बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमला के साथ पुलिस की मनमानी पर सरकार को शुभेंदु अधिकारी ने घेरा

सिलीगुड़ी: पश्चिम बंगाल के बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने एक बार फिर ममता बनर्जी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने पश्चिम मेदिनीपुर जिले के केशरी पंचायत समिति की विपक्षी नेता मौमिता सिंहा पर जानलेवा हमला किया। उन्होंने कहा की पुलिस शर्त के साथ राजभवन के सामने धरना प्रदर्शन की अनुमति दे रही है जो मंजूर नहीं है। यह धरना भाजपा कार्यकर्ता संजय बेरा (42) की हिरासत में मौत की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग भी उठाई है। विपक्ष के नेता ने कहा, “पुलिस ने 4 जून को राजनीतिक झगड़े के बाद उन्हें गिरफ्तार किया था। वहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। बाद में उन्हें मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। गत 11 जून को उन्हें न्यायिक हिरासत में वापस भेज दिया गया। उन्हें फिर से अस्पताल भेजा गया और मंगलवार को उनकी मौत हो गई। इस मामले में पुलिस का कहना है कि गिरने से उनके सिर में चोट लग गई थी।
उन्होंने फिर एक बार फिर ममता बनर्जी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने पश्चिम मेदिनीपुर जिले के केशरी पंचायत समिति की विपक्षी नेता मौमिता सिंहा पर जानलेवा हमला किया। मोमिता सिंहा को बीडीओ केशरी ने वित्त, योजना और विकास स्थायी समिति की आम बैठक में भाग लेने के लिए निमंत्रण दिया था। लेकिन टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने उन पर प्रशासनिक भवन के भीतर ही हमला कर दिया।बीडीओ केशरी सिंह को ठहराया घटना के लिए जिम्मेदार: सुवेंदु ने सवाल उठाया कि क्या अब पश्चिम बंगाल में प्रशासन इसी तरह काम करेगा? एक निर्वाचित सदस्य को पहले बैठक में भाग लेने के लिए बुलाया जाता है, उसके बाद प्रशासनिक भवन में ही उस पर हमला किया जाता है। सुवेंदु ने इस पूरे घटनाक्रम के लिए बीडीओ केशरी सिंह को जिम्मेदार ठहराया है। सुवेंदु ने इस मामले से जुड़ा एक वीडियो और अपनी प्रतिक्रिया एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर भी पोस्ट की है। सुवेंदु ने आरोप लगाया कि बंगाल में बीजेपी पदाधिकारियों को जान-बूझकर निशाना बनाया जा रहा है। सुवेंदु ने मांग की कि निर्वाचित सदस्यों को अगर ब्लॉक कार्यालय में बुलाया जाता है तो उनको सुरक्षा भी दी जानी चाहिए। लेकिन प्रशासन उनको सुरक्षा देने में नाकाम साबित हो रहा है। सुवेंदु ने सवाल उठाया कि क्या यह मान लिया जाए कि अधिकारी टीएमसी वर्करों के साथ मिलकर विपक्षी सदस्यों को पीटने के लिए साजिशें रच रहे हैं? घटना को लोकतंत्र पर धब्बा बताते हुए सुवेंदु ने इसकी निंदा की। सुवेंदु ने इसे बंगाल के प्रशासन और सत्तारूढ़ टीएमसी के बीच अपवित्र सांठगांठ बताया। इससे पहले भी सुवेंदु ममता सरकार के खिलाफ हमलावर रहे हैं।।भाजपा और टीएमसी नेताओं के बीच मारपीट के मामले अक्सर सामने आते रहे हैं। चुनाव के दौरान भी कई जगह हिंसक झड़पें देखने को मिली थी। यहां तक कि कई कार्यकर्ताओं की जान भी राजनीतिक द्वेष के चलते जा चुकी है। पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने के आरोप लगते रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री के अलावा बंगाल के राज्यपाल प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठा चुके हैं। रिपोर्ट अशोक झा

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