सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के दौरान वो डॉक्यूमेंट स्पॉटलाइट में आया जो जरूरी

अशोक झा, कोलकोता: कोलकाता रेप और मर्डर केस में सोमवार (नौ सितंबर, 2024) को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के दौरान वो डॉक्यूमेंट स्पॉटलाइट में आ गया, जो पोस्टमार्टम के लिए बेहद जरूरी माना जाता है।
इस बीच मरीजों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा। मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने पूछा है कि प्रिंसिपल का घर कॉलेज से कितनी दूर है. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा कि अस्पताल में हुए तोड़फोड़ के मामले अपनी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी है. वहीं, सीबीआई ने मामले में हुई अभी तक की जांच को लेकर अपनी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी है. बेंच सीलकवर में दाखिल सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट को देख रही है। CBI ने क्या कहा?: सीबीआई की तरफ से पेश वकील SG तुषार मेहता ने आरोप लगाते हुए कहा पश्चिम बंगाल सरकार सीबीआई से क्या छिपाना चाहती है। हमें पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से दाखिल जवाब की कॉपी नहीं मिली है।बंगाल सरकार ने क्या कहा?: पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से कपिल सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि हमने जवाब की कॉपी सिर्फ कोर्ट में जमा की है, हमने सीबीआई को अभी तक कॉपी नहीं दी है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से जब डॉक्टर अस्पताल में काम नहीं कर रहे थे, उस वक्त 23 लोगों को ट्रीटमेंट न मिलने की वजह से उनकी मौत हो गयी है।।वहीं, रविवार को कोलकाता में इंसाफ की मांग करते हुए हजारों लोगों ने प्रोटेस्ट किया. इसमें हर वर्ग के लोग शामिल हुए. कई शैक्षणिक संस्थानों के पूर्व छात्र, मिट्टी के मॉडलर, रिक्शा चालक और जूनियर डॉक्टर कोलकाता की सड़कों पर अलग-अलग तरीके से उतरे और एक महीने पहले हुए लेडी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में केस की सुनवाई के दौरान हड़ताल के नतीजों पर प्रकाश डालते हुए वकील कपिल सिब्बल ने दलीलें पेश की। उन्होंने कोर्ट को बताया कि अगस्त में कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में हुए घटनाक्रम के बाद डॉक्टरों की हड़ताल के चलते करीब 23 लोगों की मौत हो गई है।
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में लेडी डॉक्टर से रेप और मर्डर केस की गुत्थी अब भी पहेली है। सीबीआई को अब तक बड़ी कामयाबी नहीं मिली है। वहीं, आरजी कर अस्पताल में अब भी ट्रेनी डॉक्टरों की हड़ताल जारी है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट में कोलकाता कांड पर सोमवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने फिर से सीबीआई से स्टेटस रिपोर्ट मांगी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई और पश्चिम बंगाल सरकार ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की। सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से कपिल सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि हमने जवाब की कॉपी सिर्फ कोर्ट में जमा की है। हमने सीबीआई को अभी तक कॉपी नहीं दी है। तो चलिए जानते हैं सुप्रीम कोर्ट में क्या-क्या हुआ। बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि डॉक्टर अभी भी हड़ताल पर हैं। 6 लाख लोग इलाज से महरूम हैं। लोग इलाज के अभाव मे मर रहे हैं. इलाज के अभाव में 23 मरीजों की मौत हो चुकी है। वहीं, डॉक्टर्स की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि कोई सीनियर डॉक्टर हड़ताल पर नहीं है. जूनियर डॉक्टर अभी भी काम पर नहीं लौटे हैं, क्योंकि वो डरे हुए हैं। उन्हें थ्रेट मिल रहे हैं।
-कपिल सिब्बल ने कहा कि राज्य में हर जगह प्रदर्शन हो रहा है। 41 पुलिस वाले घायल हो गए हैं. बिना पुलिस की इजाजत के प्रदर्शन हो रहे हैं।-चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म से पीड़िता की डेडबॉडी की फोटोग्राफ तत्काल प्रभाव से हटाई जाए। सीजेआई ने कहा कि अगर वहां 4447 सीसीटीवी कैमरे लगे होते तो यह घटना क्यों होती? हमें आरजी कर मेडिकल कालेज में बताएं कि कौन से उपकरण लगाए गए हैं? सिर्फ फंड ही जारी करने से बात नहीं बनेगी. ग्राउंड स्तर पर क्या काम हुआ।
-सुप्रीम कोर्ट ने इस बात को माना कि एफआईआर को रजिस्टर करने में देर हुई. सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि कम से कम 14 घंटे की देरी हुई है। एक याचिकाकर्ता की तरफ से गीता लूथरा ने कहा कि वारदात की जगह छेड़छाड़ की गई। गीता ने तीन फोटोग्राफ सील कर में अदालत को दी. वकील ने कहा कि घटनास्थल के पास बाथरूम के टायल्स और बेसिन को बदला गया। -CJI ने सीबीआई से पूछा क्या आपके पास चालान है? जब बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए ले जाते हैं, CBI ने कहा नहीं. इस पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने पूछा कि वो चालान कहां है? उस चालान के बिना तो पोस्टमार्टम हो ही नहीं सकता. इस पर पश्चिम बंगाल सरकार के वकील सिब्बल ने कहा उनके पास भी अभी नहीं है. वो पता लगा कर अदालत को सूचित करेंगे।
-इस मामले में एक याचिकाकर्ता ने पुलिस की शुरुवाती जांच पर सवाल उठाया. उसने कहा देश में कभी भी रात में पोस्टमार्टम नहीं होता. इतना ही नहीं, एफआईआर दर्ज करने से पहले सीज एंड सर्च का काम नहीं होता. लेकिन इस मामले में ऐसा हुआ है. सुप्रीम कोर्ट अब 17 सितंबर को मामले की सुनवाई करेगा।
-कोलकाता कांड पर सुप्रीम कोर्ट में एसजी तुषार मेहता ने कहा कि कुछ सिक्योरिटी गैजेट दिए गए हैं और कुछ नहीं. अगर कोई घटना हो जाती है तो जिम्मेदारी किसकी होगी. इस पर CJI ने बड़ा आदेश देते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार को सिक्योरिटी और सुरक्षा के सभी गैजेट आज शाम 9 बजे तक सीआईएसएफ को देने को कहा।
-इस पर सीजेआई ने सीबीआई को कहा कि हम कोर्ट में जांच पर टिप्पणी नहीं करना चाहते. सीबीआई एक हफ्ते के भीतर स्टेट्स रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करे. इसके बाद SG ने कहा कि सीआईएसएफ की महिला बटालियन की टुकड़ी जो वहां गई हैं, वहां उसे रहने के लिए राज्य की तरफ से सुविधा पूरी तरह से नहीं दी गई है। -सीबीआई की तरफ से पेश SG ने बताया कि ये एक गंभीर विषय है, जिसे अदालत के संज्ञान में लाना है. फोरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर पीड़िता अर्धनग्न हालत में थी और उसके शरीर पर चोट के निशान थे. ये बेहद गंभीर मामला है. उसके बाद सीबीआई ने राय ली है कि इन सेंपल को एम्स और अतिरिक्त सेंट्रल लैब में भेजा जाएगा. अब ऐसे में ये जरूरी हो जाता है कि ये सेंपल किसने लिए हैं? -कोलकाता कांड पर सीजेआई ने पूछा कि सीसीटीवी फुटेज, सब कुछ सीबीआई को दे दिया गया है? इस पर एसजी तुषार मेहता ने कहा कि हां, हमें मिला है. फिर सीजेआई ने पूछा कि ये बताने के लिए सीसीटीवी फुटेज है कि आरोपी कितने बजे सेमिनार रूम में गया और बाहर निकला? क्या कलकत्ता पुलिस ने 8:30 से 10:45 तक की पूरी फुटेज सीबीआई को सौंप दी है? इस पर एसजी तुषार मेहता ने कहा कि कुल 4 क्लिपिंग, 27 मिनट की अवधि की मिली है.
-सीजेआई चंद्रचूड़ ने पूछा कि क्या सीबीआई को सारी सीसीटीवी फुटेज सौंप दी गई है? इस पर कपिल स‍िब्‍बल ने कहा कि टेक्‍न‍िकल ग‍िल‍िच है. पार्ट में सौंपा गया है सीसीटीवी फुटेज. इसके बाद तुषार मेहता ने कहा कि फॉरेंस‍िक र‍िपोर्ट में कहा गया है क‍ि लड़की की बॉडी 9.30 पर म‍िली. सेमी न्‍यूड कंडीशन में म‍िली थी. शरीर पर चोट के न‍िशान थे. सीएफएसएल र‍िपोर्ट बंगाल को भेजी गई. हमारे पास एक ही र‍िपोर्ट है. ये देख‍िए जज साहब गंभीर मामला है. सीबीआई को गंभीर लगा और एम्‍स के पास भेजे गए हैं। -सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर पूछा कि FIR कब दर्ज हुई है? इस पर पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा 2.55 PM पर अननेचुरल डेथ डायरी दर्ज हुई. डेथ सर्टिफिकेट 1.47 PM पर। -CJI चंद्रचूड़- हमें अप्राकृतिक मौत के मामले में स्पष्टीकरण चाहिए. इस पर कपिल सिब्बल ने कहा कि इसके बाद थाने में अप्राकृतिक मौत मामले में 2.55PM पर डायरी दर्ज की गई। -इसके बाद एसजी तुषार मेहता ने कहा कि वो हम सभी की बेटी थी. सिब्बल ने बताया कि 4.10 पर ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट आए. इंक्वेस्ट रिपोर्ट 4.40 तक तैयार की गई. सारी जांच की वीडियोग्राफी हुई।-सुप्रीम कोर्ट ने एसजी मेहता से पूछा कि प्रिंसिपल के आवास और मेडिकल कॉलेज के बीच की कितनी दूरी है? इस पर एसजी मेहता ने बताया कि 15-20 मिनट की दूरी है। -पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से 23 लोगों की मौत हुई है. जब डॉक्टर अस्पताल में काम नहीं कर रहे थे, उस दौरान 23 लोगों की इलाज नहीं मिलने से मौत हो गई है।- सीबीआई की तरफ से पेश हुए वकील SG तुषार मेहता ने आरोप लगाते हुए कहा पश्चिम बंगाल सरकार सीबीआई से क्या छिपाना चाहती है. वह पहले ही बहुत कुछ छिपा चुकी है. हमें पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से दाखिल जवाब की कॉपी नहीं मिली है. वहीं, पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से कपिल सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि हमने जवाब की कॉपी सिर्फ कोर्ट में जमा की है. हमने सीबीआई को अभी तक कॉपी नहीं दी है। -पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल पेश हुए हैं। बंगाल सरकार की ओर से कहा गया कि अस्पताल में हुए तोड़फोड़ के मामले अपनी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी है. वहीं, सीबीआई ने मामले में हुई अभी तक की जांच को लेकर अपनी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी है। दरअसल, कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में 9 अगस्त को लेडी डॉक्टर का शव मिला था. 10 अगस्त को आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया। इस मामले को लेकर देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं. यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार को जमकर फटकार लगाई थी।

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