महाराजा अग्रसेन के उपदेशों की जड़ पर प्रहार है अग्रवाल समाज का अलग-अलग संगठन

वर्चस्व की लड़ाई के लिए समाज दी भागों में हो रहा विभाजित

अशोक झा, सिलीगुड़ी: पूर्वोत्तर के प्रवेशद्वार सिलीगुड़ी में आज जहां महाराजा अग्रसेन की जन्मजयंती मनाई जा रही है। वही हर तरफ सिलीगुड़ी में अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन और अंतरराष्ट्रीय अग्रवाल मंच की हो रही है। आज यानि 3 अक्तूबर को अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन की ओर से जन्म जयंती मनाई जा रही है इसका नेतृत्व कर रहे है गौरी गोयल। वही इस संगठन के अध्यक्ष हरेंद्र लोहिया को दूध की मक्खी की तरह निकाल दिए जाने के बाद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय अग्रवाल मंच का गठन कर 6 अक्तूबर को समाज से जुड़े आइकॉन को सम्मानित करने के लिए जोड़ शोर से तैयारी कर दी है। इसमें आइकॉन के लिए जिन लोगो का चयन कर रहे है वह समाज के अग्र समाज के ध्वजवाहक माने जाते है। आइकॉन सम्मान में जहां एक ओर उत्तर दिनाजपुर के टीएमसी जिलाध्यक्ष सह पूर्व विधायक कन्हैया अग्रवाल तो भाजपा के राज्य कोषाध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल को एक मंच पर ला रहे है। समाज के अंदर चर्चा है की वह कौन व्यक्ति है उसके कारण सिलीगुड़ी मर्चेंट एसोसिएसन दो भागों में विभक्त हो गया। चुनाव में लगातार आमने सामने यह दोनो ग्रुप होता है। आज पुणे से द्वारिका प्रसाद जालान समाज को एक जुटता का संदेश देने सिलीगुड़ी पहुंच रहे है। महाराजा अग्रसेन ने समाज में एकता और सद्भाव का उपदेश दिया था। यही कारण है कि मुख्य रूप से उनके अनुयायी एकजुट होकर अग्रसेन जयंती के दिन गरीबों में मुफ्त भोजन और दवाईं बाटंते हैं। महाराजा अग्रसेन के सम्मान में भारत सरकार ने 1976 में उनकी 5100वीं जयंती पर एक डाक टिकट भी जारी किया था। लेकिन आज अपने वर्चस्व की लड़ाई में क्यों समाज में टकराव और विभाजन का संदेश दे रहे है। इसे रोकने के लिए अहम की लड़ाई को बंद करना होगा।

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