एंबुलेंस में महिला से दुष्कर्म के प्रयास का मामला : छावनी पुलिस ने की संवेदनहीनता तो लखनऊ में भी हुई लापरवाही

एंबुलेंस में महिला से दुष्कर्म के प्रयास का मामला : छावनी पुलिस ने की संवेदनहीनता तो लखनऊ में भी हुई लापरवाही

उप्र बीमार पति और भाई के सामने एंबुलेंस में महिला से दुष्कर्म के प्रयास के मामले में बस्ती जिले के छावनी पुलिस ने संवेदनहीनता की सारी हदें पार कर दीं। परिजनों को टरकाकर घटनास्थल लखनऊ बताकर भेज दिया। जब पीड़िता व उसके परिजनों ने राजधानी के गाजीपुर थाने आकर तहरीर दी, तो यहां की पुलिस ने भी मामला टालने में कोई कसर नहीं छोड़ी। तहरीर लेकर जांच के नाम पर रखे रही। बुधवार को जब समाचार पत्र में खबर प्रकाशित हुई तब आननफानन दोपहर में छेड़खानी, गैर इरादतन हत्या, बंधक बनाकर लूटने की धाराओं में केस दर्ज किया। लखनऊ पुलिस की भी लापरवाही करने में कोई कसर नही छोड़ा। दरअसल, 29 अगस्त की रात साढ़े 11 बजे पीड़िता के भाई ने पुलिस कंट्रोल रूम और एंबुलेंस को कॉल की थी। एंबुलेंस से पहले जिला अस्पताल और फिर बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर रेफर किया गया था। जहां 30 अगस्त की रात करीब नौ बजे मरीज की मौत हो गई थी। पीड़िता के भाई ने बताया कि 31 अगस्त को शव का अंतिम संस्कार किया गया। एक सितंबर को उन्होंने छावनी थाने की एक चौकी के पुलिसकर्मियों से केस दर्ज कराने के लिए संपर्क किया। पुलिसकर्मियों ने कहा कि एंबुलेंस लखनऊ से बुक की गई थी। इसलिए केस वहीं दर्ज होगा।

 

—————————————

बयान भी लिए, बुलाया भी, लेकिन केस नहीं दर्ज किया

एफआईआर में स्पष्ट लिखा है कि 112 के जो पुलिसकर्मी पहुंचे थे, उन्होंने बयान लिए थे। उन्हें पूरी घटना बताई गई थी। उन्होंने थाने जाकर केस दर्ज कराने की बात कही थी, लेकिन जब पीड़ित परिवार ने केस दर्ज कराने का प्रयास किया तो टाल दिया गया। इतने गंभीर मामले में पुलिस के लापरवाह रवैये से पीड़ित परिवार भी हैरान है।
———————

3 दिन तक तहरीर रखे थी लखनऊ के गाजीपुर पुलिस

पीड़िता के भाई ने बताया कि एक सितंबर को उन्होंने गाजीपुर थाने में तहरीर दी थी। पुलिस ने कहा था कि जांच करने के बाद कार्रवाई की जाएगी। तीन दिन तक तहरीर रखे रही।
—————–
अ​धिवक्ता एसएन दुबे ने बताया कि पीड़िता ऐसे मामलों की एफआईआर कहीं भी किसी भी थाने में दर्ज करवा सकती है।
——————————–

पीड़िता के भाई ने बताया कि बहन को झांसा देकर एंबुलेंस में आगे केबिन में बैठा लिया था। साथ में चालक का साथी भी बैठा था। वह मरीज के साथ पीछे बैठे थे। जब चालक व उसके साथियों ने महिला से छेड़‌छाड़ शुरू की तो काफी देर तक पीछे भाई को पता ही नहीं चला।

इस बीच आगे छटपटाने और हाथ पटकने की आवाज सुनाई दी। तव उसको एहसास हुआ कि बहन के साथ गलत हुआ, लेकिन वह पीछे बेबस बैठे चीखते चिल्लाते रहे। इसके बाद आरोपियों ने एंबुलेंस रोकी और सभी को धक्का देकर सड़क किनारे फेंक दिया।
———————
डीसीपी महिला अपराध (प्रभारी डीसीपी नॉर्थ) कमलेश दीक्षित ने बताया कि घटना जैसे ही मेरे संज्ञान में आई तत्काल एफआईआर दर्ज कराई गई है। जिस भी स्तर पर लापरवाही हुई होगी, जांच करवाकर कार्रवाई की जाएगी।
————————-

एसपी बस्ती गोपाल कृष्ण चौधरी ने बताया कि समाचार पत्रों से महिला से अभद्रता की घटना के बारे में जानकारी हुई। निजी एंबुलेंस से मरीज को लेकर लखनऊ से ले जाया जा रहा था। रास्ते में विवाद होने पर एंबुलेंस चालक ने उनको उतार दिया। सूचना पर पुलिस पहुंची थी। एंबुलेंस से सीएचसी ले जाया गया था। इस दौरान ऐसी घटना के बारे में न तो पुलिस से और न ही डॉक्टर से कुछ बताया गया। आरोपों की गहनता से जांच की जा रही है।

Back to top button