5 अगस्त के बाद बांग्लादेश में भारत के प्रति आया बदलाव : विदेश सलाहकार
उन्होंने कहा, हमें अच्छे संबंधों को लेकर आशावादी रहना चाहिए, ताकि दोनों पक्षों के हितों की रक्षा हो सके
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बांग्लादेश बॉर्डर से अशोक झा: बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने कहा कि इस साल 5 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद से भारत के साथ देश के संबंधों में बदलाव आया है।हुसैन ने ढाका के उत्तर दक्षिण विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, पांच अगस्त के बाद भारत के साथ हमारे संबंध बदल गए हैं। यह सच्चाई है। हमें इस सच्चाई को ध्यान में रखते हुए भारत के साथ अपने संबंधों को आगे बढ़ाना होगा। मुझे भरोसा है कि भारत भी इस बात को समझेगा कि बदलते हालात में बांग्लादेश के साथ संबंध कैसे बढ़ाए जाएं।शेख हसीना की सरकार के खिलाफ छात्रों ने बड़ा आंदोलन किया था। इस आंदोलन में छह सौ से अधिक लोग मारे गए थे। इसके बाद हसीना को प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दिया और भागकर भारत आ गईं। इसके बाद नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मोहम्मद यूनुस की अगुवाई में एक अंतरिम सरकार बनाई गई। हुसैन ने कहा, ‘पिछली सरकार (बांग्लादेश की) ने भारत क चिंताओं को दूर करने की पूरी कोशिश की थी और हमारी भी कुछ चिंताएं थीं। समस्याएं इसलिए पैदा हो रही हैं, क्योंकि हमारे मुद्दों का समाधान नहीं हो रहा है’। हालांकि उन्होंने दोनों देशों के बीच अच्छे संबंधों के प्रति आशावादी रहने की बात की और कहा कि बांग्लादेश किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचाएगा। उन्होंने कहा, हमें अच्छे संबंधों को लेकर आशावादी रहना चाहिए, ताकि दोनों पक्षों के हितों की रक्षा हो सके। हम किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते और न ही चाहते हैं कि कोई हमारे लिए नुकसान का कारण बने।वहीं, भारत ने बांग्लादेश में भड़काऊ भाषण, हिंसा और उकसावे की घटनाओं पर चिंता जताई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत ने बांग्लादेश सरकार के साथ हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों पर हुए लक्षित हमलों का मुद्दा बार-बार उठाया है। उन्होंने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से अपील की कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं।