अनशन पर बैठे एक और डॉक्टर की तबियत बिगड़ी, आउटडोर बंद रहने से रोगियों को हो रही परेशानी

अशोक झा, कोलकाता: लगातार 10वे दिन धर्मतला में सात दिन से अनशन पर बैठे जूनियर डॉक्टर पुलस्त्य आचार्य की हालत गंभीर है। एनआरएस मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉक्टर जॉयदीप देब ने सोमवार सुबह बताया कि लगातार अनशन के कारण उनकी मानसिक स्थिति प्रभावित हुई है।जॉयदीप ने बताया कि पुलस्त्य के शरीर में सोडियम, पोटैशियम और एसिड-बेस संतुलन में गड़बड़ी पाई गई है। जिससे उनकी स्थिति गंभीर हो गई। लंबे समय तक भोजन न करने के कारण उनके शरीर में पानी की कमी भी हो गई है। अभी उन्हें सलाइन दिया जा रहा है। जांच की जा रही है। उनकी हालत स्थिर है, लेकिन संकट पूरी तरह टला नहीं है। एनआरएस मेडिकल कॉलेज में पुलस्त्य की देखरेख के लिए पांच सदस्यीय मेडिकल टीम बनाई गई है। इस टीम में जनरल मेडिसिन, चेस्ट, कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजी और एनेस्थेसिया विभाग के विशेषज्ञ शामिल हैं। यही टीम उनकी स्थिति पर लगातार नजर रख रही है। पुलस्त्य आचार्य एनआरएस मेडिकल कॉलेज के एनेस्थेसिया विभाग में पहले वर्ष के छात्र हैं। वो पांच अक्टूबर से धर्मतला में अन्य पांच जूनियर डॉक्टरों के साथ अनशन पर बैठे थे।इस बीच पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के संघ ने 14 अक्टूबर यानी आज से देशव्यारी हड़ताल की घोषणा की है। अखिल भारतीय चिकित्सा संघों के महासंघ (FAIMA) ने कहा है कि वह पश्चिम बंगाल में अपने सहकर्मियों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए 14 अक्टूबर से देशभर में वैकल्पिक चिकित्सा सेवाओं आउटडोर का बहिष्कार करेगा. जूनियर डॉक्टर करीब दो महीने पहले कोलकाता के सरकारी आर. जी.कर चिकित्सा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या के मामले में न्याय सहित अन्य मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं।आमरण अनशन पर बैठे डॉक्टरों की तबियत बिगड़ी
पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग को लेकर कई डॉक्टर्स पिछले 10 दिनों से कोलकाता और सिलीगुड़ी शहर में ‘आमरण अनशन’ कर रहे हैं. इस दौरान आमरण अनशन पर बैठे तीन डॉक्टरों की हालत ज्यादा बिगड़ गई है, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है. FAIMA के मुताबिक, आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के करीब 50 वरिष्ठ डॉक्टरों और संकाय सदस्यों ने जूनियर डॉक्टरों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है।आज से हड़ताल का ऐलान:
अखिल भारतीय चिकित्सा संघ के महासंघ ने रविवार को राष्ट्रव्यापी चिकित्सा संघों और रेजिडेंट डॉक्टरों से पश्चिम बंगाल में प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों के समर्थन में 14 अक्टूबर से वैकल्पिक सेवाओं का बहिष्कार करने का आह्वान किया है. सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा गया, ‘हम पश्चिम बंगाल और पूरे देश में सभी स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए कार्रवाई और सुरक्षा की मांग करते हैं. विस्तृत विचार-विमर्श के बाद, हमने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि राष्ट्रीय स्तर पर एकजुट होने का समय आ गया है. हमने पिछले पत्र में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को आंदोलन को लेकर अल्टीमेटम दिया था, लेकिन कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं देखी गई. हमें देश भर के सभी आरडीए और मेडिकल एसोसिएशन से अनुरोध करना पड़ा कि वे सोमवार से देश भर में वैकल्पिक सेवाओं को बंद करने के हमारे आह्वान में हमारा साथ दें।इस बीच भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने कहा कि देशभर में, आईएमए जूनियर डॉक्टर्स नेटवर्क (जेडीएन) मंगलवार सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक भूख हड़ताल करेंगे. आईएमए ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से उनकी मांगें मानने की अपील करते हुए कहा कि युवा डॉक्टर अपनी वैध मांगों के लिए मौत से लड़ रहे हैं.

क्या है डॉक्टरों की मांग?
-अस्पतालों के लिए एक सेंट्रलाइज्ड रेफरल सिस्टम बने.
– स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम को तत्काल हटाया जाए.
– कार्यस्थलों पर उचित सुविधाएं सुनिश्चित करना और अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा बढ़ाई जाए और टास्क फोर्स का गठन किया जाए.
– बेड वैकेंसी मॉनीटरिंग सिस्टम लागू किया जाए और अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा बढ़ाई जाए.
– स्थायी महिला पुलिस कर्मियों की भर्ती और डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के रिक्त पदों को तेजी से भरने की भी मांग.

कल्याणी अस्पताल के डॉक्टरों ने दी सामूहिक इस्तीफे की धमकी
वहीं, आरजी कर अस्पताल के पीड़ित के लिए न्याय की मांग कर रहे कल्याणी जेएनएम अस्पताल के 75 से अधिक वरिष्ठ डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफे की धमकी दी है. इन डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठे जूनियर डॉक्टरों का समर्थन करते हुए उनके साथ एकजुटता व्यक्त की है. मेडिकल फैसिलिटी के कुल 77 डॉक्टरों ने 14 अक्टूबर से काम बंद करने के अपने फैसले के बारे में ईमेल के माध्यम से पश्चिम बंगाल हेल्थ यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार को सूचित कर दिया है.

डॉक्टरों के समर्थन में बीजेपी
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों का पूरा समर्थन करने का वादा करते हुए आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार 16 सितंबर को चिकित्सा प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति में हुई बैठक के दौरान बनी सहमति से पीछे हट रही है.

मजूमदार ने बयान में कहा, ‘भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कनिष्ठ चिकित्सकों को अपना पूरा समर्थन देती है. आर. जी. कर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में महिला चिकित्सक के साथ हुए जघन्य दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या के बाद प्रदर्शनकारी चिकित्सकों की मांगें जायज हैं और उन्हें पूरा किया जाना चाहिए।
साथ ही अपनी मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठे जूनियर डॉक्टरों के प्रति एकजुटता व्यक्त की है।जेएनएम के कुल 77 चिकित्सकों ने सोमवार से काम बंद करने के अपने फैसले के बारे में पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विश्वविद्यालय को ईमेल से सूचित किया है। उन्होंने इस कदम के पीछे मानसिक अशांति और वर्तमान हालात में काम करने में असमर्थता को वजह बताई है। उन्होंने चिकित्सकों के मुद्दे हल करने के लिए राज्य सरकार की ओर से स्पष्ट प्रयास की कमी पर भी चिंता व्यक्त की। राज्य सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों के कई चिकित्सकों ने पिछले कुछ दिनों में इन मुद्दों को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार को सामूहिक इस्तीफा पत्र सौंपा है।जूनियर डॉक्टरों की नौवें दिन भूख हड़ताल जारीकोलकाता, एजेंसी। आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर से दरिंदगी की घटना के बाद अपनी मांगों को लेकर पश्चिम बंगाल के जूनियर चिकित्सकों का आमरण अनशन रविवार को नौवें दिन भी जारी रहा। इस बीच, राज्य के विभिन्न हिस्सों में लोग अनशनकारियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए सांकेतिक उपवास कर रहे हैं। कोलकाता और सिलीगुड़ी शहर में आमरण अनशन कर रहे जूनियर चिकित्सकों में से अब तक तीन को हालत बिगड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टर्स फोरम के एक नेता ने कहा कि उनकी स्थिति खराब होती जा रही है, लेकिन राज्य प्रशासन बेपरवाह बना हुआ है। इस बीच भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई ने रविवार को एक बयान जारी करके राज्य में जारी कनिष्ठ चिकित्सकों के विरोध प्रदर्शन को समर्थन देने की घोषणा की और पार्टी कार्यकर्ताओं से इस प्रदर्शन में शामिल होने का आह्वान किया।अस्पताल में भीड़ ने युवक को पीटाकोलकाता, एजेंसी। स्थानीय एसएसकेएम अस्पताल के ट्रामा में पहुंचने के बाद एक युवक को कुछ लोगों ने हमला कर घायल कर दिया। यह घटना तब हुई जब उसके पास ही जूनियर डॉक्टरों का एक समूह आरजी कर अस्पताल प्रकरण को लेकर सरकारी चिकित्सा केंद्रों में कड़े सुरक्षा उपायों समेत 10 सूत्री मांगों पर दबाव बनाने के लिए आमरन अनशन पर बैठा है। एसएसकेएम अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि युवक कुछ दोस्तों के साथ ट्रामा सेंटर आया था और वहां पर करीब 15 लोगों ने मारपीट कर उसे घायल कर दिया। कोलकाता पुलिस का दावा है कि वह युवक एक गिरोह का सदस्य है और प्रतिद्वंद्वी गिरोह ने उस पर हमला किया। इस घटना के बाद वहां पर चिकित्सकों ने सुरक्षा की मांग को लेकर फिर से आंदोलन शुरू कर दिया है।

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