मेरे पास कोई भी विधेयक लंबित नहीं है: बंगाल राज्यपाल

कोलकाता: बंगाल के राज्यपाल के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट गई है। कहा है कि आठ विधेयक को राज्यपाल ने अपने पास रोक रखा है। इसके जबाब में बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने रविवार को इस आरोप को खारिज किया कि राज्य विधानसभा द्वारा पारित आठ विधेयक राजभवन में लंबित हैं। बोस ने कहा कि आठ विधेयकों में से छह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास विचार के लिए हैं, जबकि एक अन्य विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि आठवें विधेयक के लिए बुलाए जाने के बावजूद राज्य सरकार का कोई प्रतिनिधि राजभवन नहीं आया, क्योंकि कुछ स्पष्टीकरण की जरूरत थी ।राज्यपाल ने कहा, मेरा ध्यान आज एक खबर की ओर गया है कि बंगाल सरकार ने आठ लंबित विधेयकों को लेकर राज्यपाल के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया है। यह गलत है, क्योंकि राजभवन में एक भी विधेयक लंबित नहीं है। ममता बनर्जी सरकार ने शुक्रवार को बोस के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था। जिसमें आरोप लगाया गया था कि आठ विधेयकों पर हस्ताक्षर न करने करने का कोई कारण बताए बिना उन्हें कथित रूप से खारिज कर दिया गया है। उन्होंने कहा, इस मामले में सरकार द्वारा की गई/प्रस्तावित कार्रवाई को संविधान के अनुच्छेद 167 के तहत पेश किया जा सकता है। अनुच्छेद 167 राज्यपाल के प्रति मुख्यमंत्री के कर्तव्यों को परिभाषित करता है।बोस ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि सरकार तथ्यों की जांच किए बिना अदालत जाने के बारे में सोच रही है।।राजभवन के एक अधिकारी के मुताबिक, 2022 के छह संशोधन विधेयक राष्ट्रपति के पास विचार के लिए हैं। ये सभी विधेयक राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों से संबंधित हैं। अधिकारी ने कहा कि कुलपतियों के चयन से जुड़े पश्चिम बंगाल विश्वविद्यालय कानून (संशोधन) विधेयक 2023 एमएम 4विचाराधीन है। उन्होंने कहा, पश्चिम बंगाल टाउंन एंड कंट्री (योजना और विकास) (संशोधन) विधेयक 2023 के u राज्य सरकार को प्रमुख सचिव को राजभवन भेजने के लिए कहा गया था, क्योंकि कुछ जरूरी स्पष्टीकरण की जरूरत थी। सरकार ने अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। रिपोर्ट अशोक झा

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