गोहत्या विरोधी कानून अब तक बन जाना चाहिए था, लेकिन नहीं बन पाया क्यों?: जगतगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती
आप पार्टियों का शपथपत्र देखकर ही दे वोट, जो गोहत्या बंद करेगा उसे ही देंगे वोट

गोहत्या विरोधी कानून अब तक बन जाना चाहिए था, लेकिन नहीं बन पाया क्यों?: जगतगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती
– आप पार्टियों का शपथपत्र देखकर ही दे वोट, जो गोहत्या बंद करेगा उसे ही देंगे वोट
अशोक झा, सिलीगुड़ी: गायों को ‘राष्ट्र माता’ के रूप में मान्यता देने की वकालत करने के लिए जगद्गुरु शंकराचार्य महाराज ने गंगटोक, सिक्किम का दौरे पर है। अपनी यात्रा के दौरान, उन्होंने भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता में गायों के महत्व पर जोर देने के लिए ठाकुरबाड़ी मंदिर में ‘गौ ध्वज’ फहराया। जगतगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती सिक्किम पहुंच कर गौ हत्या को रोकने के लिए एक कठोर कानून बनाने की बात कही।
गौध्वज स्थापना भारत यात्रा” को पूरे भारत में विभिन्न समुदायों के बीच आध्यात्मिक जागृति और एकता को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह प्राचीन आध्यात्मिक प्रथाओं, दर्शन और भारतीय संस्कृति की समृद्धि के बारे में ज्ञान को पुनर्जीवित और फैलाकर सनातन धर्म की जड़ों को मजबूत करने के मिशन का प्रतीक है।इस दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर भी जुबानी हमला किया। उन्होंने कहा कि गौ रक्षा को लेकर कानून बने, इसको लेकर हम लोगों ने कई राजनीतिक दलों को जिताया लेकिन अब तक किसी ने भी कानून नहीं बनाया। उन्होंने कहा कि गोहत्या विरोधी कानून अब तक बन जाना चाहिए था, लेकिन नहीं बन पाया। जगतगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती गौ रक्षा आंदोलन को लेकर देश भर में भ्रमण कर रहे हैं।भाजपा पर साधा निशाना : जगतगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भाजपा पर जमकर बोले। उन्होंने कहा कि जो सबसे ज्यादा गौ रक्षा की बात करते थे, आज वही बीफ का निर्यात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब मैं इस आंदोलन को लेकर देश भ्रमण के लिए निकला तो मुझे लगा कि मेरा सबसे पहले विरोध मुसलमान करेंगे लेकिन हमारा विरोध भारतीय जनता पार्टी ने किया। उन्होंने मुझे नागालैंड नहीं जाने दिया। कहा कि आप नागालैंड नहीं जा सकते। जगतगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में एक केंद्रीय मंत्री थे मुख्तार अब्बास नकवी। उन्होंने कहा कि जिसे गौ मांस खाना है उसे पाकिस्तान चल जाना चाहिए लेकिन वहीं एक दूसरे भाजपा के ही नेता केंद्रीय मंत्री ने मुख्तार अब्बास नकवी के बयानों का विरोध किया। मुख्तार आवास नकवी को केंद्रीय मंत्री से हटा दिया गया लेकिन जिन्होंने मुख्तार अब्बास नकवी के बयानों का विरोध किया था, उसे अभी भी केंद्रीय मंत्री बना कर रखा गया है। जगतगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने आमजन से अपील की कि आप किसी भी दल को वोट दें तो उसके शपथ पत्र को जरूर देखें कि वह गौ रक्षा को लेकर कानून बनवाएगा कि नहीं। उन्होंने साफ़ तौर पर कहा कि यदि असदुद्दीन ओवैसी भी हमें शपथ दे कि हम गौ रक्षा को लेकर कानून बनवाएंगे तो हम उसे भी वोट देंगे।अविमुक्तेश्वरानंद ने आगे कहा कि अब समय आ गया है कि हर हिंदू गौमाता के प्राण और उनकी प्रतिष्ठा को बचाने का लिए गोमतदाता बने क्योंकि जिन पार्टियों एवं नेताओं के भरोसे हम आजादी के 78 साल रहे उन्होंने हमारे भरोसे को तोड़ दिया है। अब मतदाताओं को कमर कसनी होगी और उसी पार्टी, प्रत्याशी को मतदान का संकल्प लेना होगा। जो गौमाता के प्राण और प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए शपथ पूर्वक घोषणा कर चुका हो। मंदिरों की चढोत्तरी से मंदिरों में विराजमान देवता की सेवा से बचे पैसों से लोक कल्याण के कार्य होने उचित हैं। उनमें सबसे पहले; जैसे घर में पहली रोटी गाय की होती है। वैसे ही पहली सेवा गाय की होनी चाहिए। हर मंदिर की गौशाला होगी। तो ना केवल आस-पास के लोगों को रोजगार मिलेगा, अपितु शुद्ध दूध, घी आदि भी मिलेगा। उनके गोबर गोमूत्र आदि से उगाए गये शुद्ध अनाज से लोगों का स्वास्थ्य भी ठीक होगा। तिरुपति मंदिर को इसकी पहल करनी चाहिए और आगे से अपनी गौशाला के घी से ही भगवान के नैवेद्य का लड्डू बनाना चाहिए। उन्हाेंने कहा कि हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि हमारा यह गौ प्रतिषठा आन्दोलन गाय नाम से प्रचलित सभी जानवरों-मवेशियों के लिए नहीं है। बल्कि केवल उन गायों के लिए है। जो शत-प्रतिशत शुद्ध देसी नस्ल की हैं और संकरी कृत नहीं है। उन्हें ही वेदलक्षणा, देसी शुद्ध नस्ल कहा जाता है जिन्हें हमने रामा नाम दिया है। एक सवाल के जवाब में शंकराचार्य ने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि की प्राप्ति हम हिन्दुओं के पराक्रम और देवसमर्पण की वह गाथा है, जो सदियों तक गाई जाएगी। अभी सबका सम्मान नहीं हुआ है। अतः इस विषय पर अनुसंधान करने के अनन्तर हम पुनः अयोध्या आएंगे। सबका यथोचित सम्मान कर कृतकृत्यता का अनुभव करेंगे। अभी हमारे बीच में सन्तोष दुबे हैं, जिन्होंने प्रण किया था कि जब तक भगवान का घर नहीं बनता। हम अपना घर नहीं बनाएंगे। हम इनसे कह रहे हैं कि अब अपना घर बनवाना शुरू करें क्योंकि राम जी का घर बनना आरंभ हो चुका है। इसके लिए शुरुआती कुछ राशि भी शुभ के रूप में इनको देकर जाएंगे।