विहिप के दो दिवसीय मंथन से देश के लिए निकलेगा वैचारिक अमृत

लव जिहाद से लेकर जनसंख्या नियंत्रण तक पर होगी बात

अशोक झा जोधपुर: विश्व हिंदू परिषद की केंद्रीय प्रबंध समिति की दो दिवसीय बैठक शनिवार से राजस्थान के जोधपुर में हो रही है। विश्व हिंदू परिषद इससे जुड़े बजरंगदल दुर्गा वाहिनी जैसे संगठनों से जुड़े देशभर के महत्वपूर्ण पदाधिकारी इस दो दिवसीय बैठक में धर्मांतरण पर रोक, मंदिरों की सरकारी नियंत्रण से मुक्ति जनसंख्या असंतुलन सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करके भविष्य के कार्यक्रमों की योजना बनाई जा रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेश जोशी उपाध्यक्ष भैयाजी जोशी ने जोधपुर में विश्व हिंदू परिषद की केंद्रीय प्रबंध समिति की दो दिवसीय बैठक का शनिवार को उद्घाटन किया है। विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय महामंत्री बजरंग बागड़ा ने बताया कि विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय महामंत्री बजरंग बागड़ा ने शनिवार को कहा कि आज कुटुंब प्रबोधन देश की सबसे बड़ी जरूरत है क्योंकि बढ़ते तलाक, टूटते रिश्ते सिमटते परिवार और देश की अखंडता एवं संस्कृति को समाप्त कर रहे हैं।बैठक में संगठन की दृष्टि से बने, देशभर के सभी 45 प्रांतों से विहिप, बजरंग दल, दुर्गा वाहिनी मातृशक्ति से जुड़े लगभग 340 केंद्रीय, प्रांतीय व क्षेत्रीय पदाधिकारी शामिल होंगे। जोधपुर शहर के रातानाड़ा रोड स्थित माहेश्वरी जन उपयोगी भवन में आयोजित इस बैठक में भारत के बाहर के देशों से भी परिषद के दर्जन भर पदाधिकारी भाग ले रहे है। विहिप नेता ने यह भी बताया कि बैठक में धर्मांतरण पर रोक, मंदिरों की सरकारी नियंत्रण से मुक्ति, जनसंख्या असंतुलन, स्वरोजगार, स्वावलंबन, सेवा, समरसता, गौरक्षा, शरणार्थी हिंदुओं को नागरिकता की प्रगति की समीक्षा कुंभ की तैयारियों के साथ ही महिला सशक्तीकरण, कुटुंब प्रबोधन व हिन्दू जीवन मूल्यों पर निरंतर होते आघातों के विषय में चर्चा हो रही है। विहिप आगामी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को विश्व हिंदू परिषद की स्थापना को 60 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इस उपलक्ष्य में विहिप के षष्टिपूर्ति वर्ष के समापन कार्यक्रमों की कार्ययोजना भी इस बैठक में बनाई जाएगी।उन्होंने इस दौरान एक प्रेस कॉन्फेंस में सनातन धर्म के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हुए कहा कि आज के समय में हिंदू जनसंख्या को खतरा है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण पर सिर्फ जनसंख्या कानून से सफलता नहीं मिल सकती. संविधान की ओर से सिर्फ कानून बनाया जा सकता है, लेकिन कानून का पालन समाज ही करता है. ऐसा लगता है कि हिंदू अपने ही देश में अल्पसंख्यक हो जाएगा. विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय महामंत्री बजरंगलाल बागड़ा ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत की। उन्होंने कहा कि “उत्तर प्रदेश की सरकार की ओर से दुकानों पर नाम लिखने के फैसले पर एक तरफा सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की ओर से अंतरिम रोक लगाई गई है. इससे हमारी हिंदुत्व की भावनाओं को ठेस पहुंची है. यह मामला इतना संवेदनशील है, क्योंकि ऐसे कई वीडियो सामने आए हैं, जिसमें समान में थूक कर दिया जा रहा है या थूककर खिलाया जा रहा है।नेमप्लेट विवाद पर कही ये बात:
उन्होंने कहा कि “हमारी हिन्दू धर्म की धार्मिक कांवड़ियों की यात्रा जो अपनी आस्था के चलते पैदल यात्रा करके गंगा का पानी लेकर जाते हैं. उन लोगों को मुस्लिम धर्म के लोग हिंदू देवी देवताओं के नाम की दुकान लगाकर उन्हें अपना सामान बेचते हैं. उन्होंने बताया कि यह वैधानिक है, जो भी दुकान का मालिक है उसका नाम बाहर लिखा होना चाहिए. उसके बाद जिसकी जैसी मर्जी वो वहां से खरीदे और खाए। केंद्रीय महामंत्री बजरंगलाल बागड़ा ने कहा कि “हमें उम्मीद है कि आगामी दिनों में होने वाली सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में दोनों पक्षों को सुना जाएगा और उसके बाद हां हमारी धार्मिक भावनाओं को देखते हुए ही निर्णय किया जाएगा. हिंदुओं में शादियां देरी से होती है. यह एक सामाजिक और पारिवारिक समस्या है। यह हिंदुओं के स्वयं द्वारा बनाई गई समस्या है। आज के समय में हिंदुओं ने बच्चों की संख्या 4-5 से घटाकर एक दो कर दी है।इसमें कानून का कोई अर्थ नहीं है. समाज में आवश्यकता है कि 20 से 25 साल की उम्र में हिंदू बच्चे बच्चियों की शादियां करवा देनी चाहिए। कम से कम 2 से 3 बच्चे हर परिवार में होने चाहिए. इस दिशा में हम प्रबोधन कर एक कार्यक्रम बना रहे हैं, नहीं तो हमारे ही देश में हिंदूओ के अल्पसंख्यक होने में देर नहीं लगेगी। जातीय जनगमा पर क्या बोले बजरंगलाल बागड़ा? जातीय जनगणना पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि “हम इसके कभी भी पक्षधर नहीं रहे। विश्व हिंदू परिषद जाति जनगणना का हमेशा से विरोध करता है और करता रहेगा। धार्मिक आधार पर जनगणना की जाती है, जो की सही भी है।”जिस हिंदू मुस्लिम क्रिश्चियन और अन्य धर्म के अनुसार उनकी जनगणना करते हैं, जिसमें कौन कितने हैं. इसकी जानकारी होना भी आवश्यक है, लेकिन जाति जनगणना के उद्देश्य ही एक षड्यंत्र हैं, जो कि हिंदू समाज को तोड़ने और बांटने के लिए भ्रम फैलाता जा रहा है।
बागड़ा ने बताई हिंदू समाज की चुनौतियां : देश में हिंदू समाज के लिए प्रमुख चुनौतियों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि
मुस्लिम और क्रिश्चियन दोनों तरफ से हैं, लेकिन पिछले कुछ समय से हिंदू समाज का धर्मांतरण मुस्लिम समाज से ज्यादा क्रिश्चियन समाज में किया जा रहा है, क्योंकि मुस्लिम समाज में कोई भी हिंदू धन और प्रलोभन से नहीं जा सकता है।”क्रिश्चियन समाज की ओर से लगातार धर्मांतरण के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. हमारे आदिवासी युवा भाइयों को लालच और प्रलोभन देकर धर्मांतरण करवाया जा रहा है। इसमें राजनीतिक लाभ के चलते राजनेता ऐसे लोगों का सहयोग करते हैं।आदिवासी समाज को लेकर क्या कहा?आदिवासी समाज को लेकर पूछे गए सवालों पर बजरंगलाल बागड़ा ने कहा कि “आदिवासियों को राष्ट्रीय स्तर पर हिंदू धर्म से अलग करने का प्रयास किया जा रहा है. आदिवासी समाज की महिलाएं और बुजुर्ग हालांकि इससे अछूते हैं. उनसे पूछा जाए तो वह आपको बताएंगे कि वह हिंदू धर्म से ही है।
“वहीं जनजाति समाज के युवाओं को मिशनरी और षड्यंत्रकारी तत्वों ने धर्मांतरण करने का प्रयास किया जा रहा है। अब राजस्थान में भी जनजाति क्षेत्र में धर्मांतरण का षड्यंत्र तेजी से फैल रहा है।

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