आज महाशिवरात्रि बाबा मां पार्वती संग रचाएंगे ब्याह

आज महाशिवरात्रि बाबा मां पार्वती संग रचाएंगे ब्याह
– हर गौरी मंदिर में श्रद्धालुओं की होगी भीड़, निकलेगी शिव की बारात
अशोक झा, सिलीगुड़ी: महाशिवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म में अत्यंत पावन और महत्वपूर्ण माना जाता है। यह फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस साल शिव भक्तों का यह खास पर्व 26 फरवरी, दिन बुधवार को मनाया जा रहा है। यानि आज महाशिवरात्रि है। ठाकुरगंज हरगौरी मंदिर में बाबा की बराज आएगी और मां गौरी के संग ब्याह रचाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। इस दिन शिवजी ने वैराग्य को त्यागकर माता पार्वती को अपनी अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार किया था।शिवपुराण के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव एक अद्भुत ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए थे। यह घटना तब हुई जब भगवान विष्णु और ब्रह्मा के बीच सर्वोच्चता को लेकर विवाद चल रहा था। तभी से मान्यता है कि महाशिवरात्रि पर शिवलिंग की पूजा करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है। महाशिवरात्रि के दिन पूरी श्रद्धा और विधिपूर्वक भगवान शिव की पूजा कर आप उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं। घर और मंदिर में शिवलिंग की पूजा विधि के बारे में विस्तार से जानते हैं।
महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पूजा विधि: सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद स्वच्छ और सफेद वस्त्र धारण करें।
इसके बाद, व्रत का संकल्प लें और दिनभर निराहार रह कर या फिर दूध, फल या फलों के रस आदि का सेवन कर भगवान शिव की भक्ति करें।
यदि मंदिर जाना संभव न हो, तो घर पर ही शिवलिंग स्थापित कर पूजन कर सकते हैं।
शाम को सूर्यास्त से पहले दोबारा स्नान करें और शुभ मुहूर्त में घर के पूजा स्थल पर गंगाजल छिड़कें।
अब, उत्तर दिशा की ओर मुंह करके आसन बिछाकर बैठ जाएं और तीन उंगलियों का इस्तेमाल करते हुए चंदन से अपने सिर के बाईं ओर से दाईं तरफ त्रिपुंड बनाएं।
इसके बाद, घर के मंदिर में शिवलिंग की पूजा करें। इस दौरान सबसे पहले गणपति बप्पा का नाम लें, तभी शिव पूजन शुरू करें।महाशिवरात्रि पर शिवजी की पूजा करते समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठें और हाथ में रुद्राक्ष व एक बेलपत्र लेकर मंत्र को बोलते हुए पूजा का संकल्प लें-‘माखिलपापक्षयपूर्वकसलाभीष्टसिद्धये शिवप्रीत्यर्थं च शिवपूजनमहं करिष्ये।’
अब, दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से बनी पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करें।
इसके बाद गंगाजल या शुद्ध जल से दोबारा अभिषेक करें।
शिव जी का अभिषेक करते समय महामृत्युंजय मंत्र ‘ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥’ का जाप करते रहें।
शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, भांग, अबीर, गुलाल, शमी पत्र, और सुगंधित फूल अर्पित करें।
चंदन का लेप लगाएं और अक्षत चढ़ाएं। साथ ही, भस्म या चंदन से शिवलिंग पर त्रिपुंड बनाएं।
शिवलिंग के सामने चौमुखी घी का दीपक और धूप जलाएं।
भगवान शिव को फल और मिठाई का भोग अर्पित करें।
ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें और अंत में भगवान शिव की आरती करें।
भव, शर्व, रुद्र, पशुपति, उग्र, महान, भीम और ईशान, इन आठ नामों से फूल अर्पित कर भगवान शिव की आधी परिक्रमा करें।
आखिर में, कपूर जलाकर आरती करें और पूजा में हुई गलती के लिए शिवजी से क्षमा-याचना करें। पूजन के बाद सभी को प्रसाद बांटें और खुद भी खाएं।
महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पूजा के लाभ: इस दिन व्रत और पूजन करने से सभी दुखों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। भगवान शिव की कृपा से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है।
महाशिवरात्रि पर शिवलिंग का जलाभिषेक करने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है। यदि मंदिर जाना संभव न हो, तो घर में भी शिवलिंग स्थापित करके पूजा की जा सकती है, लेकिन ध्यान दें कि शिवलिंग का आकार और धातु पूजन के लिए उपयुक्त होनी चाहिए।