भारत” भूटान के लोगों के दिलों में बसता है: पीएम मोदी
थिंपू: भारतीय प्रधानमंत्री की दो दिवसीय राजकीय यात्रा का आज आखिरी दिन है। भूटान में चारों ओर भारत की धूम है। लोग भारत-भूटान के मध्य मजबूत हो रहे रिश्तों से बेहद खुश हैं। कुछ ही देर बाद पीएम मोदी अपनी यात्रा पूरी कर भारत लौट जायेंगे। उन्होंने कहा कि भारत और भूटान के लोगों के बीच आत्मीयता उनके द्विपक्षीय संबंधों को अनूठा बनाती है। उन्होंने कहा कि ”भारत” भूटान के लोगों के दिलों में बसता है। वे पहले प्रधानमंत्री थे जो भूटान नरेश के साथ निजी रात्रिभोज में शामिल हुए थे। 22 मार्च को दो दिवसीय राजकीय दौरे पर भूटान में प्रधानमंत्री मोदी को इसी के साथ गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस सम्मान के लिए भूटान नरेश और वहां की सरकार के प्रति आभार जताया है। यही नहीं, इससे पहले किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री को भूटान नरेश के साथ निजी रात्रिभोज का न्योता नहीं दिया गया। पहली बार पीएम मोदी को ये विशेषाधिकार दिया गया है। वहीं यह पहली बार है कि किसी भारतीय प्रधानमंत्री की मेजबानी K5 रेजिडेंस लिंगकाना पैलेस में की गई है। इसी के साथ पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री को भूटान की ओर से सर्वोच्च सम्मान दिया गया है।
भूटान-भारत के संबंध प्राचीन और सामयिक: इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और भूटान के संबंध जितने प्राचीन हैं, उतने ही नये और सामयिक भी हैं। उन्होंने ये भी कहा कि जब मैं 2014 में पहली बार प्रधानमंत्री बना तो सबसे पहली विदेश यात्रा के रूप में भूटान आना स्वाभाविक ही था। उन्होंने कहा कि भारत और भूटान में कई समानताएं हैं.l। जिस तरह से भारत ने विकसित देश बनने का लक्ष्य रखा है उसी तरह से भूटान भी सबसे अधिक आय प्राप्त करने वाला देश बनने का मिशन पर आगे बढ़ रहा है। भूटान सरकार ने क्या कहा?: इस दौरान भूटान सरकार ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की नेबरहुड फर्स्ट नीति ने दक्षिण एशिया में संबंध और हालात को मजबूत किया है। उन्होंने ये भी कहा कि भारत के साथ मित्रता भूटान के लिए सम्मान की बात है।उन्होंने कहा कि यह सम्मान प्रधानमंत्री मोदी की निजी उपलब्धियों और भारत-भूटान के बीच दोस्ती के बंधन को मजबूती देने में उनके योगदान को मान्यता देता है। रिपोर्ट अशोक झा