विहिप के मंदिरों को सरकारी नियंत्रण मुक्त करो के नारों से गूंजा शहर
कहा, क्यों हमेशा देश में सनातन के खिलाफ होती है साजिश
अशोक झा, सिलीगुड़ी: हिंदू आस्था के प्रमुख मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने, प्रसाद में मिलावट करने वालों पर सख्त काइवाई ओर मंदिर कमेटी में गैर हिंदुओं को हटाने की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद की ओर से शुक्रवार की शाम रैली निकाल एसडीओ के माध्यम से राष्ट्रपति को मांगपत्र सौपा । तेज बारिश के बीच रैली में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और पदाधिकारी मौजूद थे। इस मौके पर इस संबंध में विश्व हिंदू परिषद के जिला उपाध्यक्ष सह प्रवक्ता सुशील रामपुरिया ने बताया कि अभी हाल ही में तिरुपति बालाजी के प्रसाद लड्डू में चर्बी और कुछ मछली के तेल मिलाने की शिकायत पाई गई थी जो अत्यंत दुखद है वास्तव में हिंदू आस्था पर जो सरकारी नियंत्रण है। इसी की वजह से सारी घटनाएं संभव हो पा रही हैं। उन्होंने बताया कि सरकारी नियंत्रण के नाते मंदिरों में प्रसाद और अन्य सामग्रियों में विभिन्न तरह की मिलावटें कर हिंदू अस्थाओं को चोट पहुंचा जा रहा है। सरकारी नियंत्रण के चलते ही हिंदू आस्था के केंद्रों से प्राप्त धन का व्यापक दुरुपयोग हो रहा है। विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने सरकार से मांग की है कि हमारे हिंदू आस्था के केंद्रों पर सरकारी नियंत्रण को समाप्त कर हिंदुओं को सौप दिया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि हिंदुओं पर सरकारी नियंत्रण वास्तव में संविधान की मूल भावना की विपरीत है। यह केवल उसी का दुरुपयोग करके हिंदुओं के प्रमुख मंदिरों पर सरकार अपना नियंत्रण स्थापित कर रही है जबकि अन्य धर्म के धार्मिक स्थल पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं रहता है इसी के चलते हमारे हिंदू मंदिरों पर तमाम तरह की दिक्कतें उत्पन्न हो रही है और यहां से प्राप्त आय को हिंदुओं के उत्थान एवं कार्यों के लिए खर्च न करके सरकारी विधर्मियों के उत्थान एवं उनके कार्य के लिए खर्च कर रही है। इस संबंध में विश्व हिंदू परिषद प्रांत सचिव लक्षण बंसल, प्रदेश संगठन मंत्री अनूप मंडल और विभाग सचिव राकेश अग्रवाल ने बताया की आजादी के 77 वर्ष बाद भी सरकारों का हिंदू धर्म स्थलों पर नियंत्रण कहीं से उचित नहीं है और यह संविधान की मूल भावना के भी विपरीत है उन्होंने सरकार से मांग की है कि देश के सभी प्रमुख हिंदू धर्म स्थलों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर हिंदुओं को सौप जाए। कई अन्य राज्य सरकारें भी मंदिरों की संपत्ति व आय का निरंतर दुरुपयोग करती रहती हैं तथा उनका उपयोग गैर हिंदू और हिंदू विरोधी कार्यो में करती रही है। देश में संविधान के सर्वोपरि होने की दुहाई बार-बार दी जाती है परंतु दुर्भाग्य से हिंदुओं की आस्थाओं के केंद्र मंदिरों पर विभिन्न सरकारें अपना नियंत्रण स्थापित कर हिंदुओं की भावनाओं के साथ सबसे घृणित धोखाधड़ी संविधान की आड़ में ही कर रही हैं। जो सरकारें संविधान की रक्षा के लिए निर्माण की जाती हैं वे ही संविधान की आत्मा की धज्जियां उड़ा रही है। अपने निहित स्वार्थ के कारण मंदिरों का अधिग्रहण कर वे संविधान की धारा 12, 25 व 26 का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन कर रही हैं। जिला सचिव किशन अग्रवाल , पल्लव दे, मृणाल सेन और बुबाई नश्कर ने कहा की पिछले कुछ सालों में हिंदू संगठनों की ओर से यह मांग जोर-शोर से उठाई गई है कि हिंदू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त किया जाए। हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों ने कहा है कि सरकारी नियंत्रण में मंदिरों की पवित्रता और शुद्धता को बनाए रखना असंभव हो गया है।कार्यक्रम में विधायक शंकर घोष समेत विश्व हिंदू परिषद के प्रांत एवं विभाग के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।