चित्रकूट में मंदाकिनी तीरे “भोर के सुर” के साथ नव संवत्सर 2081 का वैदिक स्वागत
विश्व विख्यात पौराणिक तीर्थ चित्रकूट के श्री राम घाट पर मंदाकिनी गंगा के पावन सानिध्य में संस्कार भारती चित्रकूट ने नव संवत्सर 2081 के शुभ अवसर पर ‘भोर के सुर'”कार्यक्रम के अंतर्गत नव वर्ष का भव्यता और दिव्यता के साथ स्वागत किया।ब्रह्म मुहूर्त की बेला में प्रात: 4.00 बजे से 5.30 बजे तक मोहित तिवारी के शास्त्रीय गायन से प्रभु श्री राम और मां भगवती की आराधना भोर के रागों में प्रस्तुत की गई। तत्पश्चात 5.30 से सूर्योदय के पूर्व तक संस्कार भारती के सचिव जितेंद्र प्रताप सिंह ने उपस्थित जन समुदाय का योगाभ्यास और यौगिक क्रियाओं के द्वारा भाव प्रणवन किया गया।
भगवान भाष्कर के उदय के समय सभी ने उनको अर्घ्य अर्पित कर नव संवत्सर का परंपरागत ढंग से स्वागत किया।
कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित रहे श्री भरत मंदिर चित्रकूट के महंत दिव्य जीवन दास ने कहा कि देश की पावन संस्कृति एवं मानवीय मूल्यों की रक्षा के लिए प्रतिवर्ष संस्कार भारती द्वारा आयोजित किया जाने वाला यह कार्यक्रम निश्चित रूप से स्थानीय जन समुदाय के साथ ही सभी लोगों के लिए एक अभिनव प्रेरणा स्रोत है। हम सब मिलकर इस पावन पर्व पर मानव समुदाय को उत्कृष्ट जीवन मूल्यों से परिचित कऱाकर सही अर्थों में श्री राम राज्य की स्थापना का मार्ग प्रशस्त करें। संस्कार भारती के संरक्षक डॉ. गोपाल कुमार मिश्र ने सभी उपस्थित जनों को नव संवत्सर की मंगल कामनाएं देते हुए आह्वान किया कि हम सभी इस पवित्र दिवस के उद्देश्य को अंगीकार कर विकसित भारत के निर्माण में अपना अभिनव योगदान दें। उन्होंने इस अवसर पर लोकतंत्र के महापर्व लोकसभा चुनाव के लिए भी सभी भक्तजनों और उपस्थित जन समुदाय से आह्वान किया कि वह शत-प्रतिशत मतदान को सुनिश्चित कर इस महापर्व को सफल बनाएं।
संस्कार भारती के जिला अध्यक्ष डॉ. रजनीश कुमार सिंह ने संस्कार भारती के उद्देश्य और कार्यक्रम की परिकल्पना को व्यक्त करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम प्रतिवर्ष सभी मानव समुदाय के लिए एक नवीन ऊर्जा और पावन दृष्टि का संदेश लेकर आता है। इसके जरिये समस्त समष्टि में मनुष्य के उत्कृष्ट गुणों को विकसित कर एक नागरिक के रूप में कर्तव्य बोध कराया जाता है। कार्यक्रम के अंत में समस्त कलाकारों को अंग वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शिशिर कुमार पांडेय, जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष पंकज अग्रवाल,डाॅ. जयशंकर मिश्र, डॉ. आलोक पांडेय, डाॅ .प्रमिला मिश्रा, संतोष मिश्रा, डॉ सुशील त्रिपाठी, जयवीर आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे।