क्यों दिया गया अनमोल उपहार “दाना”नाम चक्रवात को लेकर अलर्ट मोड में शासन पर प्रशासन
अशोक झा, कोलकाता: बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है और 23 अक्टूबर तक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक यह तूफान 24 अक्टूबर को ओडिशा और पश्चिम बंगाल से सटे तटों पर पहुंच जाएगा जिससे दोनों राज्यों में तीन दिनों तक भारी बारिश हो सकती है। बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना निम्न दबाव अब चक्रवाती तूफान ‘दाना’ में तब्दील हो गया है। इसके बाद ओडिशा सरकार ने तटीय इलाकों से लोगों को निकालने का काम तेज कर दिया है।ओडिशा के भद्रक, बालासोर, जाजपुर, केंद्रपाड़ा, कटक, जगतसिंहपुर, रायगड़ा, गजपति, गंजम, कंधमाल, नयागढ़, खुदरा के लिए अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, मौसम विभाग ने यह भी कहा है कि 23, 24 और 25 अक्टूबर को कोलकाता, हावड़ा, हुगली, उत्तर 24 परगना, पुरुलिया और बांकुरा जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।14 जिलों के संवेदनशील इलाकों में 288 बचाव दल तैनात किए हैं।सभी कॉलेज और आईटीआई सामान्य रूप से काम करेंगे। जगदीश ने यह भी कहा कि दुर्घटनाओं से बचने के लिए कॉलेजों को यह निर्देश दिया गया है कि वे जर्जर और कमजोर इमारतों का इस्तेमाल कक्षाएं आयोजित करने के लिए न करें। उन्होंने अभिभावकों और कॉलेज प्रबंधन से यह सुनिश्चित करने को कहा कि छात्र निचले इलाकों में न जाएं जहां पानी भरा हो। उपायुक्त ने कहा कि कॉलेज अधिकारियों को छात्रों को प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के बारे में जानकारी देनी चाहिए।भारत मौसम विज्ञान विभाग का कहना है कि जिस वक्त यह तूफान तट से टकराएगा उस वक्त इसकी रफ्तार 120-130 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है. इस चक्रवाती तूफान की वजह से ओडिशा और बंगाल में तेज हवाएं चलेंगी और भारी बारिश होगी।मौसम विभाग के ताजा अपडेट के अनुसार 24 से 26 अक्टूबर तक इस चक्रवात के प्रभाव से ओडिशा, बंगाल, बिहार, झारखंड और तटीय इलाकों में भारी बारिश हो सकती है। बंगाल और ओडिशा के लिए मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है। बंगाल की खाड़ी और और अरब सागर में अक्सर चक्रवाती तूफान बनता रहता है, जिसके प्रभाव से तटीय इलाकों में काफी नुकसान भी सहना पड़ता है। कैसे बनता है समुद्र में चक्रवाती तूफान?: कैसे बनता है तबाही मचाने वाला चक्रवाती तूफान? चक्रवाती तूफान भारत और इसके आसपास के इलाकों में तूफान के नाम से जाना जाता है, जबकि अमेरिका जैसे देशों में इसे टाइफून कहा जाता है. चक्रवाती तूफान दरअसल समुद्र में आने वाला तूफान है और यह तब आता है जब समुद्र का पानी गर्म हो जाता है और गर्म हवा ऊपर उठने लगती है. समुद्र की सतह पर जब गर्म हवाएं जमा हो जाती है तो वह चक्रवाती तूफान का कारण बनती है. हवा जब गर्म हो जाती है तो कम दबाव का क्षेत्र बनाता है. गर्म हवा ऊपर जाती है और जिसकी वजह से वहां बादलों का निर्माण होता है और गर्म हवा की जगह को भरने के लिए ठंडी हवा नीचे की ओर आती है. जब यह चक्र तेजी से चलता है तो बिजली चमकती है और तेज हवा के साथ बारिश होती है. हवाओं के घूमने का चक्र कई बार हजारों किलोमीटर तक का होता है. हवाओं के घूमने का यह चक्र इतनी तेजी से चलता है कि एक गोलाकार बनता है जिसके केंद्र में कम दबाव का क्षेत्र रहता है।चक्रवाती तूफान का नाम दाना किसने दिया?:
चक्रवाती तूफानों के नामकरण की जिम्मेदारी विश्व मौसम विज्ञान संगठन की है. बंगाल की खाड़ी में बने दाना चक्रवात का नाम सऊदी अरब ने किया है. दाना नाम अरबी भाषा से लिया गया है जिसका हिंदी में अर्थ है अनमोल उपहार या उदारता. चक्रवातों का नामकरण इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए किया जाता है. साथ ही इससे चेतावनी जारी करने और उसके बारे में लोगों को बताने में भी आसानी होती है. 2004 से चक्रवाती तूफानों को नाम देने की परंपरा शुरू हुई है उस वक्त आठ देश इस पैनल में शामिल थे, आगे चलकर इसमें पांच और देश जुड़ गए हैं जो बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में उठने वाले चक्रवातों का नामकरण करते हैं. यहां शर्त यह है कि नाम रिपीट नहीं किए जाएंगे और हर बार तूफान का नाम अलग होगा।दाना का क्या होगा असर?: चक्रवाती तूफान दाना के भयंकर रूप को देखते हुए मौसम विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है. बंगाल और ओडिशा में स्कूलों को बंद कर दिया गया है और कई ट्रेनें भी रद्द कर दी गई हैं. चक्रवात के प्रभाव से भारी बारिश होगी इसलिए मौसम विभाग ने रेड, आॅरेंज और येलो अलर्ट जारी कर दिया है. बंगाल और ओडिशा के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है, जहां खतरा सबसे अधिक है. मछुआरों को समुद्र में ना जाने की सलाह दी गई है साथ ही आम लोगों को भी सावधानी बरतने और घर पर रहने की सलाह दी गई है. एनडीआरएफ की टीम भी मुस्तैद है।