पुलिस से बार-बार शिकायत के बाद सुबह 3 बजे बंद हुआ शब-ए-बरात का लाउडस्पीकर
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वाराणसी । सुप्रीम कोर्ट ने रात की 8 घंटे की नींद को नागरिक का मौलिक अधिकार घोषित किया है। उत्तर प्रदेश सरकार की वेबसाइट पर साफ़ साफ़ लिखा हुआ है कि सिवाय साउंड प्रूफ सभागार के, रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच लाउडस्पीकर को स्विच ऑफ़ रखा जायेगा। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बार-बार शासनादेश जारी किया जाता है कि धार्मिक कार्यक्रमों में भी समय सीमा और डेसीबल सीमा का ध्यान रखा जाये। मगर कल गुरुवार को शब-ए-बरात की रात, वाराणसी के आदमपुर थाना अंतर्गत कोयला बाज़ार इलाके में, स्थानीय नागरिकों और सत्या फाउण्डेशन द्वारा शिकायत के बाद भी डायल 112 की पुलिस, साउंड को केवल कम कराने का ‘खेल’ करती रही और नागरिक परेशान होते रहे। अंत में चौथी बार शिकायत के बाद, सुबह 3 बजे लाउडस्पीकर स्विच ऑफ हुआ और इसके बाद नागरिक सो पाए।
चूँकि भारत धर्म प्रधान देश है और साल के 365 दिन कोई ना कोई कार्यक्रम चलता ही रहता है और हर धर्म के आयोजक लोग कहते हैं कि बस एक दिन की ही बात है और पुलिस पीछे हट जाती है और नींद की कमी के चलते बीमार और अस्वस्थ होती है आम जनता। कानून का उल्लंघन करते हुए कार्यक्रम करते हैं 100 लोग और ध्वनि प्रदूषण में मुकदमा नहीं होने से परेशान होती है आसपास की 10,000 जनता। जब तक पुलिस प्रशासन के लोग इस मुद्दे पर संवेदनशील और सजग नहीं होकर अनिवार्य रूप से पर्यावरण संरक्षण अधिनियम-1986 के तहत एफ.आई.आर. नहीं करेंगे, तब तक स्थिति को बदलना मुश्किल है।