आरएसएस ने 16000 बैठकें कर हरियाणा में कांग्रेस को किया चित्त

यही कारण रहा की शोर रहा कम परंतु परिणाम चौकाने वाले

अशोक झा, नई दिल्ली हरियाणा विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आज यानी 8 अक्टूबर की शाम तक साफ हो जाएगा। इससे पहले अभी तक के रुझानों में भारतीय जनता पार्टी को 48 और कांग्रेस को 37 सीटें आ रही है। यही कारण है की हरियाणा में भाजपा की सरकार बनती दिख रही है है।कांग्रेस के प्रवक्ता और मीडिया सेल के प्रमुख पवन खेड़ा ने हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के शुरुआती रुझानों को देखने के बाद अपनी प्रतिक्रिया दी है। पवन खेड़ा ने कहा है कि वे पीएम मोदी को जलेबी भेजेंगे। उन्होंने कहा, “हमें पूरा भरोसा है कि आज दिन भर हमें लड्डू और जलेबी खाने को मिलेगी, प्रधानमंत्री मोदी को भी जलेबी भेजने वाले हैं। कहा कि हमें पूरा भरोसा है कि जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में हम बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रहे हैं। लेकिन हुआ ठीक उलट। रुझानों में बीजेपी बहुमत का आंकड़ा पार कर चुकी है। लोकसभा चुनाव में बीजेपी हरियाणा में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाई थी, जिस वजह से यह विधानसभा का चुनाव उनके लिए नाक की लड़ाई बन गई थी। जमीनी स्तर पर काम कर रही थी यही कारण है भाजपा की जीत से कांग्रेस विधानसभा चुनाव में चारों खाने चित्त हो गई।सुबह से जलेबी बांटने वाली कांग्रेस को भाजपा वाले लड्डू खिलाने देखे जा रहे है। शुरुआती रुझानों में भारतीय जनता पार्टी हरियाणा को अगर बढ़ता मिलता नजर आ रहा है तो इसके पीछे आरएसएस की कड़ी मेहनत हैं। आरएसएस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी थी। एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र, गृह मंत्री अमित शाह से लेकर बीजेपी के तमाम दिग्गज ताबड़तोड़ रैली कर लोगों को संबोधित कर रहे थे तो वहीं आरएसएस जमीनी स्तर पर काम कर रही थी।आरएसएस ने की 16000 सभाएं:
पिछले चार महीनों में आरएसएस ने हरियाणा में 16 हजार छोटी-छोटी सभाएं की, जिसने गैर-जाट मतदाताओं को जीतने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए इस बार आरएसएस ने अपने पारंपरिक तरीके से काम शुरू शुरू किया था। इस बार संघ के कार्यकर्ता लोगों के घर-घर जाने के साथ-साथ सार्वजनिक स्थलों पर भी केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों के बारे में लोगों को बता रही थी। आरएसएस उन तमाम सीटों का दौरा किया, जहां बीजेपी कमजोर नजर आ रही थी।विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी और आरएसएस के बीच कई बैठकें भी हुई थीं, जिसमें उम्मीदवारों के चयन से लेकर बूथ स्तर के प्रबंधन पर चर्चा हुई थी। आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार (5 अक्टूबर 2024) को हिंदू समाज से एकजुट होकर आपस में मतभेद और विवाद मिटाने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा था कि हिंदू समाज को भाषा, जाति और प्रांत के मतभेद और विवाद मिटाकर अपनी सुरक्षा के लिए एकजुट होना होगा। जलेबी छनना बंद, लड्डू का भी हुआ जिक्र, जुलाना सीट पर विनेश फोगाट के आगे-पीछे होने पर सोशल मीडिया कैसे कर रहा रिएक्ट?

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