सर सुंदरलाल अस्पताल में अनियमितता एवं एम्स बनाने हेतु नवनिर्मित हाईराइज बिल्डिंग निर्माण को लेकर आईएमएस निदेशक को ज्ञापन

वाराणसी।  बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के सर सुंदरलाल अस्पताल में अनियमितता एवं एम्स बनाने हेतु नवनिर्मित हाईराइज बिल्डिंग निर्माण के संबंध में समाजवादी युवजन सभा के कार्यकर्ताओं ने निदेशक को ज्ञापन  सौंपा।

जिसमें कहा गया है कि  सर सुंदरलाल अस्पताल की संकल्पना मालवीय जी ने स्थानीय और  दूर दरार  से आए लोगों के लिए एक अच्छी और सस्ती उपचार मिल सके लेकिन वर्तमान में जैसा कि आप जानते हैं, हमारे अस्पताल में लगातार बढ़ते मरीजों की संख्या और चिकित्सा सुविधाओं की आवश्यकता के कारण यहां उच्चस्तरीय चिकित्सा सेवाओं के विस्तार के लिए एक नयी योजना की आवश्यकता महसूस हो रही है
आज काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्र नेता आशुतोष सिंह यीशु के नेतृत्व मे छात्रों के प्रतिनिधि मण्डल ने IMS के निदेशक से मिलकर ज्ञापन दिया
इस संदर्भ में, आशुतोष सिंह ने कहा की अस्पताल की क्षमता और सुविधाओं में वृद्धि करने हेतु एक नवनिर्मित आधुनिक हाइराइज बिल्डिंग का निर्माण अत्यंत आवश्यक प्रतीत होता है। इस बिल्डिंग में सभी चिकित्सा विभागों का विस्तार किया जा सकेगा, साथ ही साथ इसमें अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरण, ऑपरेशन थियेटर, वार्ड, और इमरजेंसी सेवाएं भी प्रदान की जा सकेगी
हाईराइज बिल्डिंग की इस योजना से न केवल मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी, बल्कि हमारे चिकित्सा शिक्षण और शोध कार्यों में भी विशेष वृद्धि होगी। इसके अलावा, यह नए भवन को पर्यावरण अनुकूल और स्मार्ट तकनीकों से लैस बनाने की भी योजना है, ताकि अस्पताल की कार्यप्रणाली और सेवाओं को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके।
आपसे विनम्र निवेदन है कि इस योजना पर शीघ्र विचार करें और निर्माण के लिए आवश्यक अनुमतियां तथा मार्गदर्शन प्रदान करें, ताकि हम इसे जल्द से जल्द मूर्त रूप दे सकें।

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल में हो रही गंभीर अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के बारे में आपके ध्यान में लाना चाहता हूँ। मुझे यह जानकर बहुत दुख हुआ कि अस्पताल में न केवल मरीजों के साथ दुर्व्यवहार हो रहा है, बल्कि अस्पताल प्रशासन की ओर से कई घोटाले भी हो रहे हैं।

मुख्य रूप से निम्नलिखित मुद्दे हैं जिनका समाधान आवश्यक है:

1. अस्पताल में चिकित्सीय लापरवाही: मरीजों को उचित इलाज और देखभाल नहीं मिल रही है। गंभीर मामलों में बिना कारण के देरी की जाती है।
2. दवाइयों और चिकित्सा उपकरणों की कमी: कई बार अस्पताल में आवश्यक दवाइयों और चिकित्सा उपकरणों की भारी कमी पाई गई है, जिसके कारण मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता।
3. रिश्वतखोरी और अनियमितताएँ: अस्पताल के कुछ कर्मचारी रिश्वत के माध्यम से इलाज को प्रभावित कर रहे हैं और मरीजों से अत्यधिक शुल्क लिया जा रहा है।
4. मरीजों के साथ दुर्व्यवहार: कुछ मामलों में मरीजों और उनके परिवारजनों के साथ अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टरों के द्वारा दुर्व्यवहार किया जाता  है, जिसके कारण उनकी मानसिक स्थिति पर प्रतिकूल असर पड़ा है।
6. अस्पताल में भारी मात्रा में स्ट्रेचर और ICU की कमी के कारण मरीजों को सही उपचार नहीं मिल पाता है
7. ओपीडी में डॉक्टरों की असमय उपस्थिति और मरीजों को बाहर से दवा लेने के लिए बाध्य करना जिससे धनउगाई किया जा सके।
8. अस्थायी इमरजेंसी आईसीयू की व्यवस्था किया जाए जिसे दूर दराज या अन्य हॉस्पिटलों से रेफर होकर आ रहे हैं मरीजों को राहत मिल सके

आपसे निवेदन करता हूँ कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की जाए और दोषी व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इस संबंध में मैंने पहले ही संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखा था, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। मुझे विश्वास है कि इस मामले में सकारात्मक हस्तक्षेप करते हुए काशी हिंदू विश्वविद्यालय के अस्पताल को बेहतर बनाने के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करेंगे ।
इसमें प्रमुख रूप से आशुतोष सिंह यीशु, अनिल, अमित, श्रीयांशु, करन, शिवांश,अनुभव, विवेक,सुनील, विपिन आदि लोग उपस्थित रहे।

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