श्रीराम मंदिर से यूपी हुआ बमबम, आम बजट से मां सीता की धरती मिथिलांचल का भरा आंचल

विपक्ष को हमला करने का नहीं मिल रहा मौका, टीएमसी के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा भी हुए खुश

 

अशोक झा, नई दिल्ली: आम बजट के पहले श्रीराम मंदिर निर्माण कर केंद्र की एनडीए सरकार ने उत्तर प्रदेश की अर्थ व्यवस्था को बम बम कर दिया था। इस बार के आम बजट में मां सीता की जन्मभूमि मिथिलांचल की झोली को भर दिया है। राजनीति के जानकारों की माने तो यह उम्मीद से कही ज्यादा है। सत्ता पक्ष जहां इस बजट से गदगद है वहीं विपक्ष इसे बिहार में चुनाव और एनडीए का समर्थन करना मान रही है। टीएमसी के सांसद बिहारी बाबू बजट से काफी खुश नजर आ रहे है। विपक्ष इस बजट को लेकर खुलकर सरकार पर हमला करने का मौका नहीं मिल पा रहा है। केंद्रीय बजट 2025 में मोदी सरकार ने मिथिलांचल के लिए बड़ा ऐलान किया है। बिहार में 3 नए ग्रीनफील्ड हवाईअड्डे विकसित करने के साथ खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन के राष्ट्रीय संस्थान की स्थापना की जाएगी। लोकसभा में बजट पर अपने भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मिथिलांचल समेत बिहार में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को सुधारने के लिए एक संशोधित उड़ान योजना शुरू की जाएगी, जिसमें अगले 10 वर्षों में 120 नई मंजिलों को जोड़ने और अतिरिक्त 4 करोड़ यात्रियों को ले जाने की स्कीम है। बजट में पहली बार बिहार के लिए इस तरह के बड़े ऐलान किए गए, जिसमें मिथिलांचल फोकस पर रहा। ऐसे में सवाल इस बात के उठ रहे हैं कि कहीं केंद्र मिथिलांचल को अलग राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को पूरा करने की दिशा में तो आगे नहीं बढ़ रहा?केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “बिहार में मखाना बोर्ड का गठन किया जाएगा। मखाना के उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन को बेहतर बनाने के लिए मखाना बोर्ड की स्थापना की जाएगी। इस कार्य में लगे लोगों को FPO के रूप में संगठित किया जाएगा।”
मिथिलांचल के किसानों को लेकर बड़ा ऐलान: बजट 2025 में बिहार के मखाना किसानों के लिए बड़ा ऐलान किया गया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है- बिहार में मखाना बोर्ड का गठन किया जाएगा। मखाना के उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन को बेहतर बनाने के लिए मखाना बोर्ड की स्थापना की जाएगी। इस कार्य में लगे लोगों को FPO के रूप में संगठित किया जाएगा।प्रौद्योगिकी को बढ़ावा: बिहार में खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन के राष्ट्रीय संस्थान की स्थापना की जाएगी। आइये जानते हैं राज्य के लिए और क्या ऐलान किये गए हैं। सीतारमण ने कहा कि सरकार बिहार की भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए राज्य में नए हवाई अड्डों की सुविधा भी प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा पश्चिमी कोसी नहर के लिए सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में 50,000 हेक्टेयर भूमि को लाभ मिलेगा।बजट में मिथिलांचल राज्य की मांग पूरी करने के संकेत!:केंद्रीय बजट 2025 पहला ऐसा बजट है, जिसमें मिथिलांचल पर जोर दिया गया है। मोदी सरकार इस क्षेत्र के लिए केंद्र का खजाना खोल दिया है। बजट में केंद्र ने मिथिलांचल में पश्चिमी कोशी नहर परियोजना शुरू करने का ऐलान किया है,जिसके दायरे में 50 हजार हेक्टेयर का क्षेत्र आएगा।बिहार में मखाना का उत्पादन और उसके प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए मखाना बोर्ड की स्थापना करने करने का ऐलान किया गया है। इसके अलावा मिथिलांचल समेत बिहार के कई जिलोंमें एयर कनेक्टविविटी बढ़ाने के लिए एयरपोर्ट स्थापित की घोषणा की गई है। इससे इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि मिथिलांचल में बुनियादी ढांचे के विकास के साथ एक ऐसी मजबूती दी जा रही है, ताकि ये क्षेत्र आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़े और अलग राज्य के दर्ज की मांग पर विचार किया जा सके।बिटिशकाल से हो रही अलग मिथिला राज्य की मांग: पिछली साल मिथिला राज्य को लेकर बिहार एक बार फिर चर्चा में आया। बता दें कि मिथिला राज्य की मांग आज की नहीं है। ब्रिटिश समय से ही यह मांग होती रही है, बंगाल से जब बिहार अलग हुआ तब उस समय यह मांग जोरों पर थी। दरअसल, बिहार के 108 विधानसभा और 18 लोकसभा क्षेत्र को मिलाकर मिथिला राज्य बनाने की मांग हो रही है। मिथिला राज्य की मांग लगातार मिथिला स्टूडेंट यूनियन की ओर से की जा रही है। इसके अलावा कई दलों के नेताओं ने पिछले कुछ वर्षों को भीतर इस मांग को समर्थन दिया है।

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