कोलकोता ट्रेनी डॉक्टर दुराचार और हत्या मामले में भाजपा का थाना घेराव

कई जगह हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारी, मांगा ममता बनर्जी का त्यागपपत्र

अशोक झा, कोलकाता: भाजपा की ओर से उत्तर बंगाल के सभी थाना में कोलकाता ट्रेनी डॉक्टर के मामले में मुख्यमंत्री का त्यागपत्र मांगते हुए घेराव और प्रदर्शन किया गया। सिलीगुड़ी, माटी गाड़ा, नक्सलबाड़ी, बागडोगरा, खोरीबारी, विधाननगर, घोष पोखर, फंसीदेवा, प्रधाननगर, भक्तिनगर, एनजेपी, जलपाइगुड़ी, अलीपुरद्वार इस्लामपुर, रायगंज समेत अन्य थानों में घेराव कर रहे नेताओं ने कहा की मेडिकल कॉलेज कोलकाता की ट्रेनी डॉक्टर के साथ बर्बरता पूर्ण ढंग से बलात्कार करके हत्या कर दी गई। उसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा अघोषित रूप से साक्ष्य को मिटाने और पीड़िता के परिजनों को दबाने की कार्रवाई की गई। पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग ने डॉ. संदीप घोष को नेशनल मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य पद से हटा दिया है। जूनियर डॉक्टर की हत्या के बाद आरजी कर मेडकिल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संदीप घोष को पश्चिम बंगाल सरकार ने नेशनल मेडिकल कॉलेज का प्राचार्य बनाया था। इसे लेकर विरोध हुआ था। इसके बाद कलकत्ता हाईकोर्ट ने भी उनसे पद से हटने और छुट्टी पर जाने के लिए कहा था। वहीं आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल की नई प्राचार्य सुहृता पॉल का भी तबादला किया गया है। पश्चिम बंगाल सरकार ने मानस कुमार बंदोपाध्याय को आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल का नया प्राचार्य बनाया है।वहीं अस्पताल के 4 अन्य कर्मचारियों का भी पॉलीग्राफ टेस्ट किया जाएगा। इस बीच इंडिया टीवी ने पीड़िता के माता पिता का इंटरव्यू लिया है। चलिए बताते हैं कि इंटरव्यू में पीड़िता के माता-पिता ने क्या कहा और क्या मांग की है।पीड़िता के पिता ने क्या कहा?: हमे किसी पर तो भरोसा रखना ही है, सीबीआई अपने नाम के अनुसार कम करें ताकि जल्दी हमें न्याय मिल सके।
8 तारीख को शाम 8:30 बजे और देर रात 11:15 बजे बेटी से बात हुई, जिसमें बेटी ने बताया कि वह अपने जूनियर को खाना खिला रही है। अमूमन सीनियर अपने जूनियर को डॉक्टर में खाना खिलाते हैं। मन में एक सवाल आता है की 70 पेशेंट थे। किसी ने पूरी रात ये नही सोचा डॉक्टर कहा गई। डिपार्टमेंट में पूरी रात किसी ने नहीं ढूंढा कि डॉक्टर कहां है। यही और संदेह पैदा कर रहा है कि कोई तो डिपार्टमेंट का भी शामिल है। पहला काल एक लड़की का आया, सुबह 10:53 पर। गंदे तरीके से बात की और तबियत खराब बोल कर अस्पताल आने को कहा।
फिर मैंने उसी लड़की को कॉल किया तो पूछा क्या हुआ तो बोली कि जल्दी अस्पताल आ जाओ। जब हम गाड़ी में बैठे तो असिस्टेंट सुपरवाइजर का काल आया और बताया की आत्महत्या की है बेटी ने जल्दी आ जाओ। हम 12 बजे अस्पताल पहुंचे तो कोई मुझे अलग ले गया, मेरी पत्नी को कोई अलग ले गया। लेकिन 3 घंटे तक सेमिनार हॉल में कोई नहीं ले गया।
पुलिस सिर्फ गुमराह कर रही थी। वहां डिपार्टमेंट से कोई नहीं था। सिर्फ पुलिस वाले थे। प्रिंसिपल हमे ऑफिस में बुला रहा था, खूब चिल्लम चिल्ली के बाद प्रिंसिपल आया, लेकिन हमसे बात नहीं की। कमिश्नर के फोन पर सीएम ममता बनर्जी का कॉल आया और कार्रवाई करने की बात की। 6:10 पर पोस्टमॉर्टम हुआ।
4 लोग ड्यूटी पर थे, जिसमें एक इंटर्न भी था। अंतिम संस्कार में जल्दबाजी हुई, यहां तक कि पैसे भी किसने दिए अंतिम संस्कार के ये भी नहीं पता। पुलिस जांच शुरू से ही गुमराह कर रही है।
हमने कभी ऐसा नहीं कहा की FIR मत करो। हमने 6 बजे पुलिस को लिखित शिकायत दी, रात 11:45 पर FIR हुई। मेरी बेटी डायरी लिखती थी, डायरी के 3 पेज फटे हुए थे, सीबीआई ने जांच की है, हम इस बारे में कुछ नही बोलेंगे। संजय रॉय के बारे में कभी नही सुना। इसमें सिर्फ संजय रॉय है, ये गलत है और लोग भी इसमें शामिल हैं। सीएम ने 10 लाख देने की बात की, हमें पैसा नहीं इंसाफ चाहिए। बेटी MD में गोल्ड मॉडल पाना चाहती थी, डायरी में भी लिखा था ऐसा। पीड़ित की मां ने क्या कहा? पीड़िता की मां ने कहा कि मेरी बेटी हमेशा पेशेंट की बातें करती थी, लैपटॉप पर पढ़ती रहती थी। घर में किसी को टीवी नहीं देखने देती थी, हमेशा पढ़ाई की बात करती थी।
मेरा एक मात्र सहारा थी बेटी। मेरा परिवार का सपना पूरा करना चाहती थी। सब टूट गया। पुलिस सब झूठ बोल रही है। पुलिस पर भरोसा किया, उन्होंने अपने तरीके से काम किया पीएम नरेंद्र मोदी से उम्मीद है कि इंसाफ मिलेगा। जैसे-जैसे देर हो रही है, हमारी आशा टूट रही है। मेरी बेटी गई, लेकिम करोड़ों बच्चे मेरे साथ जुड़े हैं। यही हमारी हिम्मत बढ़ा रही है। उच्च न्यायालय कोलकाता के आदेश पर उक्त जघन्य प्रकरण की विवेचना सीबीआई को सौंप दी गई। सर्वोच्च न्यायालय ‌द्वारा भी उक्त प्रकरण में स्वयं प्रेरणा से समुचित आदेश पारित किया है। इसलिए न्याय की पूर्ण आशा है। परंतु पश्चिम बंगाल सरकार और पश्चिम बंगाल पुलिस के कृत्य से भाजपा और उससे जुड़ी संगठनों की भावनाएं आहत एवं आक्रोशित हैं। इससे पूर्व भी पश्चिम बंगाल सरकार संदेशखाली आदि मामलों में महिलाओं के विरुद्ध अपराध में गैर जिम्मेदार रही है। भाजपा ने मांग की है कि इस प्रकार की जघन्य घटनाओं में संवेदन हीनतापूर्ण व्यवहार के लिए पश्चिम बंगाल सरकार को बर्खास्त किया जाए। घटना की प्रारंभिक विवेचना में लापरवाही बरतने वाले पश्चिम बंगाल पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाई की जाए।

Back to top button