Basti News: रिंग रोड बनना शुरू अब बदलेगी बस्ती की तस्वीर

Basti News: रिंग रोड बनना शुरू अब बदलेगी बस्ती की तस्वीर

उप्र बस्ती जिले के सदर तहसील के 54 गांवों से होकर लगभग दो सौ गांवों की तस्वीर बदलने वाली है।रिंग रोड बनाने के लिए तीन पोकलैंड मशीन बरवनिया से कुआनो नदी के निकट राजाजोत गांव तक लगभग चार किमी तक बस्ती रिंगरोड के लिए प्रस्तावित भूमि पर मार्किंग का कार्य शुरू हो गया है। ग्रामीणों में चर्चा का विषय बना हुआ है। कि उनके गांव में महानगरों जैसी चमचमाती हुई फोरलेन सड़क बनने की उम्मीद जग गई है। सबकुछ ठीक रहा तो दिसंबर तक यहां सड़क निर्माण की और तेज हो जायेगा। जिससे बस्ती की तस्वीर बदल जायेगी।
आठ साल से बस्ती रिंगरोड बनाने का दावा अब सच में तब्दील हो रहा है। प्रथम फेज की 22.5 किमी लंबी सड़क के लिए निर्माण टीम धरातल पर उतरने लगी है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राज्यमार्ग मंत्रालय (मोर्थ) खुद रिंगरोड निर्माण का जिम्मा संभाल रखा है। पहले चरण में 54 गांवों में 111 हेक्टेयर भूमि सड़क के लिए अधिग्रहित की जा रही है। 70 प्रतिशत मुआवजे का वितरण होते ही निर्माण की प्रारंभिक प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अधिकृत निर्माण कंपनी की टीम के साथ लैंड मार्किंग का कार्य शुरू करा दिया गया है। बरवनिया से बख्शर होते हुए कुआनो नदी के निकट राजाजोत तक चार किमी के दूरी में तीन पोकलैंड मशीनें अधिग्रहित जमीनों में खोदाई का कार्य शुरू कर दी है। वहीं कटया से बरवनिया तक अधिकांश खेतों में गन्ने की फसल तैयार है। इसलिए यहां फसल कटाई के बाद लैंड मार्किंग का कार्य कराया जाएगा। निर्माण एजेंसी का दावा है कि अगले एक से दो दिन के भीतर कुआनो नदी के पार भी खेतों में पोकलैंड मशीन उतार दी जाएगी। इनकी संख्या से तीन से बढ़कर 6 से 7 हो जाएंगी। ताकि दसकोलवा, छितही नरसिंह, बायपोखर आदि गांव होते हुए गोरखपुर- लखनऊ हाईवे तक लगभग 11 किमी की दूरी में लैंड मार्किंग का कार्य पूरा कर लिया जाए। जिससे सड़क निर्माण में फिर कोई व्यवधान न आए।

रिंग रोड बनाने के लिए पहले हो चुका चिन्हाकन

रिंगरोड के प्रस्तावित जमीनों की पिलरिंग पहले से हो चुकी है। अधिग्रहण प्रक्रिया काफी हद तक पूरा होने के बाद पिलरिंग करके चिह्नित स्थलों की खोदाई करवाई जा रही है। कुछ विवादित जमीनों पर मुआवजा न मिलने की वजह से अड़चनें आ रही है लेकिन, प्रशासन का तर्क है कि सड़क निर्माण अब नहीं रोका जा सकता है। विवादित जमीनों का मुआवजा तब तक रोके रखा जाएगा जब तक कि न्यायालय का फैसला किसी के पक्ष में नहीं आएगा। इस आधार पर किसानों को समझाया जा रहा है।

रिंग रोड पर दर्जन स्थलों पर बनेगा ब्रिज
रिंगरोड निर्माण के दौरान कुआनो नदी समेत उन आधा दर्जन स्थलों पर ब्रिज का भी निर्माण होगा जहां प्रमुख सड़क एवं रेलवे लाइन की क्राॅसिंग पड़ रही है। बस्ती- महुली मार्ग पर दसकोलवा के निकट, बस्ती- कांटे मार्ग पर बायपोखर एवं रेलवे लाइन तथा गोरखपुर- लखनऊ हाईवे पर रिंगरोड की क्रॉसिंग के लिए ओवरब्रिज या अंडर पास बनाना होगा।

कटया में बनेगा टोल प्लाजा

रिंगरोड सड़क पर टोल वसूली भी होगी। इसके लिए कटया गांव में टोल प्लाजा का निर्माण होना प्रस्तावित है। यहां 60 मीटर चौड़ी जमीन अधिग्रहित की जा रही है। प्रथम फेज का रिंग रोड बनाने के लिए 22.5 किमी लंबाई में 111 हेक्टेयर क्षेत्रफल की भूमि जरूरी है। इसमें 22 मीटर चौड़ी फोरलेन सड़क बनेेगी। सड़क के दोनों तरफ 11.5- 11.5 मीटर जमीन खाली छोड़ी जाएगी। जहां ओवरब्रिज या अंडरपास की जरूरत है वहां 60 मीटर जमीन अधिग्रहित की जा रही है। जमीनों के मुआवजा समेत सड़क की कुल लागत 1138.32 करोड़ रुपये निर्धारित है।

आठ साल पहले हुई थी घोषणा

पूर्व सांसद हरीश द्विवेदी की पहल पर वर्ष 2015 में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने यहां कलवारी में जनसभा के दौरान शहर के चारों तरफ रिंग रोड बनाए जाने की घोषणा की थी। इस प्रस्ताव को 2023 में स्वीकृति मिली। इसी साल केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने इस सड़क का शिलान्यास भी किया था। इसी के बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू हुई।

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रिंगरोड निर्माण के लिए लैंड मार्किंग का कार्य शुरू हो गया है। मुआवजा का वितरण भी तेजी से किया जा रहा है। उम्मीद हैं कि अगले एक महीने में शतप्रतिशत मुआवजा वितरित कर दिया जाएगा। मनोज प्रकाश, प्रभारी भूमि आधिपत्य अधिकारी/ एसडीएम।

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