असम से फिर पकड़ा गया एक बांग्लादेशी आतंकी, भारी मात्रा में हथियार बरामद

बांग्लादेश बोर्डर से अशोक झा: असम पुलिस ने आतंकवादी संगठनों के विरुद्ध अभियान में जहीर को बंदी बनाया । वह धुबरी जिले के खुटीगांव गांव का निवासी है। जहीर ‘अंसारुल्लाह बांग्ला टीम’ नामक जिहादी आतंकवादी संगठन से जुड़ा हुआ है। यह संगठन अल-कायदा से संबद्ध है। पुलिस के अनुसार, जहीर अली अंसारुल्लाह बांग्ला टीम के प्रमुख जसीमुद्दीन रहमानी के करीबी सहयोगी मोहम्मद फरहान इसराक के गिरोह में काम कर रहा था।असम पुलिस के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजीव सैकिया ने बताया कि आतंकवाद विरोधी अभियान में अब तक 21लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें कई बांग्लादेशी नागरिक भी शामिल हैं। इन 21 में से बांग्लादेशी मोहम्मद साद रदी को कट्टरपंथी विचारधारा फैलाने के लिए भारत भेजा गया था। इस अभियान के अंतर्गत विशेष कार्यवाही बल ने अब तक बड़ी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक, आपराधिक दस्तावेज और मोबाइल फोन सेट जब्त किए हैं। वही दूसरी ओर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने एक चौंका देने वाला ऐलान किया। उन्होंने अपने देश के सीमा रक्षकों को नए तरह के हथियार देने का फैसला लिया है। जिनका उद्देश्य सीमा पर शांति बनाए रखना और आपातकालीन स्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया करना है। यह हथियार घातक नहीं होंगे बल्कि केवल शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवाज करने वाले ग्रेनेड और आंसू गैस के गोलों के रूप, में होंगे। यह फैसला बांग्लादेश की सीमा सुरक्षा को और मजबूत करने के उद्देश्य से लिया गया है।बांग्लादेश का आंतरिक निर्णय: बांग्लादेश के गृह मामलों के सलाहकार सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल एम जहांगीर आलम चौधरी ने इस कदम की पुष्टि की। उन्होंने एक प्रेस वार्ता में बताया कि बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) को अब आवाज करने वाले ग्रेनेड और आंसू गैस के गोलों से लैस किया जाएगा। यह कदम विशेष रूप से बॉर्डर पर शांति बनाए रखने और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई करने के लिए उठाया गया है।यह निर्णय उस बैठक के बाद लिया गया। जिसमें बांग्लादेश के समाज कल्याण सलाहकार शर्मिन मुर्शिद और मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के विशेष सहायक खुदा बख्श भी शामिल थे। भारत की प्रतिक्रिया: जब इस कदम पर भारत की संभावित प्रतिक्रिया के बारे में सवाल किया गया, तो चौधरी ने कहा कि भारत को इस निर्णय को नकारात्मक रूप से देखने की कोई वजह नहीं है। उनका कहना था कि भारत के सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के पास भी सीमा पर इसी तरह के गैर-घातक हथियार हैं, जो स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रयोग किए जाते हैं। चौधरी का मानना है कि इस प्रकार के हथियारों का उपयोग सीमा पर शांति बनाए रखने और स्थिति को स्थिर करने में मदद करता है, न कि इससे कोई बड़ा संकट पैदा होता है।सीमा पर स्थिति और बीजीबी की तैयारियां: चौधरी ने यह भी स्पष्ट किया कि वर्तमान में सीमा पर स्थिति पूरी तरह से स्थिर है और कोई बड़ी समस्या नहीं है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि बीजीबी को इस तरह के हथियारों से लैस करना आवश्यक है ताकि वे शांति बनाए रख सकें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया कर सकें. वर्तमान में, बीजीबी के पास गंभीर परिस्थितियों के लिए घातक हथियार भी मौजूद हैं, लेकिन यह नए हथियार उनकी प्रतिक्रिया क्षमता को और बढ़ाएंगे। भारत और बांग्लादेश की सीमा: भारत और बांग्लादेश की सीमा कुल 4,096 किलोमीटर लंबी है, जो पांच भारतीय राज्यों.. असम, पश्चिम बंगाल, मिजोरम, मेघालय और त्रिपुरा के साथ सटी हुई है। इन राज्यों की सीमा बांग्लादेश से जुड़ी हुई है, और दोनों देशों के बीच इस सीमा पर शांति बनाए रखना एक अहम चुनौती होती है। दोनों देशों के सीमा सुरक्षा बल अक्सर मिलकर काम करते हैं ताकि सीमा पर कानून और व्यवस्था बनी रहे।
क्या हैं आवाज करने वाले ग्रेनेड और आंसू गैस के गोले?
आवाज करने वाले ग्रेनेड और आंसू गैस के गोले ऐसे गैर-घातक हथियार होते हैं जो स्थिति को नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं. इनका मुख्य उद्देश्य किसी भी तरह के प्रदर्शन या विरोध को शांतिपूर्वक समाप्त करना होता है, न कि किसी को चोट पहुंचाना. आवाज करने वाले ग्रेनेड एक तेज आवाज करते हैं, जिससे लोग तुरंत सतर्क हो जाते हैं और स्थिति से समझौता करते हैं. वहीं, आंसू गैस के गोलों का उपयोग भी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है, जिससे लोग जल्दी से हट जाते हैं और स्थिति काबू में आ जाती है.
बांग्लादेश की नीतियां और क्षेत्रीय सुरक्षा
बांग्लादेश ने हमेशा अपने सीमा रक्षकों को ऐसी प्रणालियां उपलब्ध कराने का प्रयास किया है. जो शांति बनाए रखने में मदद करें. यह कदम भी उसी नीति का हिस्सा है. हालांकि, यह कदम भारत के लिए कोई नई बात नहीं है.. क्योंकि भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) पहले से ही इस तरह के हथियारों का इस्तेमाल कर रहा है. बांग्लादेश और भारत के बीच कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और सीमा पर नियमित संपर्क बनाए रखना दोनों देशों के लिए फायदेमंद है।