बस्ती जिले में फातिमा हॉस्पिटल एवं मैटरनिटी सेंटर का लाइसेंस निरस्त
बस्ती जिले में फातिमा हॉस्पिटल एवं मैटरनिटी सेंटर का लाइसेंस निरस्त
उप्र बस्ती शहर के कटरा-पतेलवा स्थित फातिमा हॉस्पिटल एवं मैटरनिटी सेंटर में गर्भवती की बच्चेदानी निकाल देने के मामले में अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की गई है। विभाग ने अस्पताल का लाइसेंस निरस्त कर दिया है।
बता दें कि जिस सर्जन की डिग्री अस्पताल में लगी थी, उसके इतर दूसरे डॉक्टर ने महिला का ऑपरेशन कर दिया गया था। इसको लेकर जांच टीम कई दिनों तक उलझी रही। सीएमओ कार्यालय के अनुसार अस्पताल के संचालक की ओर से दिए गए जवाब में स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया था। जिस सर्जन डॉ. महबूब आलम का ऑपरेशन करने का उल्लेख है वह अस्पताल के नहीं हैं। ऐसे में सीएमओ ने पुन संचालक शाहिद से यह जवाब मांगा था। फिर भी स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया। सभी बिंदुओं पर पुन जवाब मांगा गया था, बावजूद इसके अस्पताल संचालक गोलमाल जवाब देकर पल्ला झाड़ लिया था। लापरवाही उजागर होने और बच्चेदानी निकाल देने के प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए सीएमओ डॉ. आरएस दूबे ने अस्पताल का लाइसेंस निरस्त कर दिया।
बता दें कि जिस सर्जन की डिग्री अस्पताल में लगी थी, उसके इतर दूसरे डॉक्टर ने महिला का ऑपरेशन कर दिया गया था। इसको लेकर जांच टीम कई दिनों तक उलझी रही। सीएमओ कार्यालय के अनुसार अस्पताल के संचालक की ओर से दिए गए जवाब में स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया था। जिस सर्जन डॉ. महबूब आलम का ऑपरेशन करने का उल्लेख है वह अस्पताल के नहीं हैं। ऐसे में सीएमओ ने पुन संचालक शाहिद से यह जवाब मांगा था। फिर भी स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया। सभी बिंदुओं पर पुन जवाब मांगा गया था, बावजूद इसके अस्पताल संचालक गोलमाल जवाब देकर पल्ला झाड़ लिया था। लापरवाही उजागर होने और बच्चेदानी निकाल देने के प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए सीएमओ डॉ. आरएस दूबे ने अस्पताल का लाइसेंस निरस्त कर दिया।
यह है मामला
गनेशपुर के मेवालाल ने सीएमओ को पत्र देकर कहा था कि पत्नी रीता को आशा कार्यकर्ता की सलाह पर फातिमा हॉस्पिटल एवं मैटरनिटी सेंटर ले गए थे। आरोप है कि वहां डॉक्टर ने ऑपरेशन कर मृत बच्चे को बाहर तो निकाला, साथ ही बच्चेदानी भी निकाल दिए। जब उन्हें जानकारी हुई तो वह सीएमओ से शिकायत की। इस पर सीएमओ ने 17 अगस्त को डिप्टी सीएमओ डॉ. रणजीत सिंह, जनरल सर्जन डॉ. सुनील तिवारी और स्त्रत्त्ी रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रीति त्रिपाठी की टीम गठित कर रिपोर्ट मांगी थी। जांच टीम ने 13 बिंदुओं पर रिपोर्ट एकत्र की थी।
गनेशपुर के मेवालाल ने सीएमओ को पत्र देकर कहा था कि पत्नी रीता को आशा कार्यकर्ता की सलाह पर फातिमा हॉस्पिटल एवं मैटरनिटी सेंटर ले गए थे। आरोप है कि वहां डॉक्टर ने ऑपरेशन कर मृत बच्चे को बाहर तो निकाला, साथ ही बच्चेदानी भी निकाल दिए। जब उन्हें जानकारी हुई तो वह सीएमओ से शिकायत की। इस पर सीएमओ ने 17 अगस्त को डिप्टी सीएमओ डॉ. रणजीत सिंह, जनरल सर्जन डॉ. सुनील तिवारी और स्त्रत्त्ी रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रीति त्रिपाठी की टीम गठित कर रिपोर्ट मांगी थी। जांच टीम ने 13 बिंदुओं पर रिपोर्ट एकत्र की थी।