पहले चुनाव हारे अब पार्टी से हटाए जाएंगे अधीर रंजन चौधरी

अशोक झा, कोलकाता: टीएमसी से नाराजगी को लेकर कांग्रेस अधीर रंजन चौधरी को बलि का बकरा बमाने में लगी है। माना जा रहा है की ममता बनर्जी दिल्ली गई अरविंद केजरीवाल की पत्नी से मिली लेकिन कांग्रेस को कोई भाव नहीं दी। उसके बाद ही राहुल-खड़गे की बैठक के बाद चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाया जा रहा है। लिया गया बड़ा फैसला: माना जा रहा है कि लोकसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस को पश्चिम बंगाल में करारी हार का सामना करना पड़ा था जिसके बाद कांग्रेस ने ये एक्शन लिया है. सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अधीर रंजन समेत पश्चिम बंगाल के कई नेताओं से मुलाकात की थी, जहां पर उन्हें हटाने का फैसला लिया गया था. हालांकि पार्टी ने अधीर रंजन चौधरी को अपनी इज्जत बचाने का मौका देते हुए खुद इस्तीफा देने का विकल्प भी दिया।अपने गढ़ में हार गए थे अधीर रंजन चौधरी: कांग्रेस महासचिव और पश्चिम बंगाल में प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने अधीर रंजन चौधरी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की बात की पुष्टि की है. गौरतलब है कि 1999 से अधीर रंजन चौधरी लगातार बहरामपुर की सीट से चुनाव जीत कर लोकसभा पहुंच रहे थे, लेकिन इस बार टीएमसी की ओर से खड़े किए गए पूर्व क्रिकेटर युसुफ पठान ने जीत हासिल की और अधीर रंजन चौधरी को उनके ही गढ़ में हराया।तो इस वजह से अधीर रंजन को हटाने का लिया गया फैसला: इससे पहले कांग्रेस महासचिव वेणुगोपाल राय ने कांग्रेस नेताओं से मेल और मैसेज कर के पश्चिम बंगाल में लीडरशिप की समस्या को डिटेल में बताने की डिमांड की थी. अधीर रंजन चौधरी के पद से इस्तीफा देने के बाद फिलहाल नए अध्यक्ष के नाम का ऐलान नहीं किया गया है. माना जा रहा है कि अधीर रंजन चौधरी को हटाने का फैसला ममता बनर्जी से हो रहे लगातार टकराव के बाद लिया गया है। आपको बता दें कि ममता बनर्जी और अधीर रंजन चौधरी के बीच टकराव इतना ज्यादा था कि उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान इंडिया गठबंधन से दूरी बना ली थी, जिसके बाद बंगाल में कांग्रेस सिर्फ एक ही सीट पर जीत हासिल कर सकी।ममता ने भी एक हफ्ते पहले की थी दिल्ली की यात्रा: राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ दिल्ली में हुई बैठक में अधीर रंजन चौधरी के अलावा राज्य में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप भट्टाचार्या, अबुदुल मन्नान, दीपा दासमुंशी, अमिताभ चक्रवर्ती, नेपाल महतो, मनोज चक्रवर्ती, ईशा खान चौधरी, कांग्रेस महासचिव दीपा दासमुंशी के साथ ही केरल, तेलंगाना और लक्षद्वीप के प्रभारी भी शामिल हुए थे। यहां हैरान करने वाली बात यह भी है कि ममता बनर्जी एक हफ्ते पहले दिल्ली की यात्रा पर भी आई थी जिसके बाद बंगाल में बदल रही कांग्रेस की सियासत कई सवाल खड़े कर रही है।

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