बांग्लादेश ने कहा भारत आंतरिक मामले में ना दे दखल, भारत ने कहा अल्पसंख्यकों की करें सुरक्षा

विदेश सचिव ने भी बताया बांग्लादेश को उसकी हद, बांग्लादेश में सांस्कृतिक, धार्मिक और डिप्लोमैटिक संपत्तियों पर दुर्भाग्यपूर्ण हमलों का मुद्दा उठाय़ा

 

– भारत-बांग्लादेश सीमा पर सोने के बदले अनाज की बड़े पैमाने पर हो रही तस्करी

बांग्लादेश बोर्डर से अशोक झा: विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही हिंसा के बीच सोमवार को वहां की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की। उन्होंने बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन और विदेश सचिव मोहम्मद जशीम उद्दीन के साथ भी बैठकें की। अपनी यात्रा के दौरान विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ चरमपंथी बयानबाजी और हिंसा की घटनाओं को लेकर पड़ोसी देश के साथ नई दिल्ली की चिंताएं साझा की। इस पर इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने केंद्र सरकार को शुक्रिया कहा है।भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी बांग्लादेश दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने अपने बांग्लादेशी समकक्ष के साथ विदेश सचिव स्तर की बैठक की है। बैठक में कई मुद्दों पर बातचीत हुई है, जिसमें बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले और अगरतला में बांग्लादेशी मिशन पर हमले भी शामिल रहे हैं। बांग्लादेश से जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘मोहम्मद यूनुस ने कहा कि हमारे लोग चिंतित हैं क्योंकि वहां से कई बयान दे रही हैं। इससे तनाव पैदा होता है।’ इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि कैसे छात्रों, मजदूरों और आम लोगों ने हसीना के खिलाफ छात्रों के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शन के दौरान हाथ मिलाया और उनके शासन को समाप्त किया।अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस और विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन से भी मुलाकात की। विक्रम मिस्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने अपनी चिंताओं से अवगत कराया, जिनमें अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और कल्याण से संबंधित चिंताएं भी शामिल थीं। हमने सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनयिक संपत्तियों पर हमलों की कुछ खेदजनक घटनाओं पर भी चर्चा की।’ उन्होंने कहा कि भारत को बांग्लादेश के अधिकारियों से इन सभी मुद्दों पर समग्र रचनात्मक दृष्टिकोण की उम्मीद है और वह रिश्ते को सकारात्मक और रचनात्मक दिशा में आगे बढ़ाने के लिए तत्पर है। मिसरी ने कहा कि उन्होंने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के साथ मिलकर काम करने की भारत की इच्छा को रेखांकित किया। भारत के विदेश सचिव ने कहा कि अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस और विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन से भी मुलाकात की। विदेश मंत्रालय (एमईए) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि इन बैठकों के दौरान मिसरी ने लोकतांत्रिक, स्थिर, शांतिपूर्ण, प्रगतिशील और समावेशी बांग्लादेश के लिए भारत के समर्थन पर प्रकाश डाला। इसमें कहा गया, ‘उन्होंने बांग्लादेश के साथ आपसी विश्वास और सम्मान तथा एक-दूसरे की चिंताओं और हितों के प्रति पारस्परिक संवेदनशीलता के आधार पर सकारात्मक और रचनात्मक संबंध बनाने की भारत की इच्छा दोहराई। ‘इस बैठक के बाद बांग्लादेशी विदेश सचिव जशीमुद्दीन ने कहा कि ढाका ने नई दिल्ली से बांग्लादेश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने को कहा है। उन्होंने कहा, “हमने कहा कि बांग्लादेश में सभी धर्मों के लोग स्वतंत्र रूप से अपने धर्म का पालन करते हैं। यह हमारा आंतरिक मामला है। हमारे आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने की अपेक्षा नहीं की जाती है। हम अन्य देशों के लिए ऐसा नहीं करते हैं।”विक्रम मिस्री ने बांग्लादेश पहुंचने के बाद वहां की अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर मोहम्मद युनूस, फॉरेन अफेयर्स एडवाइजर मोहम्मद तौहीद हुसैन और अपने बांग्लादेशी समकक्ष मोहम्मद जशीमुद्दीन के साथ अलग-अलग मीटिंग की। विदेश मंत्रालय के अनुसार, इन बैठकों में विदेश सचिव ने एक स्थिर, शांतिपूर्ण, प्रोग्रेसिव लोकतांत्रिक और समावेशी बांग्लादेश को लेकर भारत के समर्थन को दोहराया।किन मुद्दों पर हुई बात :जानकारी के अनुसार, विदेश सचिव ने इन अलग-अलग बैठकों में हुई द्विपक्षीय बातचीत के दौरान बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा से जुड़ी भारत की चिंताओं के साथ भारत और बांग्लादेश के संबंधों समेत कई अन्य मुद्दे भी उठाए।आइए विस्तार से जानते हैं कि विदेश सचिव की किन-किन मुद्दों पर बात हुई। प्रांतीय और ग्लोबल मुद्दे:विक्रम मिस्री ने बातचीत के दौरान बांग्लादेश में सांस्कृतिक, धार्मिक और डिप्लोमैटिक संपत्तियों पर दुर्भाग्यपूर्ण हमलों का मुद्दा उठाय़ा।फॉरेन ऑफिस कंसल्टेशन के दौरान दोनों पक्षों ने कई मुद्दों पर व्यापक चर्चा की. दोनों पक्षों ने बिम्सटेक फ्रेमवर्क के तहत क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने की बात पर सहमति जताई।हिंदुओ और अल्पसंख्यकों पर हमले: विदेश सचिव ने बैठक के दौरान बांग्लादेश में हिंदुओं समेत अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे हिंसक हमलों, धार्मिक स्थल पर तोड़फोड़ और आगजनी की बढ़ती घटनाओं का मुद्दा भी उठाया।उन्होंने इस पर चिंता जताते हुए अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की बात कही।
कृष्ण दास की गिरफ्तारी का मुद्दा:बताया गया कि विक्रम मिस्री ने अपनी बैठक में पिछले दिनों इस्कॉन से जुड़े कृष्ण दास की गिरफ्तारी और उन पर हो रहे अत्याचार का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने दास की गिरफ्तारी के केस को भी निष्पक्षता से देखे जाने की अपील की. हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि इसे लेकर बांग्लादेश ने सख्त प्रतिक्रिया दी और इस मसले को बांग्लादेश का अंदरूनी मामला बताया।
भारत-बांग्लादेश सीमा पर सोने के बदले अनाज की तस्करी बड़े पैमाने पर: वही दुसरी ओर भारत-बांग्लादेश सीमा पर सोने के बदले अनाज की तस्करी बड़े पैमाने पर हो रही है। भारत में खाने-पीने की चीजों की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए निर्यात प्रतिबंधों के बाद से यह धंधा और बढ़ गया है। इससे दोनों देशों को अरबों डॉलर का नुकसान हो रहा है। तस्कर भारत में सोना भेजते हैं और बदले में चीनी, अनाज, प्याज जैसी चीजें बांग्‍लादेश ले जाते हैं। बीएसएफ इस तस्करी को रोकने की कोशिश कर रही है। लेकिन, पूरी तरह से सफल नहीं हो पाई है। भारत में सोने पर आयात शुल्क कम करने के बाद भी यह धंधा जारी है। भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा चौकियों पर तैनात सुरक्षाकर्मी सोने, ड्रग्स और खाने-पीने की चीजों की तस्करी रोकने के लिए गाड़ियों की जांच और लोगों की तलाशी लेते हैं। शिलांग में बीएसएफ के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अगस्त में उन्होंने कुछ तस्करों को पकड़ा था जो रेत के नीचे चीनी छिपाकर ले जा रहे थे। उन्होंने कहा, ‘अगस्त में हमने कुछ तस्करों को पकड़ा जो अपनी गाड़ी में रेत के नीचे चीनी छिपाकर ले जा रहे थे।

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