अनियंत्रित ट्रेलर ने बस में मारी टक्कर 37 यात्री घायल

अनियंत्रित ट्रेलर ने बस में मारी टक्कर 37 यात्री घायल

उप्र बस्ती जिले के हरैया क्षेत्र के फोरलेन पर तेनुआ गांव के सामने बुधवार आधीरात के बाद बस्ती से अयोध्या की तरफ जाने वाली लेन में जा रहा ट्रेलर अनियंत्रित होकर दूसरी लेन में रोडवेज बस से भिड़ गया। ट्रेलर की ठोकर से बस सड़क किनारे एक पक्के मकान में जाकर घुस गई। दुर्घटना में बस में यात्रा कर रहे 37 यात्री घायल हो गए। जिसमें पांच महिलाएं शामिल हैं। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायलों को इलाज के सीएचसी पहुंचाया। जहां से सभी को भोर में जिला अस्पताल रेफर कर दिया।

जानकारी के अनुसार रात करीब सवा 12 बजे हाइवे पर तेनुआ गांव के सामने अयोध्या की तरफ जा रहा ट्रेलर अचानक अनियंत्रित होकर डिवाइडर पर चढ़ कर दूसरी लेन में पहुंच गया। उस समय बस्ती की तरफ जा रही अयोध्या डिपो की बस आ पहुंची। जिससे ट्रेलर की टक्कर हो गई। टक्कर के बाद बस सड़क किनारे बने संजय सोनी के पक्के मकान में जाकर भिड़ गई। जोरदार आवाज सुनकर घर में सो रहे सभी परिजन घबराकर जग गए।बाहर का मंजर देख परेशान हो गए। संजय ने बताया कि बस में करीब 50 यात्री सवार थे, जिसमें महिलाएं व बच्चे भी शामिल थे। दुर्घटना के बाद मौके पर चीख पुकार मच गई। कुछ देर बाद पुलिस पहुंची और घायलों को एम्बुलेंस से सीएचसी भेजा। रात में इतनी बड़ी संख्या में घायलों के पहुंचने पर अफरातफरी मच गई। इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक डाक्टर नंद लाल गुप्ता ने बताया कि स्टाफ कम होने के चलते भोर में करीब साढ़े तीन बजे तक घायलों का इलाज करने के बाद जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया। घायलों में सुरेश पुत्र बड़कऊ सीतापुर, मिथलेश पुत्र अतुल शाही लखनऊ, संजय पुत्र संतरी सीतापुर, विद्यावती पत्नी दूधनाथ बेलीपार गोरखपुर, धर्मेन्द्र पुत्र रामायण कुशीनगर, शिवम गुप्ता पुत्र ओम प्रकाश गोंडा, दीपू प्रजापति पुत्र गौरीशंकर कासगंज, सूरज पुत्र मेहीलाल गोंडा,संजू पत्नी लालू निषाद बेलीपार गोरखपुर, सविता पत्नी सरवन कुमार लखनऊ, शिवम निषाद पुत्र सुरेंद्र गोरखपुर, धनन्जय पुत्र जय किशोर मोतिहारी बिहार, प्रमुख पुत्र निक्की बहराइच, गुंजा पत्नी सुरेश सीतापुर , मधु पत्नी प्रदुम्न यादव व बस का चालक पंकज पुत्र त्रियोगी को जिला अस्पताल भेजा गया। इनमें गुंजा, पंकज,धर्मेंद्र व विद्यावती की हालत गम्भीर बताई जा रही है। अन्य यात्रियों को भी मामूली चोट आई जिन्हें इलाज के बाद घर भेज दिया गया।

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