आज हिंदुओं को चिंता के साथ चिंतन जरूरी: गौतम खट्टर
एक सनातन कम होगा यानि एक शत्रु बढ़ेगा, चित्र की नहीं चरित्र की पूजा करें
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– संपति के साथ संस्कार जरूरी है, धर्म और धन बचाने की जरूरत
अशोक झा, सिलीगुड़ी: शहर के उत्तरबंग मारवाड़ी पैलेस में “सनातन की चुनौतियां और भारत का भविष्य” हम जागेगें, देश जागेगा विषय पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सनातन ध्वज प्रवाहक गौतम खट्टर ने कहा कि बंगाल के पड़ोसी राष्ट्र में जिस प्रकार हिंदुओं पर हमले हो रहे है उससे यह सबक लेना होगा कि समय आ गया है इसकी चिंता के साथ चिंतन भी करना होगा। आज जिस प्रकार हम परिवार और बच्चों से दूर होते जा रहे है यही कारण है कि रितिका को रजिया बनाया जा रहा है। सनातन धर्मी बच्चों को कहा जाता है कि तुम कृष्ण को मानते हो कृष्ण लड़कियों को नग्न देखना चाहता था। उसके कपड़े चोरी करते है। लेकिन यह नहीं बताया जाता कि रक्षक का वेश बनाया धर्म को बचाने वाला मेरा कृष्ण है। बताया जाता है सभी धर्म एक है लेकिन क्या ऐसा है। कभी नहीं? आज ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि हमने अपने बच्चे को कभी धर्म की पढ़ाई ही नहीं करवाई। जिस समाज में शत्रु का पता नहीं होता वह समाज खत्म हो जाएगा। आज आप ईसाई और मुस्लिम धर्म को मानने वालों को देखे वह धर्म की शिक्षा लेते है इसलिए वह खुलकर धर्म का पक्ष लेते है। सनातनी धर्म के ज्यादा लोग अपने बच्चे को कॉन्वेंट शिक्षा में भेज देते है जिसका परिणाम सामने है। माता पिता वृद्धाश्रम में और पुत्र विदेश में होता है। अब सवाल यह उठता है कि सनातन को कौन बचा सकता है?हमको हम ही बचा सकते है। ईश्वर मार्ग बता सकते है। आपको माला के साथ भाला भी रखना होगा। शास्त्र के साथ शस्त्र रखना होगा। सनातन को बचाने के लिए धर्म और धन का उत्तराधिकारी बनाना होगा। जागो हिन्दू जागो हिन्दू तुम्हे जगाने आया हूं। हथियार से हमारे सभी भगवान इष्ट हथियार रखते है।
चिंता विश्व का करते है पर घर और घर के बाहर क्या हो रहा है यह पता नहीं चल रहा है। आसपास की समस्या का समाधान करे तो स्थिति को बदल देगा। मंदिर अब नहीं शिक्षा का मंदिर वह भी गुरुकुल के तर्ज पर बनाए। मंदिर बनने से सनातन नहीं बढ़ेगा आज मंदिर बढ़ा है लेकिन सनातन कम हो रहे है। ईश्वर को मानने से नहीं ईश्वर के आदर्शों को नहीं मान रहे है। पब ,बार पर जाते है पर गाड़ी में हिंदी सनातन मत लिखिए। खुद को सनातन मत कहे। जो गाय को बचा रहे है उसे आप बचाए। कुत्ता पालना बंद कर दे गाय पालने का काम करें। गुरुकुल में पढ़ने वाला ही सनातन और आपको बचाएगा। अंग्रेजियत आज भी हावी है। व्यायामशाला की व्यवस्था खत्म हो रहा है। खट्टर ने देहरादून की एक घटना को बताते हुए कहा कि एक धनवान व्यक्ति के दो पुत्र रोहित मोहित बेटा था। पढ़-लिख कर वह विदेश चला गया। मां बीमार हो गई अंतिम समय में वह अपने बेटो को देखना चाहती थी। बेटा को खबर दिया गया। एक बेटा आया तबतक मां का निधन हो गया। पिता ने पूछा तुम्हारा भाई क्यों नहीं आया? पुत्र ने पिता को बता दिया। पत्नी का दाह संस्कार करने के बाद पिता घर बंद कर आत्महत्या कर लिया। कारण वह एक पत्र में छोड़ गया था। उसमें लिखा था कि बेटा ने कहा कि मां मर गई तो एक बेटा आया जब मेरी मृत्यु होगी तो दूसरा आयेगा। सनातन में इससे ज्यादा दु:खद क्या होगा।