एसयूसीआई के बंगाल बंद का मिला जुला दिख रहा है असर
अशोक झा, कोलकाता: बुधवार आधी रात को आरजी कर पर हुए हमले के बाद एसयूसीआई ने बंद का आह्वान किया है। शुक्रवार यानि आज सुबह से 12 घंटे का बंगाल बंद बुलाया गया है। अस्पताल में हुई भयावह घटना के विरोध में यह बंद बुलाया गया है। हालांकि, राज्य सचिवालय की ओर से बताया गया है कि सरकार बंद का समर्थन नहीं करती है। बंद में शामिल होने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।हर सरकारी कर्मचारियों को हाजिर होने का निर्देश दिया गया है। सिलीगुड़ी समेत राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में बंद का मिला जुला असर देखा जा रहा है। इस घटना को लेकर बंगाल से दिल्ली तक आक्रोश है।हर कोई इस भयावह घटना के बारे में बात कर रहा हैं. पीड़िता को इंसाफ मिले, इसके लिए हर जगह हड़ताल, जुलूस और प्रदर्शन हो रहे हैं. सबकी एक ही मांग है पीड़िता को न्याय मिले, उसके साथ इंसाफ हो, महिलाओं की सुरक्षा हो. कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर केस को सरकार, विपक्ष और डॉक्टर…सब सड़क पर हैं. ऐसे में आइए हम आपको बताते हैं कि कौन क्या चाहता है और किसकी क्या मांगे हैं?डॉक्टरों की क्या है मांग?कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर केस में डॉक्टरों की वैसे तो बहुतेरे मांग है लेकिन सबसे पहली और अहम मांग यही है कि पीड़िता को न्याय मिले. सभी अस्पतालों में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो. मृतक डॉक्टर के परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए और इस मामले में जल्द से जल्द न्याय हो. डॉक्टर्स सरकार से सेंट्रल हेल्थकेयर प्रोटेक्शन एक्ट की भी मांग कर रहे हैं.डॉक्टर्स इस घटना को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं और पीड़िता के खिलाफ न्याय की मांग कर रहे हैं. फेडरेशन ऑफ आल इंडिया रेसिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने बीते दिनों घटना के विरोध में धरना प्रदर्शन किया था. कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के विरोध में आज भी रेसिडेंट डॉक्टर्स राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में विरोध मार्च निकालेंगे। विपक्ष लगातार हमलावर: कोलकाता के अस्पताल में हुई भयावह घटना पर विपक्ष लगातार ममता सरकार पर हमलावर है. बीजेपी लगातार ममता सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। बीजेपी आज भी पश्चिम बंगाल में रास्ता रोको आंदोलन करेगी. कांग्रेस का कहना है कि आरोपी को बचाने की कोशिश हो रही है। इस घटना पर बीते दिनों राहुल गांधी ने कहा था पीड़िता को न्याय दिलाने की जगह आरोपियों को बचाने की कोशिश की जा रही है. यह चीजें अस्पताल और स्थानीय प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े करता है. बंगाल बीजेपी का कहना है कि अस्पताल में सबूत मिटाने के लिए तोड़फोड़ की गई. यहां बहन बेटियां सुरक्षित नहीं है। बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला और सीबीआई के निदेशक को पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि आरजी कर अस्पताल में सीएपीएफ फोर्स की तैनाती की जाए ताकि सबूतों से छोड़छाड़ न हो सके। राज्य सरकार क्या कह रही?: इस भयावह घटना पर पश्चिम बंगाल सीएम ममता ने कहा कि जहां तक मुझे जानकारी मिली है, मैं छात्रों को दोष नहीं दूंगी. वाम और राम एकत्रित होकर यह कर रहे हैं. घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, हम अभी भी कहते हैं कि फांसी होनी चाहिए. हमने सारे दस्तावेज दे दिए हैं, जो भी लीक हो रहा है, जब तक हमारी पुलिस जांच कर रही थी, तब तक कुछ भी लीक नहीं हुआ. मेरी और बंगाल के लोगों की संवेदनाएं पीड़ित परिवार के साथ हैं. यह बहुत बड़ा अपराध है, इसकी एकमात्र सजा फांसी है. अगर अपराधी को फांसी होगी तभी लोगों को इससे सबक मिलेगा लेकिन किसी निर्दोष को सजा नहीं मिलनी चाहिए. मैंने इस मामले को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में ले जाने का निर्देश दिया है।
‘घटना मानवता को शर्मसार करने वाली’:पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने बंगाल की घटना मानवता को शर्मसार करने बताया. कल उन्होंने अस्पताल का दौरा किया थआ. इसके बाद प्रेस वार्ता कर उन्होंने राज्य सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि जो मैंने सुना था वहीं देखा. कानून की रक्षा करने वाले साजिश में शामिल हैं. बंगाल में मां बेटियों की रक्षा नहीं हो पा रही है. पहली जिम्मेदारी राज्य सरकार की बनती है. कानून व्यवस्था राज्य सरकार की जिम्मेदारी होती है. बंगाल में रात में काम करने की सुरक्षा नहीं है. डॉक्टर्स न्याय और सुरक्षा चाहते हैं. बंगाल में जो हो रहा है वो ठीक नहीं है. इस तरह की घटना बर्दाश्त नहीं करेंगे। CBI कर रही है मामले की जांच:इस पूरे मामले जांच सीबीआई कर रही है. पहले इस मामले की जांच कोलकाता पुलिस कर रही थी। कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश के बाद इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई. कोलकाता पुलिस से सारे कागजात अपने कब्जे में लेने के बाद सीबीआई ने अपनी जांच शुरू कर दी है. सीबीआई ने पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए तीन अलग अलग टीमें बनाई हैं, जो अलग अलग एंगलों से मामले की जांच करेगी। जांच के दूसरे दिन यानी कल सीबीआई की टीम ने चार डॉक्टरों से पूछताछ की थी. सीबीआई की टीम ने उस डॉक्टर से भी पूछताछ की थी, जिन्होंने पीड़िता का पोस्टमार्टम किया था. जांच एजेंसी वारदात से पहले और वारदात के बाद की तमाम कड़ियों को जोड़ने में लगी है. आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में 9 अगस्त को महिला ट्रेनी डॉक्टर का शव मिला था. उसके शरीर के कई अंगों पर चोट के निशान थे।