जी के बयान के बाद हमला हुआ। मिशन के कर्मचारियों को पीटा गया और धमकाया गया। अब विश्व हिंदू परिषद ने ममता बनर्जी के इस बयान के खिलाफ पदयात्रा की योजना बनाई है।विहिप सूत्रों के मुताबिक, संत-विवाद के मद्देनजर बंगाल में काम कर रहे ज्यादातर धार्मिक संगठनों के साथ बैठक हुई। एक ओर, भारत सेवाश्रम संघ उपस्थित था, साथ ही रामकृष्ण मिशन सहित अन्य धार्मिक संगठनों के संतों का प्रतिनिधित्व भी था। सोमवार रात आपात बैठक में निर्णय लिया गया कि वे शुक्रवार को संत स्वाभिमान यात्रा के साथ सड़क पर उतरेंगे। उस दिन दोपहर तीन बजे बागबाजार के निवेदिता पार्क में एक रैली आयोजित की जाएगी। मां शारदा के घर से गिरीश एवेन्यू, बागबाजार स्ट्रीट, श्यामबाजार पंच मठार जंक्शन, विधान सारणी होते हुए, स्वामीजी के जन्म स्थान, विवेकानन्द रोड पर समाप्त होगी।सूत्रों के मुताबिक, जुलूस में शामिल साधु-संत पूरे रास्ते नंगे पैर चलेंगे। विहिप ने धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों ही नहीं आम लोगों से भी संगठन की शर्तों के अनुरूप दर्शन, आरती और स्वागत की अपील करते हुए जुलूस में शामिल होने का आह्वान किया है।
इस संदर्भ में विश्व हिंदू परिषद के बंगाल प्रभारी अखिल भारतीय नेता सचिन्द्रनाथ सिंह ने कहा कि इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है, वोटों से भी नहीं। जिस तरह से चुनाव में हिंदू संतों को अल्पसंख्यक वोट पाने के लिए धमकी दी गई है, उससे परिषद बंगाल के हिंदू समाज के भविष्य को लेकर चिंतित है। सभी संस्थानों और मठों के भिक्षुओं ने भी मुख्यमंत्री के भाषण और उसके तुरंत बाद सिलीगुड़ी में मिशन पर हमले की निंदा की। इसके बाद यात्रा तय की गई। दार्जिलिंग के सांसद सह भाजपा नेता राजू बिष्ट ने मंदिरों पर हमले संतो पर हमले को लेकर ममता
बनर्जी से पूछा की वह बनर्जी है या बेगम। इस बात का खुलासा होना चाहिए।
क्या कहा स्वामी शिवप्रेमानंद महाराज ने: सिलीगुड़ी रामकृष्ण मिशन आश्रम पर पिछले दिनों बदमाशों ने हमला कर दिया था। बदमाशों ने बंदूक की नोक पर आश्रम के संतों और अन्य कर्मचारियों को धमकी दी थी। इस मामले में अब पश्चिम बंगाल की राजनीति गरमा गई है। पश्चिम बंगाल आकर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक चुनावी रैली में इस घटना की निंदा की है। वहीं, अब रामकृष्ण मिशन के सचिव ने स्वामी शिवप्रेमानंद ने ‘सेवक हाउस’ में हुई घटना के बारे में खुलासा किया है। स्वामी शिवप्रेमानंद ने बताया कि कैसे आधी रात को रामकृष्ण मिशन के कार्यकर्ताओं पर हमला किया गया है? स्वामी शिवप्रेमानंद ने कहा कि जलपाईगुड़ी रामकृष्ण मिशन की जमीन वार्ड संख्या 42 में पड़ती है। सेवक रोड के किनारे स्थित भूमि स्वर्गीय सुनील कुमार रॉय द्वारा मिशन को दान में दी गई है।कानूनी नियमों के तहत ही मिशन को जमीन दी गई है. वर्तमान में अभी यहां से कई धार्मिक सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।30 से 35 लोग आश्रम में जबरन घुसे: मिशन के सचिव ने कहा कि 18 मई को दोपहर करीब साढ़े तीन बजे कम से कम 30-35 लोग मिशन के आश्रम में जबरन घुसे थे।उनके हाथों में चाकू, बंदूकें और रॉडें थीं. सभी लोगों ने हेलमेट पहन रखा था। इसलिए किसी का चेहरा नहीं देखा जा सका। सभी बदमाश बांग्ला में बोल रहे थे। सचिव शिवप्रेमानंद ने बताया कि उस वक्त मिशन में दो सुरक्षा गार्ड थे मारपीट के दौरान उनके हाथ बांध दिए गए थे।उनके मोबाइल फोन और उनके सिम कार्ड तक निकाल लिए गए थे। कर्मचारियों को अपने साथ उठा ले गए बदमाश;सभी बदमाश आश्रम में जबरन घुसते हुए दूसरी मंजिल पर चले गए। दूसरी मंजिल पर आश्रम के 5 कर्मचारियों पर हमला किया गया.।चिल्लाने पर उनकी बेरहमी से पिटाई की गई।इसके बाद बदमाशों ने 5 कर्मचारियों और दो सुरक्षा गार्डों को एक मैजिक गाड़ी में अपने साथ लेकर चले गए।हालांकि, कुछ देर बाद बदमाशों ने आश्रम के 5 कर्मचारियों और सुरक्षागार्डों को रिहा कर दिया था। आश्रम के अंदर हुए इस हमले के बाद मिशन की ओर से भक्तिनगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है. उन्होंने कहा कि पुलिस इस मामले में कार्रवाई कर रही है। इस मामले में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंगाल में चुनाव प्रचार करते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री ममत बनर्जी खुद संतों को धमका रही हैं।यह धमकी जमीनी स्तर के गुंडों को भी प्रोत्साहित कर रही है।बंगाल के लोग रामकृष्ण मिशन और संतों का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे।

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