केंद्र के खिलाफ ममता बनर्जी का गर्जन सभा आज, राम मंदिर का जवाब राम नवमी छुट्टी से
कोलकाता: लोकसभा चुनाव से पहले बंगाल की CM ममता बनर्जी ने बड़ा दांव चला है। पश्चिम बंगाल सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 17 अप्रैल को राम नवमी के दिन सार्वजनिक छुट्टी का ऐलान किया है।यह विशाल रैली 10 मार्च को कोलकाता में ब्रिगेड परेड ग्राउंड से निकाली जाएगी। एक सोशल मीडिया पोस्ट में, बनर्जी ने कहा कि “बोहिरागोटो जोमिदार” (विदेशी जमींदार), जिसका अर्थ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) है, को बंगाल के धैर्य और शिष्टाचार को उसकी कमजोरी के रूप में नहीं लेना चाहिए। बनर्जी ने अपने पोस्ट के साथ एक वीडियो संदेश भी साझा किया जिसमें वह राज्य के लोगों से बड़ी संख्या में ब्रिगेड परेड ग्राउंड में इकट्ठा होने की अपील करती सुनाई दे रही हैं। उन्होंने कहा, ‘बोहिरागोटो जोमिदारों जमीदारों को 10 मार्च को याद दिलाना होगा कि हम अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं। पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी की सरकार ने पहली बार रामनवमी पर सार्वजनिक छुट्टी की घोषणा की है। बंगाल में दुर्गा पूजा, काली पूजा और सरस्वती पूजा की हमेशा से प्रमुखता रही हैं। बीते कुछ समय में राम नवमी और हनुमान जयंती मनाने के लिए लोग उत्साहित नजर आते हैं। आपको बता दें कि इस साल 17 अप्रैल को रामनवमी है। इतना ही नहीं, हाल के कुछ वर्षों में रामनवमी के दौरान पश्चिम बंगाल में हिंसा की जबरदस्त घटनाएं देखी गई हैं। बीजेपी ने इन हिंसक घटनाओं के लिए ममता बनर्जी की सरकार को सीधे-सीधे जिम्मेदार ठहराया। साथ ही ममता बनर्जी पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया है। आपको बता दें कि पिछले साल भी रामनवमी के दौरान भी हिंसा हुई थी। पश्चिम बंगाल सरकार की इस घोषणा पर बीजेपी ने पलटवार किया है। आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने कहा, “ममता बनर्जी हर बार ‘जय श्री राम’ सुनते ही गुस्से से लाल हो जाती थीं। उन्होंने पश्चिम बंगाल में राम नवमी को सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया है। ऐसा उन्होंने अपनी हिंदू विरोधी छवि को बदलने के लिए किया है। हालांकि अब बहुत देर हो चुकी है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि रामनवमी के जुलूस पर कोई पथराव न हो। क्या वह ऐसा करेंगी? जय श्री राम!”
ममता सरकार के द्वारा यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) रविवार को कोलकाता के प्रसिद्ध ब्रिगेड परेड मैदान में एक विशाल रैली करने के लिए तैयार दिख रही है। इस रैली के साथ ही टीएमसी अपने लोकसभा चुनाव अभियान की शुरुआत करने जा रही है। इस रैली का नाम ‘जन गर्जन सभा’ रखा गया है। ममता बनर्जी आगामी चुनावों के लिए एजेंडा स्थापित करने के लिए इस मंच का उपयोग कर सकती हैं। टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी भी इस रैली को संबोधित कर सकते हैं। रैली से पहले अभिषेक बनर्जी ने शनिवार शाम को कार्यक्रम स्थल का खुद निरीक्षण किया। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का अनुमान है कि 6-8 लाख लोगों की भीड़ उमड़ेगी। हम बंगाल के सुरक्षित भविष्य के लिए लोगों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं।’बनर्जी ने कहा, “जिस तरह से सड़क निर्माण, घरों के निर्माण, 100 दिन के काम, स्वास्थ्य कार्यक्रमों और कई अन्य योजनाओं के लिए धन रोककर बंगाल और उसके लोगों को वंचित किया जा रहा है, हम उसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे। वे अशांत माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। बंगाल जो बंगाली लोकाचार का विरोध करता है। मुख्यमंत्री ने बताया कि बंगाल में लोग धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करते हैं और कई संस्कृतियों के लोगों को स्वीकार करते हैं। बनर्जी ने आगे कहा, ‘बंगाल भारत की सांस्कृतिक राजधानी है और यह सभी संस्कृतियों के प्रति सम्मान दर्शाता है। हम कहते हैं कि हालांकि लोगों की अलग-अलग आस्थाएं हो सकती हैं, लेकिन उनके आसपास के उत्सव सभी को साझा करने के लिए हैं। हम आपस में भेदभाव नहीं करते हैं। बंगाल को विभाजित करने और बंगाली संस्कृति को खत्म करने के लिए, हम यह स्वीकार नहीं कर सकते कि वे कैसे साजिश कर रहे हैं। मैं सभी संस्कृतियों से प्यार करती हूं, चाहे वह हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन, पारसी, मुस्लिम और ईसाई हों। हम सभी से प्यार करते हैं। हम सभी को अपने में से एक मानते हैं। लेकिन अगर आप बंगाल को अपमानित कर रहे हैं, तो इसका मतलब है कि आप उन लोगों को अपमानित कर रहे हैं जो यहां रह रहे हैं।’बनर्जी ने कहा, ‘बंगाल ने स्वतंत्रता संग्राम, भारत के नवजागरण का रास्ता दिखाया है। बंगाल ने देश को आगे ले जाने में योगदान दिया है। इस बंगाली चेतना को टुकड़े-टुकड़े करने की साजिश चल रही है। आइए एक दिन के लिए इस साजिश के खिलाफ एकजुट हों।’
रिपोर्ट अशोक झा