मुख्यमंत्री के निर्देश पर कई टीएमसी नेताओं की संपति जॉच हुई शुरू, सेठ श्रीलाल मार्केट में तोड़ा गया अवैध निर्माण

कोलकाता: सीआईडी ​​की विशेष टीम की जांच में एक के बाद एक सनसनीखेज जानकारियां मिलीं। सिलीगुड़ी में रंगदारी, अवैध जमीन सौदे में करोड़ों रुपये का सौदा। कुछ अन्य जमीनी स्तर के नेताओं के नामों का भी उल्लेख किया गया। इसके अलावा, जासूसों को एक वरिष्ठ अधिकारी और सिलीगुड़ी-जलपाईगुड़ी विकास प्राधिकरण (एसजेडीए) के कई बोर्ड सदस्यों और पदाधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के सबूत मिले हैं। सीआईडी ​​से सूचना मिलने के बाद पुलिस ने बुधवार को गौतम देव के करीबी फुलबाड़ी के तृणमूल नेता देवाशीष प्रमाणिक को अवैध जमीन लेनदेन के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। सीआईडी ​​ने सिलीगुड़ी नगर निगम के दो पार्षदों, डाबग्राम-फुलबाड़ी इलाके के एक अन्य तृणमूल नेता और एसजेडीए के एक पूर्व पदाधिकारी और एक अधिकारी को गिरफ्तार करने की तैयारी शुरू कर दी है। सिलीगुड़ी हांगकांग मार्केट और विधान मार्केट में अवैध निर्माण और जमाखोरी की कई शिकायतें मुख्यमंत्री को सौंपी गईं। पैनी नजर से जॉच के बाद सीआइडी ने उन आरोपों की सत्यता का पता लगा रही है। सीआइडी को दोनों बाजारों में अवैध निर्माण और जबरन वसूली के कारण अरबों रुपये के लेनदेन के निशान मिले। उन्होंने कुछ लोगों से पूछताछ भी की। खुलासा हुआ है कि दो बाजारों में सिर्फ छह अवैध निर्माणों से ढाई करोड़ रुपये की वसूली की गई है। यह भी पता चला है की इस अवैध निर्माण में नेपाल के दो, एक टीएमसी नेत्री का दामाद तथा कई स्थानीय व्यापारियों और प्रमोटर का पैसा लगाया गया है। खुफिया सूत्रों के मुताबिक, सिलीगुड़ी नगर निगम के प्रभारी एक प्रभावशाली पार्षद दोनों बाजारों में अवैध कारोबार को नियंत्रित कर रहे हैं। जांचकर्ताओं को वित्तीय लेनदेन, कॉल रिकॉर्डिंग के कई सबूत मिले। भक्तिनगर पुलिस स्टेशन के पास ईस्टर्न बाइपास और सेवक रोड पर तीन निर्माणाधीन शॉपिंग मॉल और दो आवासों पर भी जांच शुरू हो गई है। आरोप है कि इन्हें नियमों का उल्लंघन कर बनाया गया है। हांगकांग बाजार में जबरन वसूली के आरोपी पार्षद के अलावा, सीआइडी को पता चला है कि एक और प्रभावशाली पार्षद के पैसे का इस्तेमाल कई भू-माफियाओं द्वारा किया जा रहा है। बिहार के एक शख्स ने शॉपिंग मॉल में कई करोड़ रुपये का निवेश किया है। शुरुआती जांच में पता चला है कि यह शख्स बिहार में कई जमीन घोटालों में शामिल है। सीआइडी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि सिलीगुड़ी के पार्षदों का उस व्यक्ति से कैसे रिश्ता बन गया। इस बात की भी जांच शुरू कर दी गयी है कि क्या पार्षदों का पैसा बिहार में किसी कारोबार में लगा है। सिलीगुड़ी के बाहुबली गैर बंगाली युवा नेता अभिषेक बनर्जी के नाम पर तोला सट्टेबाजी के 30 से अधिक मामलों में सीआईडी ​​ने उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी है। उस नेता के दो शिष्यों से भी पूछताछ की गई है। सूत्रों के मुताबिक, युवा नेता के खिलाफ अवैध कॉल सेंटर, सिंगिंग बार से लाखों रुपये की उगाही करने के कुछ सबूत मिले हैं। जांचकर्ताओं ने अवैध कारोबार में सिलीगुड़ी के कुछ पत्रकारों के बारे में भी विस्तृत जानकारी एकत्र की है। एनजेपी इलाके में एक पत्रकार लंबे समय से भू-माफियाओं के लिए पुलिस और नेताओं के बीच मध्यस्थ का काम कर रहा है। सीआइडी को उसकी कई संपत्तियों का पता चल गया है। कुछ पत्रकारों के पास आय के अलावा भी काफी संपत्ति पाई गई है। सीआईडी ​​ने सिलीगुड़ी में एसजेडीए के नियंत्रण वाली सात करोड़ की जमीन के लेनदेन की भी जांच शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि हवाला के जरिए पैसा सिलीगुड़ी के बाहर दूसरे जिलों में ट्रांसफर किया गया था। इंटेलिजेंस को यह भी जानकारी मिली है कि सिलीगुड़ी नगर निगम के एक विवादास्पद पार्षद ने एसजेडीए परियोजना से भ्रष्ट तरीके से कमाए गए पैसे से बेलाकोबा में एक छोटा चाय बागान और ग़ज़लडोबा में एक गार्डन हाउस बनाया है। सीआइडी उस बगीचे वाले घर में भी गये। औसत वेतन वाली नौकरी करने वाले पार्षद के आलीशान घर और गैर कानूनी आय वाली संपत्ति को लेकर भी सवाल उठे हैं। गिरफ्तारी की बात सुनकर पार्षद ने पर्दा डाल दिया। जमीन सौदे में केजीएफ गिरोह के चार प्रमुखों को पकड़ने के लिए सीआईडी ​​और पुलिस ने आज ईस्टर्न बाइपास, सेवक रोड समेत कई जगहों पर तलाशी ली। लेकिन किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई। खुफिया सूत्रों की जानकारी के मुताबिक पुलिस का इशारा मिलते ही गिरोह के सदस्य इलाके से भाग गये। डाबग्राम-फुलबाड़ी इलाके के एक तृणमूल नेता कोलकाता जाकर कुछ तृणमूल नेताओं को गिरफ्तार करने के बाद रिहाई की कोशिश कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, एसजेडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी और पूर्व बोर्ड सदस्य को गिरफ्तार करने के लिए जासूस उच्च अधिकारियों के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। कोलकाता से हरी झंडी मिलने पर सिलीगुड़ी में कुछ और प्रभावशाली तृणमूल नेताओं की कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है।
रिपोर्ट अशोक झा

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