बांग्लादेश में एक वर्ग विशेष पर हमला चिंता का विषय : वीएचपी

प्रवक्ता ने कहा इसके पीछे कट्टरबादी का हाथ

अशोक झा, सिलीगुड़ी:
बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद मुख्यत: हिंदू ही कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं, बांग्लादेश के खुलना डिवीजन के मेहरपुर में स्थित इस्कॉन मंदिर को कट्टरपंथियों ने टारगेट किया इतना ही नहीं यहां इस्कॉन मंदिर में स्थापित भगवान की मूर्तियों को भी उपद्रवियों ने तोड़ दिया है। इसके अलावा मंदिर में भी आग लगा दी है। विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता सुशील रामपुरिया ने कहा इसके पीछे कट्टरबादियो की सोची समझी चाल है। भारत सरकार को इसपर गंभीरता से विचार करना पड़ेगा।
इस्कॉन के प्रवक्ता युधिष्ठिर गोविंद दास ने घटना की पुष्टि की है। उन्होंने कहा, ‘बांग्लादेश के मेहरपुर में मंदिर में आग लगाए जाने और भगवान जगन्नाथ, बलदेव सुभद्रा की प्रतिमा को तोड़ने की जानकारी सामने आ रही है। इस दौरान तीन श्रद्धालुओं ने किसी तरह जान बचाकर मंदिर से बाहर निकले। हसीना सरकार के गिरने और कट्टरपंथी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की एंट्री के साथ ही बांग्लादेश में हिंदू एक बार फिर संकट में पड़ गया है’।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले : इस्कॉन के अमानी कृष्णदास ने कहा, ‘देश के कुल 29 जिलों में मंदिरों और हिंदुओं पर हमले किए हैं. ढाका के इस्कॉन मंदिर में भी हमला हुआ. उन्होंने कहा कि हालात इतने खराब थे कि मंदिर को बंद करके रखा गया है। हम तो भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि हालात सुधर जाए. उन्होंने कहा कि यहां जब भी हालात बिगड़ता है तो सबसे पहले आसान टारगेट हिंदू ही होता है’। आगे उन्होंने कहा, हम फिलहाल इतने खौफ में हैं कि मंदिर के अंदर ही ताला बंद करके रह रहे हैं। हमारे ऊपर किसी भी समय हमला हो सकता है, इस दौरान उन्होंने कहा, ‘हालात कैसे भी हों, हम भगवान कृष्ण को छोड़कर नहीं जाएंगे। हमारे प्राण भी चले जाएं तो हम यहीं रहेंगे बांग्लादेश में ही हमारा जन्म हुआ था और यहीं मरेंगे’। छिपकर भाग रहे सुरक्षाबलों के जवान: वहीं चटगांव में इस्कॉन के प्रेसिडेंट चिन्मय कृष्णन दास ने कहा कि हिंदू पूजा स्थलों पर हमले बेहद चिंता का विषय है। चटगांव में तीन मंदिर संवेदनशील है। हालांकि अब तक कुछ मुस्लिमों के साथ मिलकर हिंदू समुदाय के लोगों ने इन्हें बचाकर रखा है। उन्होंने कहा कि मंदिरों को बचाने के लिए पुलिस से भी मदद मांगी गई है। हालांकि सुरक्षाबलों के जवान छिपकर भाग रहे हैं। चार हिंदू मंदिरों पर हमला: हिंदू बौद्ध ईसाई यूनिटी काउंसिल के नेता काजोल देवनाथ ने कहा, ‘बीते सोमवार को चार हिंदू मंदिरों पर हमला किया गया है।।उपद्रवियों ने ढाका में इंडियन कल्चर सेंटर को भी निशाना बनाया था। आंदोलनकारियों ने ढाका में कई मकानों और सरकारी इमारतों में आग लगा दी ही।बंगबंधु भवन को भी प्रदर्शनकारी ने आग के हवाले कर दिया।
27 जिलों में हिंदुओं को निशाना बनाया गया: मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 27 जिलों में हिंदुओं को निशाना बनाया गया है. लोगों के घरों पर हमला करके लूटपाट की गई और दुकानों में तोड़फोड़ की गई है. कालीगंज के उप जिला में चंद्रपुरा गांव में चार हिंदुओं की पिटाई की गई और उनके घर लूट लिए गए. वहीं हटिबंधा के पुरवा सुरजी में दर्जन भर हिंदुओं के घर को आग के हवाले कर दिया गया है।बांग्लादेश में हिंसा और आगजनी के बीच अब उपद्रवियों ने अल्पसंख्यक हिंदुओं को निशाना बनाना शुरू कर दिया। भीड़ चुन-चुनकर हिंदुओं को निशाना बना रही है। घरों में आग लगाई जा रही है. दुकानों को लूटा जा रहा है। घरों में आग लगाई जा रही है। दुकानों को लूटा जा रहा है। इस बीच बांग्लादेश के मेहरपुर इस्कॉन मंदिर की तस्वीरें सामने आई हैं। दंगाइयों ने तोड़फोड़ करने के बाद इस मंदिर को आग के हवाले कर दिया। बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 27 जिलों में हिंदुओं के घरों और दुकानों को निशाना बनाया गया है. कीमती सामान को लूटा गया है. मंदिरों पर भी हमले किए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक लालमोनिरहाट सदर उपजिले में धार्मिक हिंदू कार्यों से जुड़े पूजा समिति के सचिव प्रदीप चंद्र रॉय के घर में तोड़फोड़ और लूटपाट की गई है। कंफ्यूटर की दुकान में लूटपाट: दंगाइयों ने नगरपालिका सदस्य मुहिन रॉय की कंप्यूटर दुकान में भी तोड़फोड़ करने के साथ लूटपाट की है। कालीगंज उपजिला के चंद्रपुर गांव में 4 हिंदू परिवारों के घरों में तोड़फोड़ और लूटपाट की गई है. हातिबंधा उपजिला के पुरबो सरदुबी गांव में 12 हिंदुओं के घरों में आग लगा दी गई है। घरों में घुसकर की गई तोड़फोड़:बांग्लादेशी मीडिया के मुताबिक पंचगढ़ में कई हिंदुओं के घरों में तोड़फोड़ और लूटपाट की गई है।ओइक्या परिषद के महासचिव मोनिंद्र कुमार नाथ के मुताबिक ऐसा कोई क्षेत्र या जिला नहीं बचा है, जहां हिंदुओं पर हमले नहीं हुए। उनके पास अलग-अलग इलाकों से लगातार हमलों की जानकारी आ रही है।मंदिर में तोड़फोड़, घरों पर अटैक:रिपोर्ट के मुताबिक हिंदुओं को घरों से निकालकर पीटा जा रहा है. उनकी दुकानों में लूटपाट की जा रही है. इन हमलों के कारण हिंदू डर के साए में रह रहे हैं. बताया जा रहा है कि दिनाजपुर कस्बे और दूसरे उप जिलों में 10 हिंदुओं के घरों पर हमला हुआ है। हमलावरों ने कस्बे के रेलबाजारहाट में एक मंदिर में भी तोड़फोड़ की है। 300 हमलावरों ने फूंक दी बिल्डिंग :बांग्लादेश हिंदू-बुद्ध ईसाई परिषद के महासचिव उत्तम कुमार रॉय ने बताया कि खानसामा उपजिला में तीन हिंदुओं के घरों पर हमला किया गया। लक्ष्मीपुर में गौतम मजूमदार ने बताया कि शाम साढ़े सात बजे 200-300 से ज्यादा हमलावरों ने उनकी दो मंजिला इमारत में आग लगा दी।भीड़ ने हिंदुओं के घरों को बनाया निशाना: खुलना में बिमान बिहारी अमित और अनिमेष सरकार के घरों पर शाम करीब 5 बजे तोड़फोड़ की गई. रूपशा पुलिस स्टेशन के अंतर्गत हैसगती गांव के श्यामल कुमार दास और स्वजन कुमार दास के घरों पर भी हमला किया गया और लूटपाट की गई।बांग्लादेशी हिंदुओं को लेकर कई तरह की सियासी बातें और दावे किए जा रहे हैं। पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने बांग्लादेश के हिंदुओं पर हमले और उनके पलायन की आशंकाएं जाहिर की है।इन दावों और सियासी बातों के बीच आइए समझते हैं कि मुस्लिम बाहुल्य देश बांग्लादेश में हिंदू कितने पावरफुल हैं और शेख हसीना की सत्ता बदलने के बाद उन पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
बांग्लादेश में हिंदू कितने पावरफुल?:बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी 8 प्रतिशत के आसपास है, जो अल्पसंख्यक समुदाय में सबसे ज्यादा है. पाकिस्तान की तुलना में मुस्लिम बाहुल्य इस देश में शुरुआत से ही हिंदुओं दबदबा रहा है. इसकी 3 मुख्य वजहें हैं।
बांग्लादेश में हिंदू सियासी तौर पर काफी ज्यादा प्रभावी हैं। 2024 में बांग्लादेश में 12 हिंदू सांसद चुने गए थे। 2019 में यह संख्या 19 के करीब थी. शेख हसीना की सरकार में हिंदू कोटे से 4 मंत्री बनाए गए थे। इन मंत्रियों के पास स्वास्थ्य, खाद्य और लैंड रिफॉर्म जैसे बड़े विभाग थे। बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के वक्त से ही हिंदू यहां की राजनीति के केंद्र में रहे हैं। खालिदा जिया की पार्टी में भी हिंदुओं की हिस्सेदारी है। पार्टी के टॉप 15 पोस्ट में एक हिंदू घनश्याम चंद्र रॉय भी शामिल हैं। बांग्लादेश के 3 जिले ऐसे हैं, जहां पर हिंदुओं की आबादी 20 प्रतिशत से ज्यादा है। ये जिले हैं। गोपालगंज, मौलवीबाजार और ठाकुरगांव। इन 3 जिलों में लोकसभा की 10 सीटें हैं। बांग्लादेश में हिंदुओं में ब्राह्मण और कायस्थ जातियों की आबादी करीब 2 करोड़ के आसपास है। इन दोनों ही जातियों का प्रशासिनक और ज्यूडिशरी में अच्छी पैठ है। वर्तमान में हिंदू समुदाय के इन दोनों ही जातियों से आने वाले 3 अधिकारी बांग्लादेश में इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (राज्य पुलिस के सर्वोच्च पद) पर हैं. इतना ही नहीं, बांग्लादेश के उच्च न्यायालयों में हिंदू समुदाय के 8 जज कार्यरत हैं। बांग्लादेश की राजनीति को करीब से देखने वाले वरिष्ठ पत्रकार अभिषेक रंजन बात करते हुए कहते हैं। बांग्लादेश में जो हिंदू हैं, वो काफी मुखर और मजबूत हैं, इसलिए यह कहना है कि सरकार बदलने के बाद तुरंत उन पर असर पड़ेगा, यह मुश्किल है। व्यापार के क्षेत्र में भी हिंदू बांग्लादेश में काफी मजबूत हैं। यहां के टेक्सटाइल और ट्रांसपोर्ट के बिजनेस में हिंदुओं का दबदबा है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बांग्लादेश की सबसे बड़ी बस सर्विस चमोली के मालिक हिंदू हैं। स्टेटिस्का के मुताबिक बांग्लादेश में ट्रांसपोर्ट का बिजनेस 0.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है. इसी तरह यहां टेक्सटाइस का बिजनेस 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर के आसपास है। हिंदुओं के पलायन में तेजी आएगी?:शेख हसीना की सत्ता जाने के बाद सबसे ज्यादा आशंका इसी बात की जताई जा रही है कि बांग्लादेश में अब हिंदुओं पर सत्ता और उनसे जुड़े लोगों का अत्याचार बढ़ेगा। भारत में भी इस बात की सुगबुगाहट हो रही है। बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने तो बड़े स्तर पर हिंदुओं के पलायन की बात कही है। इन दावों का जो आधार है, वो वहां की बांग्लादेश नेशनल पीपुल्स पार्टी और जमात-ए-इस्लामी की पुरानी कार्यशैली है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बांग्लादेश की सत्ता बदलने के बाद इसमें तेजी आएगी?
इसे समझने के लिए यह 2 फैक्ट्स : हिंदुओं का पलायन बांग्लादेश में पहले से ही जारी है. सेंटर ऑफ डेमोक्रेसी, प्लुरिज्म एंड ह्यूमन राइट्स (सीडीपीएचआर) ने 3 साल पहले ढाका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अब्दुल बरकत के हवाले से एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इसके मुताबिक पिछले 4 दशक में बांग्लादेश से 2.3 लाख से ज्यादा लोग हर साल पलायन कर रहे हैं। इन 4 दशक में करीब 2 दशक से ज्यादा समय तक शेख हसीना की ही सरकार रही। बांग्लादेश में सांगठनिक रूप से बड़े स्तर पर आखिर बार 1971 में ही हिंदुओं का पलायन हुआ था। इसके बाद से हिंदुओं पर अटैक तो हुए, लेकिन छिटपुट घटना के तौर पर। अभिषेक रंजन के मुताबिक हिंदुओं पर हमले की संभावनाएं इस बार भी है, लेकिन जिस तरह से पलायन की आशंकाएं जताई जा रही है, ऐसा कुछ नहीं होगा। रंजन आगे कहते हैं- बांग्लादेश की बहुत सारी तस्वीरें अभी उलझी हुई है। कुछ महीने में ये तस्वीरें साफ हो जाएगी. तब तक कुछ भी ज्यादा अनुमान लगाना अतिश्योक्ति होगा।

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